पर्यावरण बचाना है तो डे फिलॉसिफी छोड़िए : दवे
मैगी साफ सुथरी चाहते हैं तो पर्यावरण क्यों नहीं : श्रीवास्तव
धरती का दोहन ही नहीं उसे कुछ देना भी सीखें : सुरेश चौकसे
भोपाल। फादर्स डे, मदर्स डे, वेलेंटाईन डे यह सब गोरों के द्वारा किए गए हमारे माइंडसेट की उपज है, इसी तर्ज पर हम भी दिवस मनाने में लगे हैं। अगर वाकई हमें प्रकृति से प्यार है और हम लंबे समय तक विपदाओं से दूर रहना चाहते हैं तो यह डे फिलॉसिफी छोड़नी होगी। प्रसिद्ध पर्यावरणविद तथा सांसद श्री रमेश माधव दवे ने यह बात आज विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर कही। वे राजधानी के कोर्टयार्ड बाय मैरिएट होटल में प्रतिभा फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस अवसर पर उऊर्जा विकास निगम के प्रबंध संचालक मनु श्रीवास्तव, एलएनसीटी समूह के चेयरमैन सुरेश चौकसे, प्रतिभा फाउंडेशन के एमडी अम्बरीश चौकसे, एलएनसीटी ग्रुप के मीडिया डायरेक्टर संजय सीठा सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन उपस्थित थे। आयोजन में प्रतिभा फाउंडेशन द्वारा पर्यावरण को लेकर बनाए गए एक पोस्टर का विमोचन भी किया गया।
श्री दवे ने कहा कि हम शायद बड़ी मानव त्रासदी का इंतजार कर रहे हैं। अगर अभी हमने आपको आप को पर्यावरण संतुलन के प्रयासों से नहीं जोड़ा तो बहुत बड़ी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत सरकार या ब्यूरोक्रेसी के भरोसे नहीं हो सकती, हमें अपने आप से इसकी शुरुआत करनी होगी और इसके लिए हमें एक दीए की तरह काम करते हुए प्रकाश फैलाना होगा। हमें अपनी जीवन पद्धति बदलनी होगी। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि यदि प्रथ्वी का तापमान 2 डिग्री भी बढ़ा तो न न जाने कितने टापू समुद्र में विलीन हो जाएंगे और इसकी शुरुआत न्यूजीलैंड के डुआल द्वीप से होगी।
..
कार्यक्रम के वक्ता ऊर्जा विकास निगम के एमडी मनु श्रीवास्तव ने कहा कि जब आप मैगी नूडल्स साफ सुथरा चाहते हैं तो पर्यावरण साफ सुथरा क्यों नहीं रखना चाहते। आखिर यह भी हमारे जीवन से जुड़ा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि मानव का यह स्वभाव हो गया है कि वह प्रथ्वी पर राज करेगा लेकिन दुनिया पर 13 करोड़ साल राज करने वाले डायनासोर को भी प्रथ्वी पर आई विपदा ने ही नष्ट कर दिया था। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि 80 में ओजोन लेयर विपदा का जिस तरह पूरे विश्व ने निदान किया था उसी तरह आज ग्लोबल वार्मिंग के रूप में आई समस्या का निदान भी हमें मिलजुलकर ही करना होगा। क्योंकि इसकी वजह से पूरी प्रकृति अनसर्टन होती जा रही है जिसके परिणाम भी हमारे सामने भयावह तौर पर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वैकल्पिक उऊर्जा के प्रयासों पर जोर दिया जा रहा है और इसी का परिणाम है कि हम सौर और विंड उऊर्जा की दिशा में अच्छा काम कर रहे हैं। विंड उऊर्जा में फिलहाल कुछ कमियां हैं जिन्हें दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंनें बताया कि एशिया का सबसेस बड़ा सोलर प्लांट मध्यप्रदेश के नीमच में है जबकि विश्व का सबसे बड़ा प्लांट रीवा में बनने जा रहा है। इस क्षेत्र में मध्यप्रदेश में 50 हजार करोड़ के इनवेस्टमेंट किए गए हैं।
नेट मीटरिंग से जुड़े : श्री श्रीवास्तव ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में हम एक नया प्रयोग नेट मीटरिंग के रूप में करने जा रहे हैं जिसके तहत यदि आप अपने घर, आॅफिस या बड़े कार्पोरेट दफ्तरों और इमारतों में सोलर प्लेट्स का उपयोग कर बिजली बनाते हैं तो जितनी बिजली बनाएंगे उतनी छूट आपके बिल में समाहित हो जाएगी।
एलएनसीटी समूह के चेयरमैन सुरेश चौकसे ने कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि हम सिर्फ धरती का दोहन न करें बल्कि उन्हें कुछ देना भी सीखें। सिर्फ एक दिन दिवस मनाकर अपने कर्तव्य की पूर्ति नहीं की जा सकती। उन्होंने श्री दवे के पर्यावरण प्रेम की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने अपना घर भी नर्मदा के किनारे बनाया है और नर्मदा की जितनी सेवा वे कर रहे हैं वह काबिले तारीफ है। श्री चौकसे ने कहा कि प्लांटेशन तथा पर्यावरण की रक्षा करना सिर्फ सरकार का काम नहीं है इससे हमें और आपको भी दिल से जुड़ना होगा तभी हम आने वाले संकटों से अपने आपको सुरक्षित रख सकेंंगे। आभार प्रदर्शन प्रतिभा फाउंडेशन के एमडी श्री अम्बरीश चौकसे ने किया।