सेवा में,
श्रीमान नरेंद्र मोदी जी
प्रधानमंत्री
नमस्कार,
मैं आज एक विश्वास के साथ यह पत्र आप को लिख रहा हूँ कि अन्य विभागो की तरह लोकशाही के चार स्तंभ में से एक पत्रकारिता में युवाओ के रोजगार पर भी ध्यान देंगे । अंग्रेजो से आजादी की लड़ाई से लेकर आज तक देश के विकास में पत्रकारिता का महत्वपूर्ण योगदान रहा है । समय के साथ पत्रकारिता में बदलाव आया है जैसे की आजादी की लड़ाई में पत्रकारिता का उद्देश्य अंग्रेजो से लड़ाई कलम की लड़ाई थी लेकिन आज समय के अनुसार यह बदलकर व्यापर बन गया है आज के युवा पत्रकारिता की डिग्री लेकर अपना भविष्य बनाने में लगे है ।डॉ भीमराव आंबेडकर,लोकमान्य गंगाधर टिळक, अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर आज के वरिष्ठ पत्रकारो को अपने आदर्श के रूप में देखते हुए युवा अपना भविष्य पत्रकारिता में बनाने के उद्देश् से पत्रकारिता में आ रहे है । मैं भी उन्ही युवाओ की तरह पत्रकारिता में अपना भविष्य बनाने के उद्देश्य से पत्रकारिता की पढाई कर पत्रकारिता की शुरुआत की।
पत्रकारिता में तो हमें बहुत कुछ पढ़ाया गया लेकिन वह सब पढाई तक ही अच्छा लगा । लेकिन पत्रकारिता की शुरुआत मैंने नवी मुंबई के वाशी से प्रकाशित होने वाले साप्ताहिक अखबार में 2006 से की। पहली बार जब उस अखबार में गया तो संपादक जी ने बकायदा मेरा इंटरव्यू लिया उसके बाद खबर लाने के साथ ही मुझे अखबार भी साथ में पकड़ा दिया की इसे बाँटते जाना । खैर मुझे सीखना था इसलिए मैं ने सोचा किएकाध दिन कर देते है लेकिन बार बार अखबार बाँटने का काम दिए जाने के कारण मैं वंहा छोड़ दिया और उसके बाद मुंबई से प्रकाशित होने वाले कई अखबारो में 2007 तक काम किया । इस दौरान कई जगह मेरा वेतन भी नही मिला ।इस बिच 2007 में हमारा महानगर से जुड़ा और आज तक जुड़ा रहा।( कंपनी के कुछ डायरेक्टर(व्यापारी) को मैं और कुछ स्टाफ से असंतुष्ट होने के कारण ट्रांसफर कर दिया गया।जिसके कारण हम मुंबई के बाहर ज्वाइन नही किया ।)
2006 से लेकर अभी तक मैं ने जितने भी अखबारो में काम किया वंहा पत्रकारो का कोई भविष्य नजर नही आया । हां इतना जरूर देखा है की जो नेताओ ,मालिको की चापलूसी और पुलिस की दलाली कर सकता है वह सफल है । हमने भी मालिक के कई काम किये लेकिन चापलूसी नही कर पाये ।जिसके कारण आज भी चाल में छोटे मकान में रह रहे है ।
मोदी जी आप प्रधानमंत्री बनने के पहले से ही देश के अधिकतर युवाओ और नागरिको को विश्वास था की हर क्षेत्र में रोजगार के लिए कदम उठाएंगे ।उसके अनुसार आप कर भी रहे है लेकिन पत्रकारिता के क्षेत्र में आ रहे युवाओ के लिए अभी तक कोई कदम नही उठाये है । पत्रकारिता की पढाई पूरा करने के लिए देश भर में रोज नए- नए ,बड़े -बड़े कॉलेज इंस्टीट्यूट खुल रहे है उन कॉलेजों इंस्टीट्यूट में युवाओ को पत्रकारिता के गुण सिखाये जा रहे है लेकिन रोजगार के कोई मार्ग नही है । कुछ युवाओ का नसीब सही माना जाए या उनका भाग्य माना जाए जो सफल हो जाते है नौकरी पाने में लेकिन अधिकतर युवक नौकरी की तलाश में भटकते रहते है । नौकरी नही मिलने पर अपने आप को कोशते रहते है की आखिर क्यों मैं अपना समय पत्रकारिता में गवा दिए ।लाखो की संख्या में देश के युवक आज अपने आप को उशी तरह कोष रहे है । जो नौकरी कर भी रहे है उसमे से बहुत कम ही है जिन्हें उनके मेहनत के अनुसार मेहनताना मिल पाता है वरना गधा मजदूरी कर समय बिता रहे है की आज ना कल कुछ अच्छा होगा ।
मोदी जी आप से भी यही उम्मीद है की पत्रकारिता के क्षेत्र को मजबूत करे जिससे की युवाओ को रोजगार मिल सके । अगर नही मजबूत कर सकते या पत्रकारिता में रोजगार उपलब्ध करा सकते तो पत्रकारिता के उन कॉलेजों और इंस्टीट्यूट को बंद कर दे । जिससे की उन युवाओ के साथ धोखा ना हो सके जो इस क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के उद्देश्य से आना चाहते है ।
मोदी जी आप के सामने मैं बहुत ही छोटा हु । लेकिन उन लाखो युवाओ के तरफ से यह पत्र लिखा है, पता नही कि आप इसे पढ़ेंगे भी या नही ? लेकिन हम उम्मीद लगाये है की विदेश दौरे से वापस आने के बाद जरूर कोई ठोस कदम उठाएंगे जिससे की युवाओ का सपना अधूरा ना रहे ।
धन्यवाद !
एक पत्रकार
नागमणि पाण्डेय
9004322982
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