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‘सभी के लिए स्वास्थ्य’ और ‘समर्पण’ थीम के साथ मना विश्व स्वास्थ्य दिवस

बस्ती। वर्तमान समय में स्वास्थ्य को लेकर जागरूक होना बहुत जरूरी है। स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता से आप तमाम बीमारियोंं से बचाव कर सकते हैं और बीमारियों का शुरुआत में ही पता लगा सकते है। इससे इलाज कराने में आसानी होती है और स्वास्थ्य को होने वाले गंभीर नुकसान से भी बचाया जा सकता है। लोगों को हेल्थ समस्याओं के बारे में जागरूक करने के लिए हर साल 7 अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे मनाया जाता है। स्वास्थ्य सम्बन्धी मुद्दों के अलावा लोगों को चिकित्सा के क्षेत्र में हो रही नई रिसर्च और दवाओं के बारे में जागरूक करना भी इस दिन का उद्देश्य है। ‘ विश्व स्वास्थ्य दिवस की 75वीं वर्षगांठ प्लेटिनम जुबली के रूप में मनाई गई।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जिला इकाई ने 7 अप्रैल को  विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया। इस साल इसे ‘समर्पण दिवस’ के रूप में मनाया गया। जनता को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया। समर्पण दिवस का नारा ‘सभी के लिए स्वास्थ्य’ है। इस वर्ष भी 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस को “प्लैटिनम जुबली“ के रूप में 75 वीं वर्षगांठ को अईएमए की ओर से पूरे देश में “समर्पण दिवस“ के रूप में मनाया गया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के तमाम चिकित्सकों ने अपने हाथों में नारे के लिखे पोस्टरों को लेकर प्रभात फेरी निकाली जो शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए सुभाष तिराहे पर समाप्त हुयी।
समर्पण दिवस प्रभात फेरी मैराथन और दीप प्रज्जवलन:-
आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डा. अनिल कुमार श्रीवास्तव ने कहा सभी के लिए स्वास्थ्य ’समर्पण दिवस“ का नारा है“। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ शरद अग्रवाल एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने शाम 7ः०० बजे सांकेतिक रूप में “दिया“ जलाया, जिसका अनुसरण करते हुए सभी चिकित्सकों ने अपने घरों एवं प्रतिष्ठानों में भी मोमबत्ती जलाया। कार्यक्रम में कुछ स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना काल में उनके द्वारा किये गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन सचिव आई०एम० ए० डॉ रंगजी द्विवेदी ने किया और “सभी के लिए स्वास्थ्य विषय पर डा अश्वनी कुमार सिंह, डा के.के. तिवारी एवं आई० एम० ए० अध्यक्ष डा नवीन कुमार आदि ने प्रकाश डाला।
इस अवसर पर आई० एम० ए० के प्रदेश अध्यक्ष डा अनिल कुमार श्रीवास्तव भी पूरे कार्यक्रम में मौजूद रहे। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य दिवस के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए “सभी के लिए स्वास्थ्य“ लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु पूरे प्रदेश को सन्देश दिया। उन्होंने कहा कि “हेल्थ फार आल“ सिर्फ स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी नहीं है अपितु अन्य विभागों के नैतिक सहभागिता के बगैर इसे पूरा नहीं किया जा सकता। कार्यक्रम में डा. सरफराज खान, डा ओ०पी०डी० द्विवेदी, डा दीपक श्रीवास्तव, डा अनिल कुमार चौधरी, डा अर्पित धर द्विवेदी, डा अभिजात कुमार, डा विजय गौतम, डा स्वराज शर्मा, डा पीके श्रीवास्तव, डा प्रदीप कुमार श्रीवास्तव डा आर ० यस० यादव, डा सौरभ द्विवेदी,  डा (श्रीमती) तनु मिश्रा , डा (श्रीमती) ऊषा सिंह, डा शैलेन्द्र चौधरी, डा मनीष कुमार वैश्य, डा वी ० के ० मिश्रा डा (श्रीमती) शशि श्रीवास्तव डा कैप्टन यस ० सी ० मिश्रा डा कैप्टन (श्रीमती) पी0 यल0 मिश्रा समेत तमाम चिकित्सक मौजूद रहे। इस अवसर पर 5 वेलेंटियर को अच्छा काम करने के उपलक्ष में मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।
