कुछ वर्ष पूर्व का एक वाकिया याद हो आता है जब मैं जयपुर में पूर्व आईएएस धर्मेंद्र भटनागर के सुपुत्र के विवाह में शामिल था। वहां उपस्थित तत्कालीन मुख्यमंत्री के सचिव जो कोटा कलेक्टर रह चुके थे तन्मय कुमार जी ने इनकी ओर इशारा कर पूछा ये पके बालों वाले कौन हैं नाम याद नहीं आ रहा है। मैने कहा सर ये स्काउट वाले यज्ञदत्त हाड़ा है । हां ! याद आया ये तो “वन मैन आर्मी” हैं। उनकी अपने मित्र के बारे में सार्थक टिपण्णी सुन खुश होते हुए मैंने कहा सर इन्होंने मुझे भी मंडल सहायक कमीशनर ( प्रचार ) बना रखा है। बोले तभी तो मैंने देखा कि तुम स्काउट – गाइड का खूब प्रचार करते थे।
छात्र जीवन से ही यह स्काउट एवम गाइड संगठन से जुड़े और आज तक इस संगठन के प्रति पूर्ण समर्पित हो कर सेवारत हैं। जब वकालत का अध्ययन कर रहे थे आपको वर्ष 1980 में “राष्ट्रपति रोवर अवार्ड” पुरस्कार से सम्मानित किया गया। आपने इस संगठन को विविध प्रकार सेवा भावना से सींचा और मजबूत किया। विरासत और संगठन से मिले सेवा भाव ही यह वजह रही कि आप सरकारी और गैर सरकारी आयोजनों में हमेशा आप सबसे आगे रहे।
बात पर्यावरण की हो, नशामुक्ति ,स्वच्छता, बाल विवाह रोकथाम , जागरूकता रैलियों ,किसी महापुरुष की जयंती, बाल श्रमिक और बधुआ मजदूर मुक्ति, बच्चों संबंधी समस्याएं, मानव तस्करी की रोकथाम, चिकित्सा शिवरों के आयोजन, कोचिंग विद्यार्थियों में बढ़ती आत्महत्या की रोकथाम, रक्तदान जैसे मुद्दों में बढ़चढ़ कर भाग लेना, आगे आकर विविध आयोजनों की रूपरेखा बनाने से लेकर संपूर्ण आयोजन संपन्न हो तक प्रमुखता से सामने आने वाला एक ही नाम रहता है और वह है यज्ञदत्त हाड़ा। इनके साथ नजर आती हैं सेवाभावी स्काउट और गाइड की सेवाएं। यही नहीं जब भी कोई कानून व्यवस्था की बात हो, भीड़ भरे आयोजन हों, आपात स्थिति हो सभी में ये अपनी टीम के साथ नजर आते हैं।
आपके कार्य करने की ऊर्जा, लगन, परिश्रम और अद्भुत सेवाभाव से आप ” वन मैन आर्मी ” कहे जाने लगे। आयोजन कोई भी, केसा भी हो, सरकारी हो या स्वयं सेवी संस्थाओं का हर समय सेवा और सहयोग के लिए सबसे पहले सबसे आगे। प्रबंध में तो आपका कोई सानी नहीं। अपनी सरकारी सेवा में और सेवा निवृत के बाद के मैने देखा कि हाड़ा ही वह शख्शियत है जो किसी भी कार्यक्रम की सफलता की गारंटी कहे जा सकते हैं। सांख्यिकी विभाग में सहायक निदेशक पद से सेवा निवृत हाड़ा सेवा और सहयोग के अपने अनूठे व्यक्तित्व से उच्चाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, स्काउट एवम गाइड मंडल संगठन, जनमानस और गैर सरकारी संगठनों में लोकप्रिय बने रहे और सेवा निवृत्ति के बाद भी सर्वप्रिय बने हुए हैं। आप समाज सेवा कार्यों की वजह से नगर की अनेक समाज सेवी संस्थाओं से जुड़े हैं।
