मुंबई। पश्चिम रेलवे का वडोदरा मंडल प्रतापनगर, वडोदरा में स्थित अपने मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय भवन का शताब्दी वर्ष मना रहा है। इस ऐतिहासिक वर्ष को मनाने के लिए 15 अक्टूबर, 2021 को एक औपचारिक समारोह आयोजित किया गया था। इस अवसर पर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल और पश्चिम रेलवे महिला कल्याण संगठन (WRWWO) की अध्यक्षा श्रीमती तनुजा कंसल मुख्य अतिथि थे।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल और पश्चिम रेलवे महिला कल्याण संगठन की अध्यक्षा श्रीमती तनुजा कंसल ने एक हेरिटेज पुस्तिका और एक विशेष डाक टिकट कवर का अनावरण एवं विमोचन किया। आने वाली पीढि़यों के लिए इस यादगार अवसर की जानकारी युक्त ‘शताब्दी टाइम कैप्सूल’ नामक एक टाइम कैप्सूल को बड़े उत्साह और जोश के साथ मंडल कार्यालय के लॉन में भूमि के भीतर रखा गया। इस टाइम कैप्सूल में वडोदरा शहर में रेलवे की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को समेटे हुए कई आइटम हैं, जो आने वाले समय में इतिहास के पन्नों में सिमट जायेंगे। इसमें जो ऐतिहासिक वस्तुएं रखी गई हैं, उनमें लकड़ी के स्लीपर, ट्रैक-गिट्टी, सूखे पत्ते, मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय की लकड़ी और मिट्टी, नोट, सिक्के और डाक टिकट, भवन में काम करने वाले रेल कर्मचारियों की सूची, वर्किंग टाइम टेबल के साथ ही वडोदरा स्टेशन की समय सारिणी आदि शामिल हैं।
यहाँ 50 से अधिक दिलचस्प कलाकृतियाँ जैसे विरासत पुस्तिकाएँ, कटलरी सेट, पीतल की घंटियाँ, लोको रिंग और इंडिया पोस्ट द्वारा जारी स्मारक डाक टिकट, वर्तमान समाचार पत्र, ट्रेन यात्रा टिकट, टॉर्च और हैंड लैंप आदि भी इनमें शामिल हैं। इसके अलावा स्थानीय संस्कृति से संबंधित कुछ वस्तुओं को भी इसमें शामिल किया गया है, जिसमें स्थानीय गुजराती बांधनी कपड़ा, मिट्टी के दीये और बर्तन, पतंग का मांझा, राजा रवि वर्मा की पेंटिंगें, गुजरात पर्यटन, वडोदरा शहर और स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के ब्रोशर हैं। यह उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे के इतिहास में यह पहली बार है कि इस तरह की यादगार घटना को मनाने के लिए इस तरह के टाइम कैप्सूल की अवधारणा विकसित की गई और इसे जमीन में उतारा गया। वर्ष 2121 में इस भवन के 200 वर्ष पूरे होने के अवसर पर यह कैप्सूल अगले 100 वर्षों के बाद ही खोला जाएगा। इस शताब्दी टाइम कैप्सूल को सांवली स्थित के.जे. इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी द्वारा विकसित किया गया। इस समारोह में प्रस्तुत रंग-बिरंगे, जोशीले और मंत्रमुग्ध कर देने वाले गरबा नृत्य और एक नाटक की प्रस्तुति ने इसे और भी अधिक उत्साहपूर्ण और जीवंत बना दिया।