आईएमए के लोगों ने देर शाम सांकेतिक रूप से अपने घरों व प्रतिष्ठानों में दीप व कैंडल जलाया। शहर के एक होटल में गोष्ठी का आयोजन कर आम लोगों के स्वास्थ्य को लेकर चर्चा की गई। चिकित्सकों ने कैंडल मार्च भी निकाला। कोरोना काल में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मियों को सम्मानित किया गया। संचालन जिला सचिव डॉ. रंगजी द्विवेदी ने किया। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि सभी के लिए स्वास्थ्य केवल नारा बनकर न रह जाए, इसे धरातल पर उतारने के लिए सभी के प्रयास की जरूरत है।
1948 में, WHO ने प्रथम विश्व स्वास्थ्य सभा का आयोजित किया। सभा ने 1950 से प्रत्येक वर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।विश्व स्वास्थ्य दिवस डब्ल्यूएचओ की स्थापना को चिह्नित करने के लिए आयोजित किया जाता है और संगठन हर साल वैश्विक स्वास्थ्यके लिए प्रमुख महत्व के विषय पर विश्वभर का ध्यान आकर्षित करने के अवसर के रूप में देखा जाता है। इस दिन किसी विशेष विषय से संबंधित अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय कार्यक्रमों का परिचय देता है।विश्व स्वास्थ्य दिवस को सार्वजनिक स्वास्थ्य केमुद्दों में रुचि रखने वाले विभिन्न निदेशकों और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा स्वीकार किए जाते हैं , जो गतिविधियों की पकड़ भी रखते हैं और मीडिया दृष्टिकोण में उनके समर्थन को उजागर करते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्‍ल्‍यूएचओ) विश्व के देशों के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर आपसी सहयोग एवं मानक विकसित करने की संस्था है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के 193 सदस्य देश तथा दो संबद्ध सदस्य हैं। यह संयुक्त राष्ट्र संघ की एक अनुषांगिक इकाई है। डा0 श्री प्रकाश बरनवाल का कहना है कि इस संस्था की स्थापना 7अप्रैल 1948 को की गयी थी। इसी लिए प्रत्येक साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता हैं।
 विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी एब्ल्यूएचओ के मुताबिक स्वास्थ्य का मतलब केवल स्वस्थ खाना ही नही है बल्कि दुनियाभर भर में लोग स्वस्थ और लंबा जीवन जी रहे हैं इस बात का भी ध्यान रखना है। नई दवाएं, टीके, तरीके और मशीनें स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों को मिल सकें। इन सारी चीजों का ध्यान रखना विश्व स्वास्थ्य संगठन का काम है।
वर्ल्ड हेल्थ डे का इतिहास:-
विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना 1948 में दुनियाभर के कई सारे देशों ने मिलकर की। जिससे लोगों तक स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं मिल सके। दुनियाभर में बीमारी के इलाज से कोई वंचित ना रह सके। डब्ल्यूएचओ की स्थापना के 2 साल बाद 1950 में वर्ल्ड हेल्थ डे पहली बार मनाया गया। उसके बाद हर साल इस दिन को वर्ल्ड हेल्थ डे के रूप में मनाते हैं।
2023 साल की थीम:हेल्थ फॉर ऑल’ और ‘ समर्पण’ :-
डब्ल्यूएचओ इस साल अपने 75 वर्ष पूरे कर रहा है। इन सात दशक में पब्लिक के स्वास्थ्य और जीवन की क्वालिटी में कितना सुधार हुआ। इन सबको देखेगा और आगे आने वाले चैलेंज और मौकों को समझेगा। साल 2023 में वर्ल्ड हेल्थ डे की थीम है ‘हेल्थ फॉर ऑल’। डब्ल्यूएचओ की थीम से ही जाहिर होता है कि सेहत एक बुनियादी जरुरत है और हर किसी को ये बिना किसी कठिनाई के मिलना चाहिए।
(लेखक: ‘ नोवा हॉस्पिटल’ और ‘एपेक्स डायग्नोस्टिक’ कैली रोड बस्ती से संबद्ध हैं। उन्होंने इस1 कार्यक्रम का खुद अवलोकन किया है।)