Sunday, December 22, 2024
spot_img
Homeपत्रिकाकला-संस्कृतिअशोक मिश्र से फ़िल्म लेखन की चुनौतियां पर चर्चा

अशोक मिश्र से फ़िल्म लेखन की चुनौतियां पर चर्चा

चित्रनगरी संवाद मंच मुम्बई के साप्ताहिक आयोजन में प्रतिष्ठित फ़िल्म लेखक अशोक मिश्र ने फ़िल्म लेखन की चुनौतियां पर अपने अनुभव साझा किये। लोकप्रिय उदघोषक ममता सिंह और हाल में मौजूद सिने प्रेमियों के साथ उनकी बातचीत इतनी रोचक थी कि कई बार ठहाके लगे और कई बार तालियां बजीं। फ़िल्म लेखन के बारे में श्रोताओं ने उनसे कई सवाल पूछे। अशोक मिश्र ने सवालों के जवाब विस्तार से दिये। इस चर्चा में कथाकार मनहर चौहान, कवि विनोद दास, विनीता दास, कवि अनूप सेठी, डॉ सुमनिका सेठी और कवयित्री प्रतिमा सिन्हा जैसे कई प्रतिष्ठित रचनाकार शरीक हुए।

रविवार 18 फरवरी 2024 को मृणालताई हाल, केशव गोरे स्मारक ट्रस्ट, गोरेगांव में आयोजित इस कार्यक्रम में अशोक मिश्र ने कहा कि फ़िल्म जगत में हमेशा प्रतिभा की क़द्र होती है। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से प्रशिक्षण लेने के बाद वे भरपूर तैयारी के साथ काम की तलाश में मुम्बई आए। सबसे पहले उन्होंने अपने प्रिय निर्देशक श्याम बेनेगल से संपर्क किया। बेनेगल जी ने उन्हें ‘भारत एक खोज’ धारावाहिक की लेखक टीम में शामिल किया। आगे चलकर अशोक मिश्र ने श्याम बेनेगल के लिए ‘समर’, ‘वेलडन अब्बा’ और ”वेलकम टू सज्जनपुर’ जैसी चर्चित फ़िल्मों का लेखन किया।

एक सवाल के जवाब में अशोक मिश्र ने कहा कि रिसर्च किए बिना वे किसी भी फ़िल्म की पटकथा नहीं लिखते। फ़िल्मकार सईद मिर्ज़ा के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि ‘नसीम’ फ़िल्म लिखने के बाद निर्देशक सईद मिर्ज़ा ने कहा- इसके 50% सम्वाद कम कर दीजिए। जब उन्होंने सम्वाद कम कर दिए तो सईद मिर्ज़ा ने कहा- 50% संवाद और कम कर दीजिए क्योंकि सिनेमा संवाद का नहीं दृश्य का माध्यम है। उन्होंने उनके सुझाव पर काम किया। परिणाम यह हुआ कि फ़िल्म नसीम के स्क्रीनप्ले को नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया।

अशोक मिश्र लिखित फ़िल्म ‘कटहल’ का निर्देशन उनके सुपुत्र यशोवर्धन ने किया है। हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ इस फ़िल्म को काफ़ी पसंद किया गया।

दूसरे सत्र की शानदार शुरुआत व्यंग्यकार सुभाष काबरा ने की। उन्होंने बसंत के संदर्भ में दिलचस्प व्यंग्य लेख सुनाया। बसंत से संबंधित कविता पाठ करने वाले कवियों में शामिल थे- राजू मिश्र कविरा, प्रदीप गुप्ता, अरुण शेखर, शेखर अस्तित्व, पूनम विश्वकर्मा, कनु मित्रवत, मनोज गोयल, संजय गुप्ता, मदन गोपाल गुप्ता और काव्या मिश्रा। न्यूयॉर्क से पधारी गायिका अरुणा गुप्ता और गायिका अनुष्का निकम ने अपनी संगीतमय प्रस्तुतियों से आयोजन की गरिमा बढ़ाई। कार्यक्रम का संचालन आपके दोस्त देवमणि पांडेय ने किया।

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार