Friday, May 3, 2024
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Monthly Archives: December, 2022

पत्रकार और लेखक लोकेंद्र सिंह को मिला अखिल भारतीय नारद मुनि–2021 पुरस्कार

भोपाल। साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश की ओर से ब्लॉग/फेसबुक/नेट पर लेखन के लिए वर्ष 2021 के लिए ‘अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार’ लेखक एवं पत्रकार लोकेंद्र सिंह को दिया गया है। हिन्दी ब्लॉगिंग के प्रारंभिक समय से लोकेंद्र सिंह ब्लॉग लेखन से जुड़े हैं। देश के चुनिंदा ब्लॉगर में उनकी गिनती होती है। उनके ब्लॉग ‘अपनापंचू’ पर कहानी, कविता, ललित निबंध, रेखाचित्र, यात्रा वृत्तांत के साथ ही समसामयिक विषयों पर आलेख हैं। कोरोना महामारी के बाद से उन्होंने यूट्यूब पर ‘अपना वीडियो पार्क’ नाम से वीडियो ब्लॉगिंग भी शुरू की है। यहां भी वे कविता और यात्रा वृत्तांत के साथ सामयिक विषयों पर रोचक जानकारी प्रस्तुत करते हैं।

“द कश्मीर फाइल्स” पर अनर्गल प्रलाप और विकृत राजनीति

गोवा में आयोजित भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में इंटरनेशनल फिल्मों की ज्यूरी के के प्रमुख इजराइली फिल्मकार नदव लैपिड ने विवेक अग्निहोत्री की फिल्म, “द कश्मीर फाइल्स” को ”वल्गर प्रोपेगेंडा“ और घटिया करार देकर एक बहुत ही शर्मनाक व घटिया हरकत की है। उनके बयान से ऐसा लगता है कि नदव लैपिड भारत के उस छद्म वामपंथी गिरोह की साजिशों का हिस्सा बन गये हैं जो हिंदू समाज से नफरत करता है। इस विषाक्त बयान के पश्चात सोशल मीडिया में वह सभी लोग इससे भी अधिक निकृष्ट शब्दों का प्रयोग करके ऐसे खुशी मना रहे हैं जैसे उन्होंने एक बहुत बड़ी लड़ाई जीत ली हो। जो लोग आज नदव लैपिड के बयान पर नाच रहे हैं उन्हें ईश्वर और देश की जनता दोनों शांत भाव से देख रहे हैं।

दिव्यांग जनों के सशक्तिकरण के लिए सरकार के प्रयास

दिव्यांग व्यक्तियों में दृष्टिबाधित ,श्रवण बाधित ,वाक बाधित ,अस्थि दिव्यांग और मानसिक रूप से दिव्यांग शामिल है। भारत सरकार ने दिव्यांगों के प्रति संवेदनशील पहल की है, इसके मुताबिक अब दिव्यांगों को अपमानित करने, धमकी ,देने पिटाई करने पर 6 माह से लेकर 5 वर्ष तक का कठोर सजा का प्रावधान है राजपत्र में प्रकाशित दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 में सख्त प्रावधान किया गया है। यह भारत सरकार का एक सराहनीय और लोक कल्याणकारी राज्य की उपादेयता में सकारात्मक पहल है।

श्रीरामचरितमानस पारायण पाठ हेतु श्रीराम परिवार समिति की बैठक

कटक। श्रीराम परिवार समिति कटक, द्वारा आगामी दिसम्बर माह में आयोजित किए जानेवाले भव्य एवं विशाल"श्रीरामचरितमानस पारायण पाठ महायज्ञ" की प्रस्तुति बैठक आयोजन स्थल "श्रीश्याम मन्दिर प्रांगण" मे सम्पन्न हुई। आज की बैठक की अध्यक्षता श्रीरामचरितमानस पारायण पाठ के निमित्त बनी समिति के चेयरमैन गोभक्त डॉ. किशनलालालजी भरतिया ने की । दिनेश जी कमानी ने बैठक का संचालन किया । सुनील सांगानेरिया (पप्पु) श्रीगणेश वन्दना , श्री हनुमान चालीसा का पाठ एवं श्रीराम नाम संकीर्तन के साथ बैठक का आरम्भ हुआ ।

नज़ीर ‘बनारसी’ की 113वीं जयंती पर ‘नज़ीर बनारसी यादों के आईने में’ पुस्तक का विमोचन

बेनज़ीर थे नज़ीर 'बनारसी' - संकट मोचन मंदिर महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र नज़ीर 'बनारसी' की शायरी व कविताएँ आगामी पीढ़ियों के लिए धरोहर - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव वाराणसी। गंगा-जमुनी तहजीब और बनारसी मिजाज के मशहूर शायर नज़ीर 'बनारसी' की 113वीं जयंती के उपलक्ष्य में नज़ीर बनारसी एकेडमी और डॉ. अमृत लाल इशरत मेमोरियल सोसाइटी के संयुक्त तत्वाधान में नागरी नाटक मंडली, वाराणसी में आयोजित समारोह में 'नज़ीर बनारसी यादों के आईने में' पुस्तक का विमोचन संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र, मुख्य अतिथि पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव और गणमान्य अतिथियों द्वारा किया गया।

