Sunday, November 24, 2024
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श्री श्री रवि शंकर पर यमुना को नुक्सान पहुँचाने पर लगेगा 120 करोड़ का जुर्माना

‘आर्ट ऑफ लिविंग’ फाउंडेशन पर दिल्ली विकास प्राधिकरण ने 120 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के फाउंडेशन पर ‘वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल’ की तैयारियों के दौरान पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए यह जुर्माना लगाया गया है। फेस्टिवल के आयोजन की तैयारियों के लिए फांउडेशन पर यमुना-क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने का आरोप है।

कल्चर फेस्टिवल का आयोजन 11 से 13 मार्च तक होना है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल में 30 लाख से भी ज्यादा लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। कार्यक्रम में कई देशों के मेहमान शिरकत करेंगे और समापन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के भाषण से होगा।

आरोप है कि आयोजन की तैयारियों के लिए यमुना के 40 एकड़ तटीय क्षेत्र में मलबा छोड़ दिया गया था। इस आरोप से इतर दिसंबर, 2015 से फाउंडेशन यमुना से 500 टन गंदगी साफ करवा चुका है। दिल्ली सरकार ने रविशंकर और रामदेव से यमुना सफाई अभियान में मदद की गुहार लगाई थी।

नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल के एक पैनल ने फाउंडेशन पर जुर्माना लगाना के लिए कहा है। पेनल्टी लगाने वाले पैनल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वे केस की जांच कर रहे हैं। ट्राइब्यूनल की एक बेंच मंगलवार से रोजाना इस मामले में सुनवाई करेगी। बेंच की अध्यक्षता ट्राइब्यूनल के चेयरपर्सन जस्टिस स्वतांतर कुमार कर रहे हैं। पैनल में जल संसाधन मंत्रालय के सचिव शशि शेखर, पर्यावरण और वन मंत्रालय केसीआर बाबू, प्रफेसर एके गोसाईं (आईआईटी, दिल्ली) और ब्रिज गोपाल (जयपुर) शामिल हैं।

पर्यावरण संरक्षक मिहिर मिश्रा की शिकायत पर फाउंडेशन के खिलाफ यह कार्रवाई की जा रही है। मिहिर ‘यमुना जिए अभियान’ से जुड़े हैं। मिहिर ने प्रधानमंत्री, दिल्ली सरकार और राष्ट्रपति को पत्र लिखे थे। उनकी मांग थी कि फेस्टिवल पर बैन लगाया जाए और यमुना के पश्चिमी तटीय इलाके की मरम्मत के लिए फंड जारी किया जाए। मिश्रा की शिकायत में इस बात का जिक्र नहीं था कि फाउंडेशन पहले ही से यमुना की सफाई अभियान से जुड़ा हुआ है।

फाउंडेशन ने लगाए गए आरोपों से इनकार कर दिया है। उसका कहना है कि स्टेज कथित क्षेत्र से 250 मीटर दूर लगाया जा रहा है, जो वैश्विक पर्यावरण मानकों के हिसाब से पूरी तरह सुरक्षित है। पिछले साल डीडीए, राज्यपाल नजीब जंग और केजरीवाल सरकार की ओर से अनुमति मिलने का हवाला देकर फाउंडेशन ने लगाए गए आरोपों के खिलाफ याचिका दायर की है। दिल्ली के जल मंत्री कपिल मिश्रा ने केजरीवाल को मामले की पूरी जानकारी दे दी है और अब मुख्यमंत्री के फैसले का इंतजार है।

साभार- मुंबई मिरर से

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