Monday, November 18, 2024
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लॉस एंजेल्स में गूँजे काशी के स्वर

हिंदुस्तान के कोने-कोने में संगीत भरा है और अगर वो काशी की स्वर लहरियां हो तो बात ही क्या है। इसी सन्दर्भ में विश्व हिन्दू परिषद् ने काशी के महान संगीतकारों और कलाकारों को अपने Save a child (SAC) प्रोग्राम के लिए अमेरिका में आमंत्रित किया। लगभग सारे अमेरिका में अपने शानदार कार्यक्रमों से श्रोताओं को मुग्ध करने के बाद ये कलाकार लॉस एंजेल्स आये। ऑरेंज काउंटी के गायत्री मंदिर में जिस विशुद्ध संगीत और सुर की ज़रुरत थी, उससे कहीं ज्यादा भक्ति संगीत और सुरीला कार्यक्रम इन महान कलाकारों ने प्रस्तुत किया।

विश्व हिन्दू परिषद् के SAC प्रोजेक्ट को अमेरिका में लाने  का सारा श्रेय रेनू गुप्ता जी को जाता है जो यह कार्यक्रम अमेरिका में वर्षों से करती आ रहीं हैं। कार्यक्रम के प्रारम्भ में विश्व हिन्दू परिषद् की LA चैप्टर की उपाध्यक्ष श्रीमती चारु शिवाकुमार ने बताया कि SAC से जुड़ने का उनका यह पहला अनुभव है। उन्होंने आगे बताया कि इस कार्यक्रम के द्वारा लगभग ५३ बच्चों को स्पॉंसर किया गया है। चारु जी ने कहा कि SAC कार्यक्रम के द्वारा भारत में पिछड़े ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा के साथ भोजन और रहने की भी व्यवस्था की जाती है।

SAC को समर्पित ये कार्यक्रम अपने निर्धारित समय से प्रारम्भ हुआ। यह कार्यक्रम ३ चरणों मैं पूरा हुआ। प्रथम सत्र था भजनों का। मंच पर आये श्री जय पांडेय,  सुश्री मीरा त्रिपाठी , श्री सुखदेव प्रसाद मिश्रा,  श्री प्रकाश पाण्डेय और श्री यशपाल। जय पाण्डेय और मीरा ने बहुत ही मोहक राम और कृष्ण भजन गाया और उनके साथ उतने ही सुन्दर संगीत का संयोजन किया श्रीप्रकाश जी (तबला), सुखदेव (वायलिन) और वृन्दावन से पधारे यशपाल (कीबोर्ड) जी ने। सभी श्रोता उनके एक-एक भजन पर झूमते नज़र आये।

इसके बाद दूसरा चरण था तबले और वायलिन की सुन्दर जुगलबंदी का। मंच पर आये श्री अशोक पाण्डेय जी और श्री सुखदेव मिश्रा जी। श्री अशोक पाण्डेय जी और श्री सुखदेव जी बनारस की उन गलियों से आते हैं जहाँ सांस-सांस में भक्ति है और संगीत है। कड़ी साधना के बाद वे दोनों आज उस मुकाम पर पहुंचे हैं जहाँ आज वे हैं। पिछले २७ वर्षों से वे दोनों साथ-साथ कार्यक्रम कर रहें हैं। अशोक जी, तबला भूषण और तबला सिरोमनि जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं और उन्होंने भारत के सभी प्रतिष्ठित मंचों की शोभा बधाई है, चाहे वो सारे-गा-मा का मंच हो, राजनेताओं का मंच हो, या फिर फिल्म संगीत हो। उन्होंने अब तक दुनिया भर में लगभग 1500 से ज़्यादा shows किये हैं फिर भी वे अपने आप को संगीत का विद्यार्थी भर समझते हैं और लोगों की ख़ुशी और सबकी भलाई ही उनका अंतिम लक्ष्य है। उनके दोनों बेटे जय और श्री प्रकाश उनके साथ ही जब Soul of Kashi में उनके सामने ही उम्दा प्रदर्शन करते हैं तो यकीनन उनकी छाती गर्व से फूल जाती होगी।

