Thursday, May 2, 2024
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Monthly Archives: April, 2018

हर्वा बदल रहा है गाँवों की हवा

चतुर्वेदी कहते हैं, “इस शताब्दी के शुरुआत में मैं जब भी भारत की यात्रा पर आता तो मुझे शहरी भारत में गरीबी की बड़ी खाई देखने को मिलती- ट्रैफिक सिगनलों पर भीख मांगते भिखरी, बेघर लोग, लेकिन साथ ही आकाश छूती इमारतें, भव्य शॉपिंग मॉल और जबर्दस्त लग्ज़री! बाज़ार का वाकई उदारीकरण हो चुका था। ”

आसाराम के सौ करोड़ हजम कर गए उसके भक्त

कानपुर। जिस आसाराम के सामने खड़े होकर सिर उठाने की हिम्मत नहीं पड़ती थी। उसे भगवान मानकर पूजा की जाती थी, ऐसे कुछ भक्तों को आसाराम का ताउम्र जेल जाना फल गया। उसे उम्रकैद की जैसे ही सजा हुई, वैसे ही चंदे के रूप में आए 100 करोड़ रुपए आसाराम के कुछ भक्त हजम कर गए। अब मैनावती मार्ग स्थित आसाराम के आश्रम पर भी कुछ लोगों ने नजरें गड़ा दी हैं।

नारायण साईँ बेटा बाप से बढ़ के

गुरुकुल की नाबालिग बच्‍ची से रेप के मामले में आसाराम को दोषी माना गया है. एक ओर जहां आसाराम इस मामले में पिछले चार साल सात महीने से जोधपुर की कोर्ट में बंद है, वहीं उसके बेटे नारायण साईं ने भी काली करतूतों में अपने पिता का खूब साथ निभाया. यही नहीं नारायण साईं पर उसकी पत्‍नी जानकी पहले ही अवैध संबंधों का आरोप लगा चुकी है. फिलहाल नारायण साईं सूरत की लाजपोर जेल में कैद है. उस पर आश्रम की एक युवती से बलात्‍कार का आरोप है.

देश के 100से ज्यादा मैनेजमैंट संस्थानों में छात्रों का टोटा, बंद होने के कगार पर

देश के सौ से ज्यादा मैनेजमेंट संस्थानों ने स्वैच्छिक समापन के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) में आवेदन किया है. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक इस प्रक्रिया से जुड़े कुछ अधिकारियों ने यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि इन संस्थानों में छात्र पढ़ने के लिए नहीं आ रहे और जिन छात्रों को डिग्री-डिप्लोमा मिल चुका है उन्हें कैंपस प्लेसमेंट के जरिये नौकरियां नहीं मिल रही हैं.

पत्रकार पीयूष बबेले को ज़ी में अहम जिम्मेदारी

ज़ी मीडिया समूह की वेब साईट जी न्यूज.कॉम वरिष्ठ पत्रकार पीयूष बबेले को ओपिनियन संपादक की अहम जिम्मेदारी दी जा रही है। पीयूष बबेले अब जी के जरिए डिजिटल मीडिया का हिस्सा बनेेंगे। ओपिनियन एडिटर के तौर पर zeenews.india.com/hindi में उनकी नियुक्ति इस क्षेत्र में एक नया प्रयोग है। इसके पहले पीयूष दैनिक भास्कर में राजनीतिक संपादक के पद पर कार्यरत थे। दैनिक भास्कर में उन्होंने कई चर्चित खबरें देकर अपनी धाक जमाई थी।

अब जेल की रोटी खाएगा और पेड़ पौधों को पानी देगा कैदी नं. 130 आसाराम

नाबालिग से बलात्कार में फंसे आसाराम राहत मिलने की आस लगाए बैठे थे, मगर कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया। इसी के साथ जेल से रिहा होने की उम्मीदों को झटका लगा। अब आसाराम बंदी से मुजरिम बन गया। जेल प्रशासन ने आसाराम को कैदी नंबर 130 बनाया है।नाबालिग से बलात्कार का केस दर्ज होने के बाद एक सितंबर 2013 को आसाराम की गिरफ्तारी हुई थी। पिछले चार साल, सात माह और 24 दिन से वह जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद रहा। आसाराम जेल में बने अस्थाई कोर्टरूम में विचाराधीन बंदी के रूप में गया और बाद में सजायाफ्ता बनकर निकला।

बहादुर पीडि़ता का वो बयान, जिसने आसाराम का भविष्य जेल की सलाखों से लिख दिया

जोधपुर: नाबालिग से बलात्कार के आरोप में जोधपुर कोर्ट ने आसाराम को दोषी करार दिया है. सजा पर फिलहाल बहस चल रही है. आसाराम के अलावा कोर्ट ने शिल्पी और शरदचंद्र को भी जोषी करार दिया है. जबकि, दो अन्य आरोपियों शिवा और प्रकाश को बरी कर दिया गया है.

संघ पर बनेगी फिल्म, संघ प्रमुख की हरी झंडी

नई दिल्ली । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर पहली फिल्म बनाने की तैयारी पूरी हो गई है। स्क्रिप्ट फाइनल कर ली गई है जिसे संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने देखकर ग्रीन सिग्नल दे दिया है। अब फिल्म बनाने के लिए डायरेक्टर और स्टार कास्ट फाइनल की जा रही है। संघ पर बनने वाली इस फिल्म का बजट करीब 180 करोड़ रुपये रखा गया है। यह फिल्म अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले आ सकती है।

उप्र के डीजीपी का फर्जी एकाउंट बनाकर ठग से 40 हजार वापस लिए

गोरखपुर: गोरखपुर के रहने वाले 10वीं क एक लड़के ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी के नाम से फर्जी ट्विटर अकाउंट बना डाला. यही नहीं मामले को सुलझाने के लिए यूपी पुलिस को निर्देश भी दिए. लड़के के भाई से किसी ने 45 हजार रुपये ठग लिए थे, लेकिन पुलिस में श‍िकायत दर्ज होन के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसी बात से परेशान होकर लड़के ने यह कदम उठाया.

अमरीका में कैसे होती है लाबिंग

कल नेशनल ज्योग्राफिक पर कार्यक्रम “लिविंग डेंजरसली" देख रहा था देखकर चौंक गया अमेरिका में पैसे के दम पर किस तरह से कोई भी फैसला बदला जा सकता है और जो अमेरिकी कानून में लीगल भी है अमेरिका में लॉबिस्ट लीगल है यानी कि कोई भी कंपनी किसी को पैसे देकर के भले वह सांसद हो या कोई एक्टिविस्ट हो या किसी शहर का मेयर हो या सामाजिक कार्यकर्ता
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