पर्यावरण मित्र दिव्या कुमारी जैन द्वारा लॉकडाउन में समय का सदुपयोग व पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जा रहा है । दिव्या ने बताया कि उसने इस लोकडाउन में समय को रचनात्मक कार्य मे लगाते हुए घर मे रखे पुराने न्यूज़ पेपर व रद्दी की थैलियां बनाई है । और उन्हें व्यक्तिगत डिस्टेंस का ध्यान रख कर दुकानदार को निःशुल्क वितरित भी की है ।
दिव्या कुमारी जैन ने बताया कि वह गत 11 -12 साल से पर्यावरण संरक्षण व सामाजिक चेतना का अभियान चला रही है । पॉलीथिन की थैलियों को भारत भर में प्रतिबंधित कराने के लिए उसने हर स्तर पर प्रयास किये । कपड़े के हजारों थैले बनाकर निषुल्क वितरित किये हजारों की संख्या में नेता राजनेता , प्रशासनिक अधिकारी , मंत्री मुख्यमंत्री , प्रधानमंत्री राज्यपाल , राष्ट्रपति साधु संत सबको पत्र लिखे लक्ष्य एक था पॉलीथिन पर पूरे देश मे प्रतिबंद । कुछ राज्यो में प्रतिबंद लगा भी , राजस्थान में भी माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत साहब ने अपने गत कार्यकाल में राज्य में एक अगस्त 2010 से इसपर रोक लगाकर कानून बनाया । सजा का प्रावधान रखा कुछ प्रभाव पड़ा वह भी लगातार जागरूकता का कार्य करती रही ।
गत लगभग डेढ माह से मार्केट बन्द है । कारखाने भी बन्द है । पॉलीथिन की थैलियों भी अब नही बन रही है । ऐसे में कही जगह तो वह खत्म हो चुकी है । सब्जी वाली महिलाएं तो ग्राहकों से कहने लगी है घर से थैला लाओ । ऐसे में मैने उचित निर्णय लेते हुए सन्देश देने का निर्णय लिया की में घर पर रहकर कागज की थैलियां बनाकर दुकान तक निषुल्क वितरित करूंगी । इससे लोकडाउन में घर से निकलने का झंझट भी खत्म व समय का सदुपयोग भी । अगर ऐसे समय मे जबकि थैलियां खत्म हो रही है ,अगर जनता व दुकानदार जागरूक हो गए तो मेरा मानना है पॉलीथिन पर वास्तविक प्रतिबंध लग सकता है ।
दिव्या ने कहा कि सबको मेरे प्रयास में सहायक बनना चाहिए । यह समय है पर्यावरण पर बहुत बडा उपकार करने का । प्लीज आप सब मेरा समर्थन कर मेरा साथ दे । घर पर रहकर थैलियां बनावे व निषुल्क वितरित करे ।अभी सब सम्भव है । यह काम एकजुटता से सम्भव भी है ।
दिव्या ने कहा प्रशासन व सरकार भी इसमे सहभागी बन सकते है वे प्लास्टिक थैलियों को फेक्ट्रीया बन्द ही रहने दे । साथ ही प्रशासन इनकी सप्लाई नही होने दे । अगर दोनों ने ऐसा किया तो न केवल राज्य बल्कि देश भी पॉलीथिन मुक्त हो सकता है । ऐसे में मीडिया को भी मेरा साथ देना चाहिए । अगर वे साथ आ गए तो पूरे भारत मे यह सन्देश बहुत कम समय मे सम्प्रेषित हो सकता है
दिव्या ने बताया कि कुछ बच्चो ने व महिलाओं ने उसके कार्य की प्रशंसा करते हुए ऐसा करने का आश्वासन भी दिया है ।
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दिव्या कुमारी
9214963491,