जर्मनी की राजधानी बर्लिन से मुर्दो का शो अब लंदन पहुंच गया है। आम लोगों के लिए वहां बॉडी म्यूजियम खोल दिया गया है। लंदन पैवेलियन में खुला ब्रिटेन का यह पहला बॉडी म्यूजियम है। 7 मंजिला ये म्यूजियम 28 हजार वर्ग फीट में है। इनमें विभिन्न मुद्राओं में मानव शव संरक्षित किए गए हैं। मसलन, क्लब में कार्ड खेलते, टेनिस खेलते और घुड़सवारी करते हुए। इन शवों को प्लास्टिनेशन तकनीक से सुरक्षित किया गया है।
जान पाएंगे कैसे काम करता है शरीर
संग्रहालय के फाउंडर और साइंटिस्ट गूंटर फॉन हागेंस का कहना है कि यहां लोगों को काफी सीखने को मिलेगा। उन्हें कुछ ट्रिगर भी होगा। पता चलेगा कि आपको सेहतमंद, सुरक्षित रखने में आपकी बॉडी कितनी मेहनत करती है। हम स्मोकिंग करते हैं और प्रदूषित शहरों में रहते हैं, ऐसे माहौल में आपकी बॉडी इन सब दुष्प्रभावों से कैसे लड़ती है।
म्यूजियम में दान में मिली बॉडी रखी गई हैं। शौकीन लोग जीते-जी ही अपनी बॉडी म्यूजियम में रजिस्टर करा जाते हैं। ये वे लोग हैं, जो दुनिया को शिक्षित करना चाहते हैं। ताकि लोगों को पता चले कि उनके साथ क्या गलत हो रहा है।
अब तक 130 शहरों के 4.7 करोड़ लोग देख चुके
गूंटर फॉन हागेंस का बॉडी म्यूजियम दुनिया के सबसे सफल ट्रेवेलिंग एग्जीबिशन में से एक है। 1995 से 130 शहरों के 4.7 करोड़ लोग इस म्यूजियम को देख चुके हैं।
कोर्ट ने नहीं माना अनैतिक
1915 में हागेंस ने पहला म्यूजियम बर्लिन में खोला। हालांकि लोग इसे अनैतिक बताते हुए कोर्ट चले गए थे। आखिर में गूंटर फॉन हागेंस को कोर्ट की मंजूरी मिल ही गई।
हागेंस को प्लास्टिनेशन तकनीक का जनक भी माना जाता है। वे ‘डॉक्टर डेथ’ के नाम से भी चर्चित हैं। इस म्यूजियम के लिए फैमिली टिकट साढ़े छह हजार रुपए है।