टेल्गो ट्रेन के ट्रायल के लिए डिब्बे भारत आ गए हैं। पहला ट्रायल 115 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से किया जाएगा। स्पेन निर्मित टेल्गो ट्रेन का भारत में पहला ट्रायल 29 मई से बरेली-मुरादाबाद रेल मार्ग पर होगा। इस ट्रायल के लिए डिब्बे भारत आ गए हैं। टेल्गो ट्रेन का पहला ट्रायल 115 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से किया जाएगा। इस दौरान ट्रेन के कंपन का टेस्ट होगा। टेल्गो ट्रेन का अगला ट्रायल मथुरा-पलवल और दिल्ली-मुंबई रूट पर होगा। इन ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 200 किमी प्रति घंटा है। साथ ही इनके परिचालन में 30 प्रतिशत कम ऊर्जा खपत होती है।
टेल्गो ट्रेन में सीटें एयरोप्लेन की तरह पास-पास होती हैं। सीटों के बीच एक ब्रीफकेस से अधिक कुछ नहीं रखा जा सकता। साथ ही कोच में ऊपर की ओर केवल एक सामान्य सामान रखने की रैक होती है। रेलवे मंत्री सुरेश प्रभु ने पिछले दिनों संसद में बताया था कि टेल्गो ट्रेन के ट्रायल का मकसद दिल्ली-मुंबई के बीच लगने वाले समय में 5 घंटे की कटौती करना है। टेल्गो ने प्रयोग के लिए फ्री में अपने कोच मुहैया कराए हैं। वर्तमान में टेल्गो ट्रेन एशिया और अमेरिका में कई जगहों पर चल रही है। छोटे-मोटे बदलावों को छोड़कर ट्रायल रन के दौरान पटरियों में कोई बदलाव नहीं होगा।