योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी ‘पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड’ पर अपने उत्पादों के बारे में गलत जानकारी देने को लेकर11 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना हरिद्वार के एडीएम कोर्ट ने लगाया है।कोर्ट ने पतंजलि कंपनी को ‘गलत प्रचार एवं भ्रामक विज्ञापन’ देने का दोषी पाते हुए उसे एक महीने के अंदर यह जुर्माना भरने को कहा है।
हरिद्वार के एडीएम ललित नारायण मिश्रा की अदालत ने कहा कि पतंजलि आयुर्वेद को गलत प्रचार का दोषी पाया गया, क्योंकि कंपनी ने विज्ञापनों में दिखाया है कि उसके उत्पादों का उत्पादन उसकी अपनी इकाइयां करती हैं, जबकि उनका निर्माण कहीं दूसरी जगह होता है।
जिला खाद्य सुरक्षा विभाग ने वर्ष 2012 में कंपनी के खिलाफ अदालत में एक मामला दर्ज कराया था। विभाग ने पतंजलि द्वारा बेचे जा रहे सरसों के तेल, नमक, अनानास जैम, बेसन के सैंपल एकत्र कर रुद्रपुर लैब भेजा था, जहां जांच में इन सैंपल के फेल होने के बाद यह मामला दर्ज कराया गया था। पिछले चार सालों से कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई चल रही थी। सुनवाई के दौरान ‘पतंजलि’ की ओर से भी तथ्य रखे गए, जिन्हें कोर्ट ने अपर्याप्त मानते हुए फैसला सुनाया।
कोर्ट ने कहा कि ‘पतंजलि’ जिन उत्पादों को अपनी यूनिटों में उत्पादित बताकर अपने लेबल पर बेच रही थी, वह किसी दूसरी कंपनी के यूनिटों में बने थे। कहा गया कि यह सीधे तौर पर खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम-2006 की धारा 52-53 और फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड (पैकेजिंग एंड लेबलिंग रेग्युलेशन-2011) की धारा 23.1(5) का उल्लंघन है।
‘पतंजलि’ को जुर्माने की यह रकम एक महीने के भीतर जमा करानी होगी। साथ ही भविष्य में सुधार न करने पर जिला खाद्य सुरक्षा विभाग को ‘पतंजलि’ पर जरूरी कार्रवाई का भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह आदेश 1 दिसंबर 2016 को दिया था लेकिन यह अब सार्वजनिक हुआ है। ‘पतंजलि’, का वार्षिक टर्नओवर अभी 5 हजार करोड़ रुपए है। अगले वित्तीय वर्ष तक इसे 10 हजार करोड़ करने का लक्ष्य रखा गया है।