कोटा। जहां नजर जाती है वहां पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। कोटा बैराज के 10 गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है। शहर में कई इलाकों के घरों में पानी भरने के कारण लोगों ने छतों पर रात गुजारी है। अभी भी वे छतों पर ही डेरा डाले हुए हैं। एसडीआरएफ और नगर निगम का रेस्क्यू दल लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटे हुए हैं।
नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने अधिकारियों से जानकारी ले कर बचाव एवम सहायता कार्य युद्ध स्तर पर करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। प्रशासन मुस्तैद और सक्रिय है।
चम्बल नदी में जवाहर सागर से पानी की आवक बढऩे के बाद अब कोटा बैराज से 48 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। कोटा शहर में थेकड़ा में सडक़ पार करते समय एक साइकिल सवार बह गया। चंदे्रसल में एक कार पानी में डूब गई। कोटा सिटी में पिछले 24 घंटों में 6 इंच बारिश हो चुकी है। शहर के देवली अरब रोड, बोरखेड़ा और बजरंग नगर क्षेत्र में घरों में पानी गया है। इसके अलावा पार्वती नदी में भी जल प्रवाह बढऩे के कारण इटावा क्षेत्र में गांव पानी से घिर गए हैं। वहां एसडीआरएफ की टीम बचाव कार्यों में जुटी हुई है। कई गांव खाली करवा दिए गए हैं।
कोटा जिले में पार्वती नदी में पानी की भारी आवक ने इस साल पिछले सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इससे खातौली क्षेत्र में बाढ़ के हालात बन गए। यहां पार्वती नदी में 201 मीटर तक पानी आने पर चेतावनी जारी कर दी जाती है और 202 मीटर के स्तर पर पानी आते ही खतरे के हालात बन जाते हैं। पार्वती नदी में वर्ष 1996 में सबसे ज्यादा 207.55 मीटर अधिकतम जल स्तर मापा गया। इसके बाद मंगलवार को शाम 6 बजे नदी का स्तर खतरे का निशान पार करते हुए 207 मीटर तक पहुंच गया। कुछ घंटों बाद यह स्तर 208 मीटर तक पहुंच गया जो इतिहास में अब तक सबसे ज्यादा है। जिला कलक्टर उज्ज्वल राठौड़ ने फील्ड में जाकर हालत देखे तो उन्हें जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पार्वती नदी में जल प्रवाह के स्तर ने अब तक के सारे रेकॉड तोड़ दिए।