Sunday, November 24, 2024
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शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा प्रकाश जावडे़कर को ज्ञापन

शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रतिनिधि मण्डल द्वारा  केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर को उनके आवास पर मिलकर पर्यावरण शिक्षा के सम्बंध में ज्ञापन दिया गया। इस ज्ञापन में पर्यावरण शिक्षा की विशिष्ट आवश्यकता, शिक्षा व्यवस्था में इसकी वर्तमान स्थिति एवं इसे ठीक करने हेतु सुझावों का समावेश था। जलवायु में हो रहे घातक परिवर्तन एवं प्रकृति के प्रति जनमानस में बढ़ते हुए उपभोक्तावादी दृष्टिकोण को देखते हुए पर्यावरण शिक्षा को पुनः परिभाषित करने एवं समग्र क्रियान्वयन की आवश्यकता है, जिसमें पर्यावरण संरक्षण के भारतीय दृष्टिकोण अर्थात प्रकृति के प्रति सम्मान, प्रेम एवं एकात्मकता का समावेश होना चाहिए। इस हेतु निम्नलिखित बिंदुओं की मांग की गई।

पर्यावरण परिषद् (ईको क्लब) की प्रत्येक विद्यालय में अनिवार्य रूप से गठन हो एवं यह सुनिश्चित किया जाए कि यह परिषद् सुचारु रूप से कार्य करे। 

सभी शिक्षा संस्थानों (विद्यालय, महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय एवं अन्य) में जल संचयन एवं वर्षा जल संरक्षण (वाटर हार्वेस्टिंग) की अनिवार्यता के साथ, अपशिष्ट प्रबंधन, बागवानी, औषधीय वनस्पतियों के बाग लगाने के साथ ऊर्जा संरक्षण (सौर ऊर्जा का प्रयोग एवं पेट्रोल, डीजल, बिजली और पेट्रोलियम गैस आदि के न्यूनतम उपयोग) आदि पर उचित ध्यान दिया जाए। 

सभी शिक्षा संस्थानों को उपयोग करो एवं फेंको (यूज एण्ड थ्रो) की प्रवृत्ति (प्लास्टिक, थर्मॉकोल पॉलीथीन आदि के प्रयोग) से मुक्त किया जाए।
सभी शिक्षा संस्थानों को इस प्रकार विकसित किया जाए कि वे अपने स्थान पर पर्यावरण संरक्षण के प्रतिमान केन्द्र (मॉडल सेन्टर) के तौर उस क्षेत्र के अन्य संस्थाओं एवं समुदाय के सम्मुख आदर्श स्थापित करें।   

पर्यावरण विषय के पाठ्यक्रम में पर्यावरण के भारतीय दर्शन को विशिष्ट स्थान दिया जाए एवं यह अधिक व्यावहारिक हो, इस हेतु प्रत्येक पाठ के अंत में ऐसी गतिविधियों को जोड़ा जाए जिससे पर्यावरण छात्रों के जीवन का अभिन्न अंग बन सके।  

पर्यावरण परिषद् की नियमित गतिविधियों के साथ इसे नमामि गंगे परियोजना, प्रधानमंत्री के द्वारा प्रारंभ स्वच्छ भारत अभियान, जनजागरूकता अभियान, सामुदायिक कार्यक्रम, एवं बालकों में नेतृत्व कौशल के विकास आदि कार्यक्रमों और गतिविधियों के साथ जोड़ा जाए जिससे से पर्यावरण संरक्षण और शिक्षा के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।  

श्री जावड़ेकर ने उपरोक्त बिंदुओं के क्रियान्वयन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ भविष्य में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के सहयोग के प्रति हर्ष भी जताया। श्री प्रकाश जावड़ेकर के साथ इस भेंट में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव श्री अतुल कोठारी एवं श्री आलोक कुमार मिश्र सम्मिलित हुए।   

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