जैसे-जैसे ऑनलाइन मार्केट और इसकी बिक्री में इजाफा होता जा रहा है, वैसे-वैसे अब इसमें जालसाजी की भी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। आज की भागमभाग भरी जिंदगी में लोगों के पास इतना वक्त नहीं रहा कि बाजार जाकर खरीदारी करें। ऐसे में ऑनलाइन शॉपिंग का कारोबार बढ़ चला। इसी साल दिवाली के मौके पर भारत में करीब 19,000 करोड़ रुपये की ऑनलाइन शॉपिंग हुई। खासकर एक महीने में यानी 20 सितंबर से 19 अक्टूबर तक ऑनलाइन शॉपिंग का कारोबार 6 गुना बढ़ गया। पिछले साल ऑनलाइन बिक्री में करीब 45 फीसदी का इजाफा हुआ था। जैसे-जैसे ऑनलाइन मार्केट और इसकी बिक्री में इजाफा होता जा रहा है, वैसे-वैसे अब इसमें जालसाजी की भी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। न्यूज 18 की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि इस समय ऑनलाइन मार्केट की दुनिया में 60 फीसदी स्पोर्ट्स आइटम और 40 फीसदी घरेलू उपयोग के सामान फर्जी मिल रहे हैं। खुलासे में कहा गया है कि इसके लिए ऑनलाइन रिटेलर्स ग्राहकों को भारी छूट देकर मेगा डील के नाम पर आकर्षित करते हैं।
चैनल की टीम ने कई ब्रांड इन्वेसिटगेटर्स की टीम के साथ छानबीन की और पुलिस के साथ मेरठ के ब्रह्मपुरी में छापेमारी की, जहां भारी मात्रा में नकली सामान बरामद किए गए। बरामद सामानों में अधिकांश स्पोर्ट्स आइटम थे। ये सामान फ्लिपकार्ट, स्नैपडील,शॉरक्लूज जैसी लोकप्रिय कॉमर्शियल वेबसाइट के जरिए बेची जा रहे थे। नकली सामान बेचने वाले मोहित बंधु ने टीम के सामने कबूल किया कि COSCO और NIVIA ब्रांड के नकली बॉल बड़ी संख्या में ऑनलाइन बेचे जा रहे थे। जब मेरठ पुलिस ने सख्ती दिखाई तो उसी शख्स ने पुलिस से सवालिया लहजे में पूछा कि आप ही बताएं कि बाजार में जो नाइक का स्वेटर मिल रहा है, वह असली है या नकली?
पुलिस ने उसके खिलाफ नकली सामान बेचने और उसका भंडारण करने के आरोप में केस दर्ज किया है। नकली सामानों के बिक्रेता ने बताया कि इन नकली बॉल्स की खरीद कीमत 170 से 200 रुपये के बीच आती है जिसे ऑनलाइन मार्केट में 450 से 500 रुपये में बेचा जाता है। इतना ही नहीं ग्राहकों को चकमा देने के लिए इनकी एमआरपी 900-1000 रुपये दिखाई जाती है। फिर उस पर 50-60 फीसदी की छूट दिखाई जाती है।
साभार- इंडियन एक्सप्रेस से