वे कहते हैं कि पिछले 2004 से चाइल्ड लाइन में लगातार कार्य करना उनके जीवन की सबसे संतोषप्रदत सेवा है। इसके माध्यम से अब तक कोटा जिले में ही लगभग आठ से नौ हजार बच्चों को शोषण, उत्पीड़न और विषम परिस्थितियों से बाहर निकाल कर वापस उनके घर पहुंचाने की खुशी से बढ़ कर क्या खुशी होगी। इस सेवा का संचालन किशोर सागर की पाल पर स्थित स्काउट एवं गाइड कार्यालय में संचालित है और वे इसके नोडल प्रभारी के रूप में कार्य कर रहे हैं। यह सेवा वर्तमान में विगत दो वर्षो से बाल अधिकारिता विभाग और बाल संरक्षण इकाई के तहत संचालित है। इस सेवा के लिए शोषित,प्रताड़ित बच्चे की सूचना देने के लिए हेल्प लाइन नंबर 1898 चौबीस घंटे संचालित रहता है।
पुरस्कार : आपकी उत्कृष्ठ और श्लांघणीय सेवाओं का सबसे बड़ा सम्मान तो यह है की आप सब के दिलों में रहते हैं। सेवा के साथ – साथ बड़ों का सम्मान, बराबर वालों को पूरा स्नेह और छोटों को हमेशा प्रेरित करना आपका स्वभाव रहा है। राष्ट्रपति रोवर अवार्ड से सम्मानित हाड़ा को फरवरी 2004 में राज्यपाल महोदय द्वारा ” मेडल ऑफ मेरिट” से सम्मानित किया गया। आपको उत्कृष्ठ सेवाओं के लिए कई बार कोटा जिला प्रशासन द्वारा प्रशस्ति पत्र एवम मेडल से एवम जनगणना निदेशालय द्वारा ब्रांज मेडल से सम्मानित किया गया। आपको अनेक संस्थाओं द्वारा प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्हों द्वारा समय ,- समय पर सम्मानित किया गया गया है।
परिचय : यज्ञदत्त हाडा का जन्म शंभु सिंह कौशिक के परिवार में 23 सितंबर 1956 को हुआ। आपके पिता धार्मिक वृति के थे और उन्होंने बोरखेड़ा साधना आश्रम की स्थापना की। घर का माहोल और संस्कृति के साथ पिता के गुण और शिक्षा आपको विरासत में मिले और आप भी सेवाभाव से ओतप्रोत सदैव समाज की सेवा में रत रहते है। पीड़ित मानव के प्रति आपके मन में अटूट सेवा भाव है। आपने विज्ञान में स्नातक ,अर्थशास्त्र में अधिस्नातक,विधि में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। आप सांख्यिकी विभाग से सहायक निदेशक पद से नवंबर 2016 में सेवा निवृत हुए। स्काउट एवं गाइड संगठन में स्काउट, रोवर,सीनियर रोवर मेट,। कोटा मंडल सचिव, राष्ट्रीय कौंसिल सदस्य एवम मंडल हेड क्वार्टर कमिश्नर पदों पर आपने सेवाएं प्रदान की। पिछले कई वर्षों से ये उप प्रधान स्थानीय संघ के रूप में सेवा रत हैं। आपने बैंगलोर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय जंबूरी सहित मराई मलाई नगर, गया ( बिहार ) और पालघाट ( केरल ) में आयोजित राष्ट्रीय जंबूरी में कोटा का नेतृत्व किया।
वर्तमान में स्काउट संगठन के साथ – साथ आप चाइल्ड हेल्प लाइन के प्रति समर्पित होकर पिता के देवलोक गमन के बाद 2016 से बोरखेड़ा गायत्री आश्रम का दायित्व भी संभाल रहे हैं। आश्रम के माध्यम से लोगों को संस्कारित करना, जरूरत मंद बच्चों की मदद करना , पर्यावरण एवं नशामुक्ति के प्रयास के साथ गौ पालन के लिए प्रेरित करने जैसे सेवा प्रकल्प संचालित हैं।
– डॉ.प्रभात कुमार सिंघल
लेखक एवं पत्रकार