Saturday, April 27, 2024
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Monthly Archives: November, 2022

वैश्विक मंच पर प्रधानमंत्री की बढ़ती लोकप्रियता के साथ बढ़ती भारत की धमक

यह भारत की सुविचारित कूटनीति का ही परिणाम था कि रूस- यूक्रेन युद्ध के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के कारण कुछ समय के लिए युद्ध रूका और वहां फंसे भारतीय छात्रों की वापसी संभव हो सकी।

लोकतांत्रिक संस्कृति का पतन

चीन जो संयुक्त राज्य सुरक्षा परिषद(विश्व कार्यकारिणी) का स्थाई सदस्य है।

पहचान हिंदुत्व की..!

मुझे मजेदार बात लगी, की यह युवा मुख्यशिक्षक मुझे बता कर की “शाखा में आज उपस्थितों की संख्या कम हुई, तो कोई बात नहीं...”, मानो मेरी हिम्मत बढ़ा रहा था...!

जो कभी किसी स्कूल ही नहीं गया वो देश का पहला शिक्षा मंत्री बन गया

सही मायने में देखा जाये तो आजाद पूरे भारत को मुगलिस्तान के रूप में देखना चाहते थे।

हाड़ोती संस्कृतिः मूर्तिकला दीर्घा, संग्रहालय बारां

हाड़ौती का बारां जिला मंदिर स्थापत्य एवं मूर्तिकला की दृष्टि से सर्वाघिक सम्पन्न है। इस जिले में स्थित अटरू काकोनी, कृष्णविलास, रामगढ़, शैरगढ़, घूमेन, बिछालस एवं सहरोद तत्कालीन मंदिर वास्तु एवं मूर्तिशिल्प के प्रमुख केन्द्र हैं।

भारत के आर्थिक विकास में जनजाति समाज की महत्वपूर्ण

भारत भूमि का एक बड़ा हिस्सा वनों एवं जंगलों से आच्छादित है। भारतीय नागरिकों को प्रकृति का यह एक अनोखा उपहार माना जा सकता है। इन वनों एवं जंगलों की देखभाल मुख्य रूप से जनजाति समाज द्वारा की जाती रही है।

वैदिक काल की कुछ प्रसिद्ध भारतीय विदुषियाँ

गार्गी जनक की सभा में उपस्थित विद्वानों में से एक थीं। उनको वेदों का अच्छा ज्ञान था। उनके और महर्षि याज्ञवल्क्य के बीच हुए शास्त्रार्थ (बृहदारण्यक उपनिषद – 3.6) के प्रसंग से सिद्ध होता है कि वह एक प्रभावशाली व्यक्तित्व की स्वामिनी थीं।

डॉ. गजे सिंह राजपुरोहित को गौरीशंकर कमलेश राजस्थानी भाषा पुरस्कार और संतोष चौधरी को कमला कमलेश पुरस्कार

वर्ष 2022 के स्व. गौरीशंकर कमलेश राजस्थानी भाषा पुरस्कार और कमला कमलेश स्मृति पुरस्कार की घोषणा ज्ञान गीत भारती संस्था कोटा के सचिव एडवोकेट सुरेन्द्र शर्मा द्वारा कर दी गई है।

नव्य-भव्य ‘श्री काशी विश्वनाथ धाम’ के साथ ‘देव दीपावली’ और ‘गंगा आरती’ अब डाक विभाग के विशेष आवरण पर भी छाये

वाराणसी। काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद आयोजित पहली देव दीपावली को ऐतिहासिक बनाने के लिए भारतीय डाक विभाग ने देव दीपावली, श्री काशी विश्वनाथ धाम और गंगा आरती पर तीन विशेष आवरण व विरूपण जारी किये।

पुरी ,श्रीमंदिर में पंचुक –दर्शन संपन्नः समाजसेवी सुभाष भुरा ने कराया पंचुक भक्त-दर्शन रात्रिभोज

भुवनेश्वर। 8नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के एक दिन पूर्व रात्रि में पुरी,श्रीमंदिर में पंचुक –दर्शन संपन्न हो गया।गौरतलब है कि पवित्रतम मास कार्तिक के अंतिम पांच दिन भगवान जगन्नाथ जी के दर्शन पांच अलग –अलग वेशों में किया जाता है जिसे पंचुक कहा जाता है।
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