Friday, April 26, 2024
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Monthly Archives: February, 2021

हिंदी में मौलिक पुस्तक लेखन हेतु राजभाषा गौरव पुरस्कार के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित

पुस्तक इंजीनियरी, इलेक्ट्रिनिक्स, कंप्यूटर विज्ञान, भौतिकी, जैव विज्ञान, ऊर्जा, अंतरिक्ष विज्ञान, आयुर्विज्ञान, रसायन विज्ञान, सूचना प्रौद्योगिकी, प्रबंधन, मनोविज्ञान आदि तथा समसामयिक विषय

इच्छापुरम में मनाया गया. रोटरी इंटरनेशनल 116 वाँ स्थापना दिवस

सदस्यों ने इसके प्रयासों की भूरी भूरी प्रशंसा भी की। इसमे उपसी वाईस प्रसिडेंट श्री डी कृष्ण मूर्ति रेड्डी जी व्दारा सभी प्रमुख उपस्थित सदस्यों के साथ मिलकर केक काटकर इस स्थापना दिवस को

गायक बनने आए जयराम आचार्य की धुनों ने कई गीतों को कालजयी बना दिया

मुंबई का यशवंतराव नाट्य मंदिर, माटुंगा में 15 फरवरी 2009 को एक विशेष संगीत कार्यक्रम में जिन दो महान वाद्ययंत्र वादकों का उत्सव मनाया गया उनमें से एक थे सितार वादक जयराम आचार्य

भारत में ब्राह्मणों का भविष्य क्या है ?

*भारत में ईसाई समुदाय की प्रति व्यक्ति आय तकरीबन 1600 रुपए, sc/st की 800 रुपए, मुसलमानों की 750 के आस पास है। पर ब्राह्मणों में यह आंकड़ा सिर्फ़ 537 रुपये है और यह लगातार गिर रहा है।*

सरकारी सेवाओं से मातृभाषाओं की बिदाई

आज भी इस देश की सत्तर प्रतिशत जनता गावों में ही रहती है. उनकी शिक्षा ग्रामीण परिवेश की शिक्षण संस्थाओं में ही होती है. गाँवो की इन प्रतिभाओं

न धोबी का कुत्ता होता है न गधा पहलवान होता है…

एक मुहावरा है-अल्लाह मेहरबान तो गदहा पहलवान। सवाल उठता है कि पहलवानी से गदहे का क्या ताल्लुक। पहलवान आदमी होता है जानवर नहीं।

मानवाधिकारों की रक्षा पत्रकारिता की प्रतिबद्धता : प्रो. संजय द्विवेदी

प्रो. द्विवेदी ने कहा कि भारत में मीडिया की भूमिका हमेशा सकारात्मक रही है। मानव अधिकारों को लेकर मीडियाकर्मी ज्यादा संवेदनशील हैं।

पिछले 70 सालों में देश में 20 लाख कुएं, पोखर एवं झीलें ख़त्म हो चुके हैं

भारत के नियंत्रक और लेखा महानिरीक्षक की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी योजनाएं प्रतिदिन प्रति व्यक्ति चार बालटी स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के निर्धारित लक्ष्य का आधा भी आपूर्ति करने में सफल

मातृभाषा: अपना गौरव अपनी पहचान

आज अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर प्रत्येक देशवासी को संकल्पबद्ध होना होगा की भारत के समुचित विकास, राष्ट्रीय एकात्मता एवं गौरव को बढ़ाने हेतु शिक्षण, दैनंदिन कार्य तथा लोक-व्यवहार में

डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा की दो पुस्तकों का लोकार्पण

यहाँ दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के खैरताबाद स्थित परिसर में विगत 11 फरवरी को डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा की दो पुस्तकों ‘तेलुगु साहित्य : एक अंतर्यात्रा’ और ‘कुछ कोलाहल,
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