नैतिकता का दावा कर मंत्री पद से इस्तीफा देनेवाले भाजपा नेता और पूर्व राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे आज भी मलबार हिल स्थित रामटेक बंगले में आराम फरमा रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार की अनुमति लिए बिना ही एकनाथ खडसे बंगले में रहने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को महाराष्ट्र सरकार ने दी हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने महाराष्ट्र सरकार से एकनाथ खडसे को दिए हुए 2 बंगलों की जानकारी मांगी थी। महाराष्ट्र सरकार के अवर सचिव और जन सूचना अधिकारी शि.म.धुले ने अनिल गलगली को बताया कि एकनाथ खडसे, पूर्व मंत्री के कब्जे में एकही रामटेक बंगला हैं जो उन्होंने आज तक खाली नहीं किया हैं। खडसे को सरकारी निवासस्थान में रहने की अनुमति नहीं दी गई हैं। रामटेक बंगला दिनांक 19 नवंबर 2014 को खडसे दिया गया था जिसका कुल एरिया 8857 वर्ग फुट हैं। शि.म.धुले ने अनिल गलगली को दिनांक 1 मार्च 2014 का सरकारी निर्णय की कॉपी दी जिसमें मंत्री पद से पदमुक्त होने के दिनांक से15 दिनों के भीतर सरकारी निवासस्थान सरकार को सौंपना आवश्यक हैं और अगर सरकार की अनुमति से आगे 3 महीने निवास किया गया तो रु 25/- प्रति वर्ग फूट महीना किराया एवमं अंतर्गत सुविधाओं का पूर्ण चार्ज वसूल किया जाता हैं। लेकिन खडसे को किसी भी तरह की अनुमति सरकार ने नहीं देने से वे अवैध तरीके से निवास कर रहे हैं। दिनांक 4 जून 2016 को इस्तीफा देने के बाद 19 जून 2016 को बंगला खाली करना आवश्यक था।
महाराष्ट्र सरकार ने एकनाथ खडसे पर की हुई मेहरबानी गलत हैं और अनुमति नहीं होने से अवैध तरीके से निवास करनेवाले खडसे पर कारवाई करते हुए बंगला खाली करे, ऐसी मांग अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखे हुए पत्र में की है। राज्य सरकार के कर्मचारियों का निवासस्थान ताबडतोब खाली करनेवाले अधिकारी एकनाथ खडसे जैसे पूर्व मंत्रियों के मामले में नरमी बरतने पर अनिल गलगली ने आश्चर्य व्यक्त किया हैं
अनिल गलगली
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