कोटा / राजस्थान के लेखक, पत्रकार और सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक डॉ.प्रभात कुमार सिंघल की नवीनतम प्रकाशित पुस्तक ” भारतीय पर्यटन में इस्लामिक आर्कीटेक्चर ” पुस्तक का पाठकों ने अपनी प्रतिक्रिया दे कर व्यापक स्वागत किया है। पुस्तक का विमोचन शुक्रवार 21 जुलाई को कोटा के जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट ओम प्रकाश बुनकर ने किया था। पुस्तक की भूमिका पत्रकार और एडवोकेट अख्तर खान ‘ अकेला ‘ ने लिखी है। वी एस आर डी एकेडमिक पब्लिशर मुंबई द्वारा 94 पृष्ठ की प्रकाशित पुस्तक में आगरा,फतेहपुर सीकरी, लखनऊ,दिल्ली, हैदराबाद, कर्नाटक, राजस्थान, गुजरात ,बिहार,मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र आदि राज्यों सहित अन्य प्रमुख स्थलों की इस्लामिक स्थापत्य कला के दर्शनीय स्थलों को शामिल किया गया है। जिला कलेक्टर की पहली प्रतिक्रिया थी कि इस प्रकार का साहित्य पर्यटन विकास के साथ – साथ समाज में अमन, शांति, सदभाव बनाए रखने में सहायक होता है। अतिरिक्त कलेक्टर राजकुमार सिंह ने कहा कि किसी भी आर्कीटेक्चर पर लिखना दुरूह कार्य है और इस दिशा में किया गया प्रयास सराहनीय है।
राजस्थान सरकार में खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष पंकज मेहता ने कहा कि पुस्तक में इस्लामिक स्थापत्य के इतिहास , निर्माण पद्धति , सिविल इंजीनियरिंग और पर्यटन महत्व का बखूबी चित्रण किया है। राजस्थान सरकार में मदरसा बोर्ड चेयरमेन रहे मौलाना फ़ज़्ले हक़ ने कहा कि यह पुस्तक इतिहास के आइने में इस्लामिक विरासत की संस्कृति उजागर करती है जो भाईचारा , सद्भावना , अमन , सुकून , का पैगाम देती है। अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष एडवोकेट प्रमोद शर्मा ने कहा कि यह पुस्तक स्लामिक स्थापत्य की एक स्थान पर जानकारी के साथ बहुपयोगी
हैंड बुक बन गई है। वरिष्ठ पत्रकार और गाँधीवादी विचारक नरेश विजय वर्गीय ने कहा कि इस्लामिक विरासत को संजोकर, इमारतों , उनकी निर्माण शैली, उनके संक्षिप्त इतिहास को लेकर जो पुस्तक प्रकाशित की गयी है वह वर्तमान हालातों में भाईचारा , सद्भावना , शान्ति , अमन के लिए, मील का पत्थर साबित होगी।
बालकल्याण समिति राजस्थान सरकार के सदस्य एडवोकेट आबिद अब्बासी ने कहा कि देश – विदेश के पर्यटक जो स्थापत्य को पुरातत्व महत्व और ऐतिहासिक विरासत के रूप में देखते हैं उनके लिए यह पुस्तक गाइड के रूप में उपयोगी बन पड़ी है। अभिभाषक परिषद के पूर्व अध्यक्ष रघु नंदन गौतम ने कहा कि इस्लामिक आर्किटेक्ट के इतिहास को गागर में सागर भरने की तरह सारगर्भित अंदाज़ में प्रस्तुत किया गया है।
कोटा राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय प्रभारी डॉ.दीपक श्रीवास्तव का कहना था कि इस्लामिक आर्कीटेक्चर देश की धरोहर हैं, लेखन के माध्यम से इनको देखने की उत्सुकता जाग्रत करने में पुस्तक सहायक बनेगी। कोटा रेलवे में सीनियर सेक्शन इंजीनियर अनुज कुमार कुच्छल का कहना है कि इस्लामिक आर्कीटेक्चर भारत के पर्यटन में महत्वपूर्ण भूमिका भूमिका निभाते हैं। अकेला ताज महल ही भारत का सिरमोर पर्यटक स्थल है। हर देशवासी और विदेशी पर्यटक इसे देखना प्राथमिकता होती है। एडवोकेट महेश वर्मा ने कहा कि पुस्तक में वर्णित सभी पर्यटन स्थल देश के विख्यात दर्शनीय स्थल हैं जिन्हें देखने के लिए पूरे देश के लोग जाते हैं और इनको रुचि के साथ देखते हैं।
नवाबी रियासत वक़्फ़ कमेटी टोंक के पूर्व चेयरमैन साहिबज़ादा मोहम्मद आहमद भय्यू ने कहा कि इस पुस्तक का ऐतिहासिक इस्लामिक विरासत का महत्व तो है ही, लेकिन नवाब और बादशाह शासन की स्मृति के स्मारकों को भी पुस्तक में समायोजित किया गया है जो पुस्तक की विशेषता हैं। लखनऊ से भूपेंद्र कुमार गोयल का विचार है कि पर्यटन स्थल सामाजिक सदभाव बढ़ाने का सर्व श्रेष्ठ माध्यम है। चंडीगढ़ के पंचकूला से मृदुला अग्रवाल कहती हैं समाज में सामाजिक समरसता पैदा करने में पर्यटन स्थल बड़ी भूमिका निभाते हैं, क्योंकि सभी वर्गो के लोग इन्हें देखने जाते हैं। जयपुर की वरिष्ठ पत्रकार( हाल निवासी बड़ौदा) श्रीमती रेणु शर्मा कहती हैं कि पर्यटन स्थल हमारे विचारों और संस्कृति के आदान – प्रदान का मजबूत मंच बनते हैं, इसी सन्दर्भ में यह उपयोगी पुस्तक साबित होगी।
देहरादून से परम कीर्ति शरन, गुरुग्राम से अजय सिंघल, मुंबई से प्रमोद कुमार, दिल्ली से उर्मिल कुमार, फरीदा बाद से सुधीर गोयल, मेरठ से सुशील कुमार, जयपुर से वरिष्ठ जन सम्पर्क कर्मी फारुख आफरीदी, बाल मुकंद ओझा, प्यारे मोहन त्रिपाठी, प्रो.बृज किशोर शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार सुधांशु मिश्र, चित्तौड़गढ़ से वरिष्ठ जन सम्पर्क कर्मी नटवर त्रिपाठी, उदयपुर से लेखक पन्ना लाल मेघवाल, वरिष्ठ पत्रकार वी. के. श्रीवास्तव सहित कोटा के समाजसेवियों, पत्रकारों एवं विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने पुस्तक का स्वागत करते हुए लेखक को शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।