नई दिल्ली। महिला सुरक्षा और अपराधों को दर्ज करने जैसी नागरिक केंद्रित पुलिस सेवाओं पर लोगों का नजरिया जानने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय एक देशव्यापी सर्वे कराएगा।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि नेशनल सैंपल सर्वे फ्रेमवर्क पर आधारित यह सर्वे अगले माह शुरू होगा और नौ महीने में पूरा कर लिया जाएगा। इसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 173 जिलों में 1.2 लाख परिवारों को शामिल किया जाएगा।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि उपरोक्त मकसद और पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए गृह मंत्रालय ने देशव्यापी सर्वे का कार्य ‘ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट को सौंपा है। इसे ‘ऑल इंडिया सिटिजंस सर्वे ऑफ पुलिस सर्विसेज’ नाम दिया गया है। इसे नई दिल्ली स्थित ‘नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च’ के जरिये कराया जाएगा।
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि इस सर्वे को कराने में वे पूरा सहयोग दें। इस सर्वे का मकसद पुलिस के बारे में लोगों के नजरिये का पता लगाना, पुलिस द्वारा अपराधों और घटनाओं को दर्ज नहीं किए जाने के स्तर को जानना, अपराध दर्ज किए जाने की जमीनी हकीकत का पता लगाना, पुलिस की प्रतिक्रिया और कार्रवाई की सामयिकता व गुणवत्ता के साथ-साथ महिला एवं बाल सुरक्षा के अनुभवों को जानना है।
सर्वे के निष्कर्षों से सभी पक्षों के लिए उपयोगी सुझाव मिलने की संभावना है ताकि पुलिस की कार्यप्रणाली में बदलावों के लिए उचित नीति बनाई जा सके और उसे लागू किया जा सके। साथ ही अपराधों की रोकथाम और जांच में सुधार के अलावा सामुदायिक पुलिसिंग में आमूलचूल बदलाव लाया जा सके। इसके अलावा न्याय तक पहुंच में सुधार आने की भी संभावना है।
सर्वे का मकसद क्रमबद्ध तरीके से पुलिस के लिए ज्यादा या उचित संसाधनों का आवंटन सुनिश्चित करना भी है। मालूम हो कि नागरिक केंद्रित पुलिस सेवाएं प्रदान करने में राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों में मदद के उद्देश्य से केंद्र सरकार समय-समय पर कई तरह की पहल करती रही है।
ऐसी कोशिशों के निष्कर्षों या उनके असर को जानने का वैश्विक स्तर पर स्वीकार्य तरीका लोगों को प्रदान की जा रही सेवाओं का समग्र विश्लेषण है। लोगों के नजरिये का पता पेशेवरों और स्वतंत्र एजेंसियों द्वारा किए गए सर्वे से ही लगता है। ऐसे सर्वे पुलिस सेवाओं में सुधार और लोगों की संतुष्टि बढ़ाने के लिए वैश्विक स्तर पर आजमाये हुए तरीके हैं।