युवा कार्यक्रम और खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सर्बानंद सोनोवाल ने बताया कि युवाओं के कल्याण और खिलाड़ियों के लिए एथलेटिक्स सहित खेलों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न स्कीमों को तर्कसंगत बनाने के लिए सचिव, युवा कार्यक्रम तथा महानिदेशक, भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) की अध्यक्षता में क्रमशः युवा कार्यक्रम विभाग और खेल विभाग प्रत्येक में एक समिति का गठन किया गया है।
किसी भी खेल विधा के विकास और संवर्धन की मुख्य जिम्मेदारी राज्य सरकारों और संबंधित मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल परिसंघों (एनएसएफ) की होती है। एथलेटिक्स के लिए यह जिम्मेदारी भारतीय एथलेटिक्स परिसंघ (एएफआई) की है। सरकार तो सम्मत दीर्घावधि विकास योजनाओं के अनुसार भारत में राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं के आयोजन, विदेशों में अंतर्राष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में खिलाड़ियों/टीमों की भागीदारी, भारतीय और विदेशी कोचों के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों/टीमों के प्रशिक्षण/ कोचिंग, उपकरणों और उपभोज्य वस्तुओं की खरीद आदि के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करके एनएसएफ के प्रयासों की पूर्ति करती है।
राज्य स्तर पर, विभिन्न खेल विधाओं के विकास की जिम्मेदारी राज्य स्तर के परिसंघों और संबंधित राज्य सरकारों की है। इसके अतिरिक्त, भारतीय खेल प्राधिकरण निम्नलिखित संवर्धन स्कीमें चला रहा है जिनमें एथलेटिक्स एक खेल विधा है और राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए खिलाड़ियों को अनुभवी कोचों द्वारा वैज्ञानिक बैकअप सहित प्रशिक्षण प्रदान किया जाता हैः
1) राष्ट्रीय खेल प्रतिभा प्रतियोगिता स्कीम (एनएसटीसी)
2) सेना बाल खेल कंपनी (एबीएससी)
3) साई प्रशिक्षण केंद्र (एसटीसी)
4) विशेष क्षेत्र खेल (एसएजी)
5) उत्कृष्टता केंद्र (सीओई)
साई में खेल संवर्धन स्कीमें हैं जिनके अंतर्गत एथलेटिक्स की विधाओं में प्रशिक्षण दिया जाता है। ये स्कीमें निम्मलिखित हैः
· राष्ट्रीय खेल प्रतिभा प्रतियोगिता
· सेना बाल खेल कंपनी
· साई प्रशिक्षण केंद्र
· विशेष क्षेत्र खेल
· एसटीसी/एसएजी के विस्तार केंद्र
· राष्ट्रीय खेल अकादमियां
एथलेटिक्स खेल विधा के पिछले तीन वर्षो का स्कीम-वार और केंद्र-वार विवरण अनुबंध में दिया गया है। वर्ष 2015-16 के लिए प्रवेश प्रक्रिया अभी शुरू हुई है।
सरकार राजीव गांधी खेल अभियान (आरजीकेए) स्कीम के अंतर्गत वार्षिक खेल प्रतियोगिताओं के माध्यम से ग्रामीण प्रतिभाओं का पता लगाती है। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) की विभिन्न स्कीमों के अंतर्गत विचार किया जाता है, यदि वे अऩ्यथा पात्र हों। भारतीय खेल प्राधिकरण समाज के सभी वर्गों से खिलाड़ियों की पहचान और पोषण करता है। इसके क्षेत्रों में ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्र शामिल हैं।
मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज स्कीम (एनएसटीएसएस) भी शुरू की है जिसका उद्देश्य ब्लाक के प्रत्येक स्कूल में छात्र पर प्रत्येक चयन स्तर पर 6 परीक्षण करके देशभर के स्कूलों से 8-12 वर्ष की आयु समूह में प्रतिभावान बच्चों (लड़के और लड़कियों) का पता लगाना है और उनका विकास करना है।