राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर महाराष्ट्र के वर्धा में स्थित सेवाग्राम में दुनिया का सबसे बड़ा चरखा स्थापित किया गया है। इस इलेक्ट्रॉनिक चरखे की ऊंचाई 18.6 फीट और चौड़ाई 31 फीट है। लकड़ी और मेटल से बने इस चरखे का वजन 5 टन बताया जा रहा है।
20 दिन में हुआ तैयार
इलेक्ट्रॉनिक चरखे को मुंबई के जेजे स्कूल ऑफ आर्ट कॉलेज के 12 छात्रों ने 20 दिनों में तैयार किया है। छात्रों ने ये चरखा कॉलेज के प्रोफेसर श्रीकांत खैरनार के मार्गदर्शन में तैयार किया। चरखे का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाने के लिए आवेदन किया गया है। इस चरखे में सूत की कताई तो नहीं होती लेकिन ये इलेक्ट्रॉनिक मोटर से घूमता है।
बता दें इससे पहले दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लकड़ी का चरखा लगाया गया था। वह चरखा 15 फीट ऊंचा और 27 फीट चौड़ा है और उसमें 4 टन लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है। उस चरखे को 26 कारीगरों ने 40 दिनों में बनाया था।