पैट्रिक के बाद मंच पर जे ललिताअम्मा आई जो भारत में पी ओ र डी (पीपल्स ऑर्गेनाइजेशन रूलर डेवलपमेंट )नाम की संस्था चलती हैं। उन्होंने बताया कि यह उनकी स्वयं की ज़िन्दगी में बहुत समस्या थी इस लिए उन्होंने यह संस्था बनायीं।
अरे लखनऊ और गोरखपुर का अधिकांश लेखक समाज भी नहीं जानता कई दिवंगत लेखकों के परिजनों को। कैसे-कैसे मैं पहुंचा हूं , उन के परिजनों तक और कैसे तो उन की रचना प्राप्त की है , कितनों का सहयोग लिया है , मैं ही जानता हूं या भगवान जानता है।
नरेंद्र जी पेशे से एक कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर इंजिनियर और बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेटर हैं। जब हमने उनसे श्री नरेन्द्र मोदी जी की ह्युस्टन अमेरिका की यात्रा के बारे में पूछा तो उन्होंने कुछ ऐसा कहा।
सुरेश जी ने कहा कि पहले एकल मात्र बच्चों की शिक्षा के लिए ही प्रारम्भ किया था। पर फिर हमने सेहत ,साफसफाई ,अर्थव्यवस्था का विकास तकनिकी उपकरणों की सहायता से किया । उन्होंने आगे
गौर तलब है कि इस संस्था (क्राय अमेरिका ) का उद्देश्य, भारत में बच्चों पर ही रहे शारीरिक और मानसिक अत्याचारों को रोकना है। यह एक लाभरहित ( ५०१ c३ नॉनप्रॉफ़िट ) संस्था है जो एक ऐसे संसार की कामना करती है कि जहाँ सारे बच्चों को,
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