Wednesday, May 1, 2024
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Monthly Archives: April, 2021

जेलों के लिए बना तिनका प्रिजन रिसर्च सेल: कोरोना, रेडियो और संवाद पर होगा शुरुआती काम

तिनका तिनका फाउंडेशन ने 2020 में हरियाणा की तीन जेलों (जिला जेल पानीपत, जिला जेल फरीदाबाद और केंद्रीय जेल अंबाला) में रेडियो की संकल्पना करने के बाद बंदियों

पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक ने रेलवे की स्थायी समिति के माननीय सांसदों के साथ विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा

श्री ठाकुर ने बताया कि यह उल्लेखनीय हैं कि श्री अरविंद सावंत द्वारा सांसद संदर्भों के 38 मुद्दों में से 35 का अनुकूल उत्तर दिया गया और 3 नीतिगत मामलें में स्पष्टीकरण के लिए शेष है।

शब्द-साधक व हिंदी कर्मयोगी, अरविंद कुमार नहीं रहे

समांतर कोश से अब तक उनके केवल कोश ही प्रकाशित हुए हैं लेकिन पहली बार यह पुस्तक एक अलग तरह का प्रकाशन होगा। इसकी सामग्री नौ संभागोँ मेँ विभाजित है।

हिंदी फिल्म किसी से न कहना…. बहुत कुछ कहता है समाज से।

मुख्य पात्र उत्पल दत्त के अनुभवों में यह प्रदशित होता है कि अंग्रेजी भाषा ने हमें हमारी जड़ों से दूर कर दिया है। अग्रजों के साथ व्यवहार की शिक्षा निज भाषा से ही संभव है क्योंकि भाषा तय

कोरोना को जानें: वो सवाल जिनके जवाब आप खोज रहे हैं

पढ़ने हेतु आभार लेकिन अमल करेंगे तब ही सुरक्षित रहेंगे,अपने दुश्मन व मित्र आप स्वयं है, याने लापरवाही कतई ना करें।

जिला कलेक्टर पुलिस उप अधीक्षक, समाजसेवियों व चिकित्सकों ने चेताया

विचार गोष्ठी में कोटा बूंदी बारां तथा झालावाड़ के पत्रकार समाजसेवी चिकित्सक गण आमजन ने भाग लिया तथा पुलिस प्रशासन एवं चिकित्सा से संबंधित अपने विभिन्न प्रश्नों को रखा

साहित्य से ही अभिनय में बौद्धिक पूर्णता संभव – अनूप त्रिवेदी

साहित्य एक अभिनेता को बौद्धिक रूप से पूर्ण विकसित करता है। एक अभिनेता को वास्तविक कलाकार बनाने में साहित्य की अहम भूमिका है।'

जहाँ बलिदान हुए भाई सती दास , भाई मती दास और भाई दयाला वहाँ इफ्तार चल रहा है

वो बढ़ खालसा गांव आज भी वहीं है। उस हवेली में , जहां दादा कुशाल सिंह दहिया ने अपना शीश दिया आज एक भव्य गुरुघर स्थापित है । हर साल दादा कुशाल सिंह दहिया की याद में मेला भरता है ।

अंग्रेजों के आने के पहले कितनी उन्नत थी हमारी चिकित्सा व्यवस्था

संक्षेप में, प्लास्टिक सर्जरी का भारत में ढाई से तीन हजार वर्ष पूर्व से अस्तित्व था. इसके पक्के सबूत भी मिले हैं. शरीर विज्ञान का ज्ञान और शरीर के उपचार यह हमारे भारत की सदियों से

आइए…जानिए, कॉमन मैन से बने एड मैन की जनता के साथ धोखे की कहानी…।।

पिछले सात-आठ वर्षों से जब जन लोकपाल के लिए आंदोलन हुआ दिल्ली में लाखों की संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता व आंदोलनकारियों के रूप में देश में एक सकारात्मक पहल की
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