भारतीय जन संचार संस्थान में ‘शुक्रवार संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन
नई दिल्ली। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. कृपाशंकर चौबे ने भारतबोध को नेताजी की पत्रकारिता का बुनियादी तत्व बताते हुए कहा है कि सुभाष चंद्र बोस के क्रांतिकारी विचार और उनकी राष्ट्रीय विचारधारा आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि 1942 में नेताजी ने ‘आजाद हिंद रेडियो’ की स्थापना की। 6 जुलाई, 1944 को इसी रेडियो से नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने पहली बार महात्मा गांधी के लिए ‘राष्ट्रपिता’ संबोधन का प्रयोग किया। प्रो. चौबे शुक्रवार को भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘शुक्रवार संवाद’ को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी भी विशेष रूप से उपस्थित थे।
‘नेताजी की पत्रकारिता में भारतबोध’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रो. चौबे ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस ने अपनी पत्रकारिता का उद्देश्य पूर्ण स्वाधीनता के लक्ष्य से जोड़ रखा था। स्वाधीनता की लक्ष्यपूर्ति के लिए उन्होंने अखबार के साथ-साथ रेडियो का भी उपयोग किया। 1941 में ‘रेडियो जर्मनी’ से नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भारतीयों के नाम संदेश में कहा था, ”तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।”
प्रो. चौबे के अुनसार देश को नई ऊर्जा देने वाले नेताजी भारत के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों में से थे, जिनसे आज के दौर का युवा वर्ग भी प्रेरणा लेता है। उनके द्वारा दिया गया ‘जय हिंद’ का नारा पूरे देश का राष्ट्रीय नारा बन गया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अपने विचारों से लाखों लोगों को प्रेरित किया। नेताजी कहा करते थे कि अगर हमें भारत को सशक्त बनाना है, तो हमें सही दृष्टिकोण अपनाने की जरुरत है और इस कार्य में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है।
प्रो. चौबे ने कहा कि आजाद हिंद सरकार की स्थापना के समय नेताजी ने शपथ लेते हुए एक ऐसा भारत बनाने का वादा किया था, जहां सभी के पास समान अधिकार हों और समान अवसर हों। समाज के प्रत्येक स्तर पर देश का संतुलित विकास, प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्र निर्माण का अवसर और राष्ट्र की प्रगति में उसकी भूमिका, नेताजी के विजन का एक अहम हिस्सा था। नेताजी का मानना था कि सच्चा पुरुष वही होता है, जो हर परिस्थिति में नारी का सम्मान करता है। यही कारण था कि महिला सशक्तिकरण का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करते हुए उन्होंने आजाद हिंद फौज में रानी झांसी रेजीमेंट की स्थापना की थी।
कार्यक्रम का संचालन कविता शर्मा ने किया एवं स्वागत भाषण हिंदी पत्रकारिता विभाग के पाठ्यक्रम निदेशक प्रो. (डॉ.) आनंद प्रधान ने दिया। धन्यवाद ज्ञापन डीन (अकादमिक) प्रो. (डॉ.) गोविंद सिंह ने किया।
Thanks & Regards
Ankur Vijaivargiya
Associate – Public Relations
Indian Institute of Mass Communication
JNU New Campus, Aruna Asaf Ali Marg
New Delhi – 110067
(M) +91 8826399822
(F) facebook.com/ankur.vijaivargiya
(T) https://twitter.com/AVijaivargiya
(L) linkedin.com/in/ankurvijaivargiya