मुंबई। आने वाले दिनों में हवाई अड्डे पर प्रवेश आपके लिए पलक झपकाने जितना आसान हो सकता है। हवाई यात्रा से पहले की तमाम कागजी प्रक्रियाएं खत्म करने के लिए नागरिक विमानन मंत्रालय “डिजि यात्रा” की सुविधा शुरू करने जा रहा है। इसके तहत डिजिटल पहचान के जरिये यात्री की प्रवेश प्रक्रिया आसान हो जाएगी। केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने अगले दो महीने में यह व्यवस्था शुरू होने की उम्मीद जताई है।
डिजि यात्रा का लक्ष्य एयरपोर्ट पर प्रवेश और बोर्डिंग से जुड़ी विभिन्न प्रक्रियाओं में कागजी काम कम करना है। इसमें टिकट बुकिंग से लेकर एयरपोर्ट में प्रवेश और बोर्डिंग तक की प्रक्रिया को डिजिटल करने की तैयारी है। नागरिक उड्डयन मंत्री प्रभु ने इसे पूरी तरह भविष्य केंद्रित व्यवस्था करार दिया है। इस व्यवस्था के तहत यात्री हवाई अड्डे पर अपने चेहरे या पुतलियों की मदद से अपनी पहचान सुनिश्चित करा सकेंगे। एक बार यह पहचान रिकॉर्ड में दर्ज होने के बाद भविष्य में हवाई अड्डे पर प्रवेश के लिए उन्हें किसी कागजी पहचान पत्र की जरूरत नहीं होगी। इसकी मदद से यात्री मोबाइल और आधार नंबर के जरिये भी प्रवेश कर सकेंगे।
प्रभु ने यह भी स्पष्ट किया कि इसमें निजता को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पूरा पालन किया जाएगा। यात्री आधार ही नहीं, बल्कि किसी भी वैध पहचान पत्र की मदद से पहली बार अपनी पहचान डिजिटल रिकॉर्ड में दर्ज करा सकेंगे। व्यवस्था पूरी तरह वैकल्पिक होगी। यात्री को अधिकार होगा कि वह डिजिटल पहचान दर्ज कराए बिना पहले से जारी व्यवस्थाओं के जरिये ही प्रवेश करे। मंत्री ने बताया कि अभी कुछ जगहों पर इसका ट्रायल किया जा रहा है, जो पूरी तरह सफल रहा है।
प्रभु ने बताया कि सरकार 2035 को ध्यान में रखते हुए विमानन क्षेत्र के लिए व्यापक योजना पर भी काम कर रही है। अगले कुछ महीने में यह योजना तैयार हो जाएगी। इस योजना में इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने और विमान व ड्रोन की मैन्यूफैक्चरिंग पर जोर दिया जाएगा। सरकार विमानन सेक्टर में अपनी तरह के विशेष कार्यक्रम की योजना भी बना रही है। यह आयोजन संभवतः दिसंबर में होगा। इसमें विमानन कंपनियों, हवाई अड्डा संचालकों और ट्रैवल एजेंट समेत सभी संबंधित पक्षों को एक मंच पर लाया जाएगा।