देश की प्रमुख साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था ‘आशीर्वाद’ के 20 सितम्बर, 2022 को सम्पन्न 30 वें वार्षिक राजभाषा पुरस्कार महोत्सव के अंतर्गत आयोजित 19 वें श्रेष्ठ गृह पत्रिका पुरस्कार समारोह में पश्चिम रेलवे की लोकप्रिय गृह पत्रिका ‘रेल दर्पण’ हेतु घोषित श्रेष्ठ गृह पत्रिका के प्रतिष्ठित पुरस्कार पर कब्जा करके पश्चिम रेलवे ने एक बार फिर अपनी सृजनात्मक श्रेष्ठता साबित की है। मुंबई में पिछले 53 वर्षों से राजभाषा का प्रचार-प्रसार एवं प्रयोग का अनुकूल वातावरण तैयार करने वाली सुप्रसिद्ध साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था ‘आशीर्वाद’ का 30 वाँ राजभाषा पुरस्कार वितरण समारोह महाराष्ट्र के राजभवन में मंगलवार, 20 सितम्बर, 2022 को आयोजित किया गया।
पश्चिम रेलवे के जनसम्पर्क विभाग द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार यह पुरस्कार ‘आशीर्वाद’ संस्था द्वारा मुंबई स्थित केन्द्रीय सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक उपक्रमों और राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा प्रकाशित की जाने वाली श्रेष्ठ गृह पत्रिकाओं को राजभाषा के क्षेत्र में रचनात्मक उत्कृष्टता के लिए हर वर्ष प्रदान किये जाते हैं। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक (प्रभारी) श्री प्रकाश बुटानी ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर ‘रेल दर्पण’ के प्रधान सम्पादक एवं पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर और उनकी टीम को हार्दिक बधाई दी है। ‘रेल दर्पण’ को मिला यह पुरस्कार ‘रेल दर्पण’ के मुख्य कार्यकारी सम्पादक श्री अनुभव सक्सेना एवं उप सम्पादक सुश्री निकिता एक्का ने महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल श्री भगतसिंह कोश्यारी के हाथों ग्रहण किया। अपनी उत्कृष्ट सम्पादन शैली, सुरुचिपूर्ण एवं पठनीय सामग्री, आकर्षक साज-सज्जा, दिग्गज कवियों और शायरों की खास काव्य रचनाओं, सुप्रसिद्ध हस्तियों के साक्षात्कार तथा श्रेष्ठ मुद्रण गुणवत्ता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता पा चुकी पश्चिम रेलवे की द्विभाषी गृह पत्रिका ‘रेल दर्पण’ वर्ष 2011 में भारत सरकार के गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा देश की सर्वश्रेष्ठ गृह पत्रिका के रूप में सम्मानित हो चुकी है। इनके अलावा ‘रेल दर्पण’ को पिछले 22 वर्षों के दौरान अपनी समग्र सृजनात्मक उत्कृष्टता के लिए 60 से अधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं।
मंगलवार को आयोजित समारोह में राजभाषा में प्रशंसनीय कार्य करने हेतु विभिन्न बैंकों तथा केन्द्र सरकार के अन्य कार्यालयों एवं निगमों के अलावा अन्य गृह पत्रिकाओं को भी पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि केवल हिंदी नहीं सर्व भारतीय भाषा राष्ट्रीय भाषा हैं। सभी भाषाओं का प्रचार-प्रसार एवं सम्मान होना चाहिए। सभी भाषा भारत माता की बेटी हैं। हिन्दी तो धरती में रोपित होकर उगती है और चहुँओर फैलकर सभी भाषाओं को अपना लेती हैृ। यदि सभी भाषाओं का सम्मान किया जाता है, तो यह हिंदी भाषा का सम्मान होगा।
इस पुरस्कार वितरण समारोह में साहित्यकार एवं समाजसेवी श्रीमती मंजू लोढ़ा ने एक हिंदी कविता पढ़कर श्रोताओं को भावविभोर किया –“मेरी मातृभाषा है हिंदी, पुष्प की अभिलाषा है हिंदी, भारत के सभी प्रांतों को एक धागे में पिरोती है हिंदी ”। इस अवसर पर आशीर्वाद संस्था के अध्यक्ष श्री ब्रहमोहन अग्रवाल और संस्था के संस्थापक डॉ. उमाकांत बाजपेयी के अलावा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का संचालन श्री अरविंद राही द्वारा किया गया। प्रारम्भ में आशीर्वाद की संयोजिका सुश्री नीता वाजपेयी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।