सुन्दर कार्यक्रम स्थल, स्वादिष्ट भोजन, शानदार वक्ता और फिल्म अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे ने इस कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिए। कार्यक्रम की शुरुआत मैं प्रमुख वक्ताओं ने अपनी बात कही और इस आयोजन के बारे में अपने विचार रखे।
इसके बाद नेहा कक्कड़ को उनका परिचय देते हुए मंच पर आमंत्रित किया गया। यहाँ मैं आप सभी को नेहा जी के बारे में थोड़ा बताती चलूँष ऋषिकेश में जन्मी नेहा जी ने चार साल की उम्र से ही गाना प्रारम्भ कर दिया था।
श्री विवेक आनन्द जी ने जब श्री श्री रविशंकर जी से पूछा कि आज का युवा अहिंसा और असहमति विचारों से बहुत दुखी और परेशान है। तो कृपा करके बताइये कि नियंत्रित और अनियंत्रित संघर्षों और झगड़ों से कैसे निपटा जाय, तो गुरुदेव जी ने कहा कि समाज मैं अनादि काल से संघर्ष रहा है.
तो जिस गोरखपुर में प्रेमचंद पढ़े , नौकरी किए और गांधी का भाषण सुन कर सरकारी नौकरी छोड़ कर स्वतंत्रता की लड़ाई में कूदे , कहानी की शुरुआत गोरखपुर में प्रेमचंद से ही मान लिया। ईदगाह , पंच परमेश्वर , रंगभूमि जैसी कई कालजयी रचनाएं प्रेमचंद ने गोरखपुर में ही लिखीं।
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