यही हाल सुखदेव जी का भी है, उन्होंने भी सभी सम्मानीय मंचों से अपनी सुर लहरियां बिखेरीं हैं और श्रोता उनकी हर तान पर सम्मोहित होते रहें हैं। ऐसे दो धुरंधरों को एक साथ अपनी प्रस्तुति करते देखना सचमुच अद्भुत था। दोनों ने तबले और वायलन की जो जुगलबंदी प्रस्तुत की वह श्रोताओं के द्वारा बहुत सराही गयी और सबने यही कहा कि ऐसा सुन्दर कार्यक्रम उन्होंने कभी नहीं देखा। वॉयलिन के हर महीन सुर को जिस खूबसूरती से अशोक जी ने तबले से साधा, वो अद्भुत था। अशोक जी की जो बात मुझे सबसे अच्छी लगी वो ये कि उन्होंने न सिर्फ अपने को इस कला में पारंगत किया है पर उन्होंने अपने बेटों को और अपने शिष्यों को भी ये कला विरासत में दी है। उनके बेटे श्रीप्रकाश ने तबले पर अद्भुत कला का प्रदर्शन किया और युद्ध, शंख और सीता-राम, सीता-राम की ध्वनियों को अपने तबले से प्रस्फुटित करके सबको चकित कर दिया। अपनी कला से उन्होंने सबको इतना मोहित किया है कि फ्रांस ने उनके सम्मान में डाक टिकट पर उनकी तस्वीर जारी की है जो सचमुच ही भारत और काशी के लिए गर्व का विषय है।

कार्यक्रम का का तीसरा भाग था बॉलीवुड गानों का। मीरा और जय ने रफ़ी साहेब, मुकेश जी, हेमंत कुमार के पुराने सदाबहार गीतों से सबका दिल जीत लिया। नय्यर साहेब को समर्पित उनका एक सेगमेंट इतना सुन्दर था कि दर्शक स्वयं को रोक नहीं पाए और नृत्य करने लगे। एक सुन्दर, सादे और सुमधुर कार्यक्रम का समापन दोनों के देश भक्ति के गीतों से हुआ और दर्शक भाव-विभोर होकर घर लौटे।

कार्यक्रम के अंत में चारु जी सभी का घन्यवाद करते हुए कहा कि  मैं अपने सभी  दानकर्ताओं का बहुत-बहुत धन्यवाद करती हूँ। मुख्यतः, चारु मेहता , डॉ प्रतिभा देसाई , डॉ गुणवंत मेहता , श्रीमती इला मेहता और अशोक मेहता का धन्यवाद किया। उन्होंने अपने सभी स्वयं सेविकों का भी धन्यवाद किया जिनमें सुभास टोलिआ, सुभाष भट्ट, हसमुख मोदी, सुरेखा  मोदी, विलास जाधव , नीला पारिख, अपर्णा हांडे और  राधिका पटेल प्रमुख थे। चारु जी ने अपने पति श्री शिवकुमार जी को भी धन्यवाद कहा। इस कार्यक्रम को कुशलता से इस मुकाम तक पहुँचाने में (केशव पटेल- चेयर, कौशिक पटेल-को-चेयर, अरविन्द पटेल-कन्वीनिअर, हर्क वासा-मार्केटिंग निर्देशक, अरविन्द पटेल और चारु शिवकुमार-संयोजक) ने अपना अमूल्य समय और सहयोग दिया। कार्यक्रम के संचालन का सौभाग्य श्रीमती चारु शिवकुमार के साथ मुझे भी मिला जिसे लोगों ने बेहद सराहा।

उम्मीद है आत्मीय सुरों में गूंधी गयी ये शाम देर तक लोगों के जेहन में गूंजती रहेगी और भारत का हर ज़रूरतमंद बच्चा, कहीं न कहीं इन्हीं सुरों के सहारे अपने जीवन को काशी बना पाएगा।

रचना श्रीवास्तव, लॉस एंजेल्स, कैलिफ़ोर्निया में रहती हैं और वहां से हिन्दी मीडिया के लिए नियमित रिपोर्टिंग करती हैं।
All Pictures: Dr. Avinash Srivastava (अविनाश श्रीवास्तव)
Rachana Srivastava
Reporter, Writer, and Poetess
Los Angeles, CA

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