मन की बात ” कुछ अपनी कुछ उनकी “

अपने स्व से मिली प्रेरणा और चतुर्दिक परिवेश से प्राप्त संवेदनाओं के समन्वित स्वरों का तरंगित आयाम जब वैचारिक रूप से साकार होता है तो सृजन सन्दर्भों के विविध पक्ष उभरने लगते हैं। यही सन्दर्भ सृजन मूल्यों को समर्पित व्यक्ति के लिए सामाजिक,सांस्कृतिक और साहित्यिक परिवेश का निर्माण करते हैं और वह अपने पथ पर अनवरत बढ़ता हुआ प्रेरणात्मक पुञ्ज प्रदान करता है। इन्हीं सन्दर्भों का बतियाता दस्तावेज़ है कृष्णा कुमारी की कृति - "कुछ अपनी कुछ उनकी " साक्षात्कार की यह कृति मात्र प्रश्नोत्तरी नहीं है वरन् व्यक्तित्व-कृतित्व का वह वार्तालाप है जो भीतर की चेतना और बाह्य परिवेश की संवेदना का विवेचन प्रस्तुत कर संवाद स्थापित करता है और प्रेरणात्मक अनुभवों को साझा करता है।

‘इंडियन रॉबिन हुड’ यानि वीर सिपाही टंट्या मामा

हम आजादी के 75वां वर्ष का उत्सव मना रहे हैं तब ऐसे अनेक प्रसंग से हमारी नयी पीढ़ी को रूबरू कराने का स्वर्णिम अवसर है। मध्यप्रदेश ऐसे जाने-अनजाने सभी वीर योद्धाओं का स्मरण कर आजादी के 75वें वर्ष को यादगार बना रहा है। खासतौर पर उन योद्वाओं का जिन्होंने अपने शौर्य से अंग्रेजी सेना को नेस्तनाबूद कर दिया। ऐसे में वीर योद्धा टंट्या भील को हम टंट्या मामा के नाम से संबोधित करते हैं, वह सदैव हमारे लिये अनुकरणीय रहे हैं। यह हिन्दुस्तान की माटी है जहां हम अपने योद्धाओं का हमेशा से कृतज्ञ रहे हैं। ऐसे में टंट्या मामा का स्मरण करते हुए हम गर्व से भर उठते हैं कि वीर योद्धा टंट्या मामा की वीरता को सलाम करने के लिए पातालपानी रेल्वे स्टेशन से गुजरने वाली हर रेलगाड़ी के पहिये कुछ समय के लिए आज भी थम जाता है। जनपदीय लोक नायकों का स्मरण तो हम समय-समय पर करते हैं लेकिन वीर योद्धा टंट्या मामा को प्रतिदिन स्मरण करने का यह सिलसिला कभी थमा नहीं, कभी रूका नहीं।

रवीश के बहाने उधड़ती पत्रकारीय परंपरा की बखिया

सबसे पहले तो यह घोषणा कि रवीश कुमार के प्रति जितना प्रेम आपके मन में है उससे कुछ ज्यादा ही स्नेह अपन भी उनसे...

भारतीय तटरक्षक के उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर एमके-III स्क्वाड्रन, 840 एसक्यूएन (सीजी), को चेन्नई में कमीशन किया गया

तटरक्षक क्षेत्र पूर्व, 840 स्क्वॉड्रन (सीजी) को और मजबूत करने के प्रमुख प्रयास के तहत उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) एमके-III स्कवॉड्रन को महानिदेशक श्री वीएस पठानिया ने 30 नवंबर, 2022 को आईसीजी एयर स्टेशन, चेन्नई में कमीशन किया। उक्त 840 स्कवॉड्रन (सीजी) को कमीशन किया जाना इस बात का संकेत है कि हेलीकॉप्टर निर्माण के क्षेत्र में देश आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से अग्रसर है। यह प्रयास केंद्र सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ की परिकल्पना के अनुरूप है। इससे तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश के संवेदनशील समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा के लिये भारतीय तट रक्षक की क्षमताओं में बहुत बढ़ोतरी हो जायेगी।

पी सी आई इंडिया का भविष्योन्मुख रूपांतरण

नई दिल्ली, दिल्ली। कोविड महामारी के बाद दुनिया में हो रहे बदलावों को ध्यान में रखते हुए, सामाजिक विकास के क्षेत्र की एक अग्रणी संस्था के रूप में, पीसीआई इंडिया ने साहसी कदम उठाते हुए एक नवीन परिकल्पना और ब्रांड का अनावरण किया। प्रोजैक्ट कंसर्न इंटरनेशनल (पीसीआई) इंडिया, एक गैर सरकारी संस्था जो 1998 से भारत में वंचित समुदायों के साथ काम कर रही है, ने आज एक साहसिक नयी परिकल्पना, मिशन, मूल्यों और प्रतीक चिन्ह का अनावरण करके अपने ब्रांड रूपांतरण की घोषणा की। पीसीआई इंडिया 2023 में 25 साल पूरा करने जा रही है और यह रूपांतरण इसके संगठनात्मक बदलाव का एक हिस्सा है।
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