कोटा। श्री राधामाधव मंदिर सेवा समिति कुन्हाडी द्वारा दो दिवसीय श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव की धूम दूसरे दिन भी देखने को मिली, मंगलवार को सुबह से ही कान्हां के बाल स्वरूप के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का आना शुरू हुआ जो देर रात तक चलता रहा, चांदी की पालकी में बाल स्वरूप के दर्शन हुए। कोविड गाइड लाइन की पालना के साथ सभी ने दर्शन प्राप्त किए। वहीं ठाकुरजी को मावा, मिश्री, काजू, बादाम, फल, मिष्ठान सहित अन्य खाद्य पदार्थों का 56 भोग लगाया गया।
समिति अध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा व श्रृंगार व्यवस्थापक हरीश राजपुरोहित ने बताया नदोत्सव के दौरान ठाकुरजी को मनमोहक पोषाक के साथ रत्न आभूषणों से सजाया गया। झांकियां सजाई गई, ठाकुर जी को श्रृंगारित किया गया, बाल गोपाल के जयघोष गुंजाएमान रहे, मंदिर परिसर कृष्णमय हो गया। हर तरफ कान्हा के जयकारों की कर्णप्रीय ध्वनि सुनाई दी। जन्माष्टमी कार्यक्रम संयोजक मनीष मूंदडा ने बताया कि मंगलवार को झांकी के दर्शन के लिए भी भक्त दूर दराज से पहुंचे। संध्या महाआरती में भक्तों ने बांके बिहारी के मनमोहक रूप के दर्शन किए, इस दौरान महाप्रसाद का वितरण भी किया गया।
मनीष मूंदडा ने बताया कि नंदोत्सव के दौरान मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की गई, भक्तिभाव से भक्तों ने मन वांच्छित फल की कामना के साथ कन्हैया की स्तुति की। इसके साथ ही आॅन लाइन भजन संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें एलन के गोविंद माहेश्वरी द्वारा कन्हैया के बाल स्वरूप, नटखट अठखेलिया, जमना पर कालिया नाग का वध, गीता का ज्ञान सहित विभिन्न रूपों को समाहित करते हुए भजनों की प्रस्तुति दी। श्रृद्धालुओं ने मोबाइल के माध्यम से फेसबुक लाइव के जरिए भजनों का आनंद लिया और भक्त भाव विभोर हो गए। नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की…, काली देह पर खेलन आयो रे मोरो छोटो सो कन्हैया…श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी… सरीखे भजनों ने आनंदित कर दिया। अंत में शहर में खुशहाली, महामारी से छुटकारा पाने के लिए भी विशेष प्रार्थना की गई।