संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने सुरक्षा की दृष्टि से अंडमान निकोबार द्वीप समूह को संवेदनशील क्षेत्र माने जाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि भारत को इस इलाके को सुरक्षित करना चाहिए। साथ ही दक्षिण पूर्व एशिया सागर क्षेत्र को फ्रेंडली जोन के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जाना चाहिए। दिल्ली में एक कार्यक्रम में इन्द्रेश कुमार ने कहा कि भारत को अरब सागर में खतरे का सामना नहीं करना पड़ता लेकिन बंगाल की खाड़ी में शक्तिशाली देश हमेशा कुछ करने के प्रयास में रहते हैं।
यहां चीन और अमेरिका जैसे देशों के प्रतिष्ठान भी हैं। इसलिए अंडमान निकोबार द्वीप समूह को संवेदनशील माना जाना चाहिए। उन्होंने पोर्ट ब्लेयर और वाइपर द्वीपों का जिक्र करते हुए कुछ द्वीप का नाम बदलने की मांग की। इन्द्रेश कुमार के अनुसार अंडमान निकोबार में 18 से 20 द्वीपों का नामकरण भारतीयों पर अत्याचार करने वाले ब्रिटिश अधिकारियों के नाम पर हुआ है। इन नामों को बदला जाना चाहिए।
प्रशासन को द्वीपों के पुराने नाम का पता लगाने के लिए कहा गया है। इसके बाद इस दिशा में आंदोलन आगे बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने सेल्युलर और वाइपर जेल को स्मारक में बदलने की भी मांग रखी ताकि लोगों को राष्ट्रीयता तथा देशप्रेम की सीख मिल सके। संघ नेता ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की उस नीति की आलोचना की, जिसके अनुसार यदि आप किसी से नहीं लड़ेंगे तो कोई आप से भी नहीं लड़ेगा।