उच्चायुक्त मुक्तेश परदेशी ने रोहित कुमार ‘हैप्पी’ की पुस्तक ‘न्यूज़ीलैंड की हिंदी यात्रा’ का किया डिजिटल विमोचन
(न्यूज़ीलैंड): 18 सितंबर को न्यूज़ीलैंड से प्रकाशित ऑनलाइन पत्रिका ‘भारत-दर्शन’ का ‘रजत जयंती’ समारोह आयोजित किया गया। इस पत्रिका को इंटरनेट पर विश्व का पहला हिंदी प्रकाशन होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान में यह पत्रिका विश्व की सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली ऑनलाइन हिंदी साहित्यिक पत्रिका है।
न्यूज़ीलैंड में भारत के उच्चायुक्त मुक्तेश परदेशी की अध्यक्षता में सम्पन्न इस ऑनलाइन आयोजन में विश्व भर के अनेक हिंदी विद्वान, वेब पत्रकार और विचारक सम्मिलित हुए। इस आयोजन के मुख्य अतिथि केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल के उपाध्यक्ष ‘अनिल शर्मा’ थे। न्यूज़ीलैंड में भारत के मानद भारतीय कौंसल ‘भाव ढिल्लो’ इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि थे।
इस अवसर पर न्यूज़ीलैंड में भारत के उच्चायुक्त माननीय श्री मुक्तेश परदेशी ने भारत-दर्शन के सम्पादक ‘रोहित कुमार ‘हैप्पी’ की पुस्तक ‘न्यूज़ीलैंड की हिंदी यात्रा’ का डिजिटल लोकार्पण भी किया। इस पुस्तक में 1930 से लेकर वर्तमान तक की न्यूज़ीलैंड की हिंदी यात्रा का विवरण दिया गया है। उन्होंने शुभकामनाएँ देते हुए कहा, “मुझे रोहित जी की ‘न्यूज़ीलैंड की हिंदी यात्रा’ जो केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा से प्रकाशित हुई है और तकरीबन डेढ़ सौ पृष्ठों की पुस्तक है, इसका डिजिटल विमोचन करते हुए बहुत खुशी हो रही है। इस पुस्तक की हम बहुत दिनों से उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे थे। बहुत-बहुत बधाइयाँ।“
भारत के वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव मुख्य वक्ता थे। प्रो बीना शर्मा (निदेशक केंद्रीय हिंदी संस्थान) प्रो. विनोद कुमार मिश्र (पूर्व महासचिव, विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस), पूर्णिमा वर्मन (संपादक, अनुभूति/अभिव्यक्ति), मनीषा कुलश्रेष्ठ (संपादक, हिंदी नेस्ट), जवाहर कर्नावट (निदेशक, हिंदी भवन भोपाल), नारायण कुमार (अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद), संतोष कुमार मिश्रा (निदेशक, स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र, भारतीय उच्चायोग, फीजी), प्रो. राजेशकुमार (सदस्य केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल), डॉ. राकेश पांडे (संपादक, प्रवासी संसार) इस आयोजन में सम्मिलित थे। बालेन्दु शर्मा दाधीच, (निदेशक, माइक्रोसॉफ्ट भारतीय भाषा एवं सुगम्यता) ने इस अवसर पर ‘भारत-दर्शन’ की उपलब्धियों की चर्चा की। बालेन्दु शर्मा दाधीच विशेषज्ञ के रूप में सूचना प्रौद्योगिकी और न्यू मीडिया के क्षेत्र में विशेष महत्व रखते हैं।
1997 में भारत-दर्शन की पहली वर्षगाँठ के आयोजन की एक वीडियो का फिल्मांकन भी किया गया जिसमें सुप्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार सुश्री अलका सिन्हा की एक रचना भी सम्मिलित थी।
न्यूज़ीलैंड से भी अनेक हिंदी से जुड़े हुए साहित्यकार, पत्रकार, शिक्षक और विद्वान जिनमें डॉ. पुष्पा वुड, प्रीता व्यास, रूपा सचदेव, सुनीता नारायण इस आयोजन में सम्मिलित हुए। भारत-दर्शन से जुड़े हुए श्री अमित अहलावत ने फीजी से तकनीकी योगदान दिया।
भारतीय उच्चायोग के दुर्गा दास (प्रेस, सूचना और संस्कृति), इशांत ग़ुलानी (संस्कृति और सामुदायिक मामलों के कार्यकारी अधिकारी) भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
भारत-दर्शन (न्यूज़ीलैंड) के इस रजत जयंती और हिंदी दिवस उत्सव का संचालन डॉ. संध्या सिंह (अध्यक्ष, सिंगापुर संगम, सिंगापुर) ने किया। भारत-दर्शन के संपादक रोहित कुमार ‘हैप्पी’ के अनुसार, “पत्रिका आने वाले समय में वेब पत्रकारिता के अतिरिक्त ऑनलाइन हिंदी शिक्षण के क्षितिज पर भी नया इतिहास लिखेगी।“
[भारत-दर्शन समाचार, न्यूज़ीलैंड]
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रोहित कुमार ‘हैप्पी’
संपादक, भारत-दर्शन हिंदी पत्रिका
इंटरनेट पर विश्व का पहला हिंदी प्रकाशन – प्रति अंक 10 लाख से भी अधिक पठनीय पृष्ठ
न्यूज़ीलैंड।
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Rohit Kumar ‘Happy’
Editor, Bharat-Darshan
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