Monday, December 23, 2024
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भारत दर्शन को सुगम बनाती रेल

“भारत दर्शन को सुगम बनाती रेल” एक उत्कृष्ट सूचनात्मक व कार्योपयोगी पुस्तक है। यह पुस्तक डॉ. प्रभात कुमार सिंघल पूर्व जाँइंट डायरेक्टर, सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग राजस्थान सरकार कोटा और अनुज कुमार कुच्छल सीनियर सेक्सन इंजीनियर कोटा मण्डल द्वारा संयुक्त रूप से लिखी गई है।

पुस्तक के दोनों लेखक अनुभवी चिरपरिचित एवम पुस्तक लेखन में महारत हांसिल हैं। पुस्तक लेखन हेतु विषय,तत्थ,प्रस्तुति, संकलन ही उसे जन उपयोगी बनाते हैं। इस हेतु मैं लेखकों को बधाई देता हूँ । इस पुस्तक की उपयोगिता उन लोगों द्वारा भली भांति आंकी जा सकती है जो पर्यटन प्रेमी हैं। किसी भी पर्यटन योजना को बनाने हेतु इस पुस्तक को अवश्य उपयोग किया जाना चाहिए ।

भारत देश की सुन्दरता, समृद्धि,संस्कृति, एतिहासिक एवं प्राकृतिक धरोहर को निहारने हेतु पर्यटन अत्यन्त आवश्यक है । पर्यटन पर जाने के लिये मितव्यता, आरामदायक यात्रा, सुदूर क्षेत्रों में पहुँच, सुन्दर स्टेशन, खान पान की उचित व्यवस्था आवश्यक हैं । भारतीय रेल सभी आयामों को पूर्ण कर मंगल मय यात्रा प्रदत्त करवाता है। लेखकों द्वारा पुस्तक में निम्न बिन्दुओं को अध्याय के माध्यम से कुछ चित्रों सहित दर्शाया गया है जैसे – ‘रेल यात्रा से पर्यटन की ओर’

पर्यटन रेल से ही क्यों तथा रेलवे क्या है, विषय पर प्रकाश डाला गया है । लुभाते खूब सूरत रेलवे स्टेशन में खूबसूरत वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन, स्टेशन पर उपलब्ध सुविधाएं, स्टेशनों का एतिहासिक महत्व पर जानकारी उपलब्ध है । पर्यटकों का आकर्षण रेल संग्राहलय में नई दिल्ली स्थित रेल संग्राहलय सहित भारत के सभी रेल संग्रहालयों की जानकारी इसमें दी गई है । इसे भी पर्यटक देखना चाहते हैं ।

सैलानियों का सपना खूबसूरत यात्राएंअध्याय में कोहिनूर नीलगिरी, शिमला, दार्जलिंग,नेरल, काँगड़ा टाय ट्रेन व मुम्बई से गोवा की खूबसूरत यात्राओं सहित अन्य रेल मार्गो वाली ट्रेन की जानकारी दी गई है। पर्यटन के क्षेत्र में आईआरटीसीटी के नवाचार अध्याय में आन लाईन टिकट बुकिंग, टूर पेकेज, आवास व्यवस्था तथा वर्तमान सुविधाओं के उपयोग को बखूबी बताया गया है । पर्यटन के आकर्षण रेल पैकेज में रामायण सर्किट, स्वदेश दर्शन व भारत दर्शन इत्यादि टूर पेकेज की जानकारी का विस्तार से समावेश किया गया है

पर्यटन की दिशा में नये प्रयास व भावी परियोजनाएं अध्याय में बद्रीधाम का सफर, रक्सोल से काठमाण्डू, सवोक – रांगपो रेल लाईन, अरकू व बस्तर, जम्मू श्री नगर, पूर्वोत्तर राज्य में पर्यटन हेतु नई परियोजनाओं की जानकारी इसमें दी गई है जो भविष्य में पर्यटन का आधार बनेंगी। पर्यटनों स्थलों को जोड़ती मेट्रो रेलें अध्याय में विभिन्न नगरों की उपनगरीय रेलें व मेट्रो रेलों की उपलब्धता, उनके लिंक, और भावी परियोजनाओं पर रोशनी डाली गई हैं। अंतिम अध्याय पर्यटन स्थलों के समीप पर्यटकों को ले जाती रेलें में
जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, मेघालय, गुजरात, ओडिसा, महाराष्ट्र, दादर व नगर हवेली, दमन दीव , आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु व काठमाण्डू में स्थित पर्यटन स्थलों पर सुगमता से ले जाती रेल की जानकारी का समावेश किया गया है ।

पुस्तक रेल को पर्यटन में सम्पूर्ण उपयोग करवाने हेतु प्रेरित करती है । नौ अध्याय में रेल से सम्बंधित सभी विषयों के ज्ञान का समावेश किया गया है । साथ ही सभी जानकारी के संकलन के संदर्भ को भी सूची बद्ध किया गया है। पुस्तक का प्राक्कथन श्री ललित गर्ग प्रसिद्ध लेखक, पत्रकार व स्तम्भकार नई दिल्ली द्वारा किया गया है । सुन्दर आवरण पृष्ठ तथा 128 पृष्ठ की यह पुस्तक का मूल्य 170 रूपए है । पुस्तक पाठको के लिए एमेजॉन पर ऑन लाइन उपलब्ध है।

समीक्षक
राम मोहन कौशिक
लेखक एवं सेवा निवृत एक्स.ई.एन.
कोटा मण्डल पश्चिम मध्य रेल, कोटा

एक निवेदन

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