कोटा। कोटा जिले में अतिवृष्टि का ऐसा कहर पहले नहीं देखा। खेत के खेत पानी में डूबे हुए हैं, जगह-जगह कच्चे घर जमींदोज हैं, गांव के गांव उजड़ गए। कुदरत की मार झेल रहे ग्रामीणों को मदद, सहानुभूति और संबल की आवश्यकता है। केंद्र और राज्य सरकार का सहयोग लेकर तो इनकी सहायता की ही जाएगी, हम भी इन लोगों की हरसंभव मदद के लिए तैयार हैं। यह बात लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को पीपल्दा विधानसभा क्षेत्र के इटावा तथा सुल्तानपुर क्षेत्र दौरे के बाद कही।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने पहले हेलीकाॅप्टर से इटावा और सुल्तानपुर क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद वे इटावा में लैंड करने के बाद सड़क मार्ग से सीधे बोरदा गांव पहुंचे। इस गांव में पिछले दिनों जलस्तर से 10 से 12 फीट तक बढ़ गया था, जिससे गांव में भारी तबाही हुई। गांव में करीब 400 कच्चे मकान हैं जिसमें से लगभग आधे से अधिक ढह गए।
गांव में लोकसभा अध्यक्ष बिरला लटूरलाल के घर गए। चार दिन पहले तक जो सात कमरों का घर था, आज वहां सिर्फ मलबे का ढेर है। बचा है तो सिर्फ प्रवेश द्वार जो अब भी खड़े रहकर तबाही की कहानी कह रहा है। बिरला ने लटूर लाल के कंधे पर हाथ रखा और ढांढस बंधाया।
लोकसभा अध्यक्ष महिला कृषक सुनीता के घर भी गए। उसने लहसुन की फसल को घर में यह सोच कर सहेज कर रखा था कि मानसून के बाद अच्छे भाव मिलने पर बेचेगी। लेकिन होनी को जैसे कुछ और ही मंजूर था। पूरी की पूरी फसल पानी में गल कर खराब हो गई। स्पीकर को अपनी पीड़ा बताते हुए सुनीता फफक पड़ी। बिरला ने उसे भी धीरज रखने को कहा।
आगे बढ़ते हुए बिरला जब बस्ती में पहुंचे तो तबाही का मंजर दिखाई दिया। एक भी घर ऐसा नहीं था जो सुरक्षित हो। अधिकांश मकान मलबे का ढेर बन चुके थे। जो अब भी खड़े थे, उनकी हालत अब रहने लायक नहीं थी। बिरला ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि मुश्किल की इस घड़ी में वे उनके साथ खड़े हैं। मुआवजे के साथ-साथ उनके लिए छप्पर की भी व्यवस्था करने के प्रयास किए जाएंगे।
इसके बाद बिरला ने देर रात तक इटावा क्षेत्र के खातौली, रामपुरिया धाभाई, छापौल, आसीदा व कैथूदा तथा सुल्तानपुर क्षेत्र क सनीजा बावड़ी, किशनगंज, बूढ़दीत और बनेठिया का भी दौरा किया। हर जगह वे दर्द, आंसू और तबाही की अनेक कहानियों से रूबरू हुए। लोगों ने उन्हें फसलें तबाह हो जाने, घर ढह जाने, दुकान का सारा सामान नष्ट हो जाने समेत अनेक समस्याएं बताईं। सबकी आंखों में एक ही आस दिखाई दी कि इस कठिन समय में लोकसभा अध्यक्ष बिरला ही हैं जो उनकी मददगार बनेंगे।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने खातौली में राजकीय विद्यालय में आश्रय लिए हुए महिलाओं से भी मिले। महिलाओं ने उन्हें बताया कि देखते ही देखते सब कुछ खत्म हो गया। तेजी से बढ़े जलस्तर ने उनसे छत ही छीन ली। घर का सारा सामान बह गया। अब वे छोटे-छोटे बच्चों के साथ स्कूल में आसरा लिए हुए हैं। बिरला ने अधिकारियों को निर्देश दिए महिलाओं और बच्चों को कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए। इन्हें जिस भी चीज की आवश्यकता हो वह मुहैया करवाई जाए।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कोटा जिले में अतिवृष्टि एवं बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों को दौरा कर अधिकारियों कि बैठक में राहत के व्यापक निर्देश दिए। बेठल में लोकसभा अध्यक्ष के ओएसडी राजीव दत्ता, पुलिस अधीक्षक शहर डॉ विकास पाठक, ग्रामीण शरद चैधरी सहित कोटा एवं बूंदी जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारीगण, रेल्वे एवं दूरसंचार विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
कोटा जिला कलक्टर उज्ज्वल राठौड़ एवं बूंदी जिला कलक्टर आशीष गुप्ता ने जिले में राहत एवं बचाव कार्यों के बारे में जानकारी दी। संयुक्त निदेशक कृषि रामअवतार शर्मा ने बताया कि अब तक आठ हजार किसानों के फसल बीमा खराबा के प्रस्ताव तैयार करा लिये गये हैं। जिले में 2 लाख 53 हजार 269 किसानों को फसली बीमा योजना में पंजीकृत किया हुआ है। बूंदी में 4 लाख 69 हजार किसान फसली बीमा योजना में पंजीकृत हैं। अधीक्षण अभियंता सा.नि.वि. राजेश सोनी ने बताया कि जिले में 1150 किमी. की 347 सड़के क्षतिग्रस्त हुई हैं जिनके 7.50 करोड़ के प्रस्ताव तैयार किये गये हैं।
रामगंजमण्डी विधायक मदन दिलावर ने क्षेत्र में नालों व नदियों में कचरा डालकर अतिक्रमण होने से पानी अवरूद्ध का स्थाई समाधान करने, किसानों के कृषि बीमा की कटौती की सूचना बैंकों द्वारा समय पर भिजवाने का सुझाव दिया। के.पाटन विधायक चन्द्रकांता मेघवाल ने क्षेत्र में जलभराव तथा वर्षाजनित घटनाओं के कारण हुए नुकसान में राहत के साथ भविष्य में पुनार्रावृति रोकने के लिए कार्ययोजना बनाने की बात कही। कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने अनंतपुरा, तलवन्डी एवं शहर में स्टेशन आदि क्षेत्रों में जमा पानी का स्थाई समाधान कर क्षतिग्रस्त सड़कों को दुरूस्त करवाने के निर्देश दिए।
लाडपुरा विधायक कल्पना देवी ने कंसुआ क्षेत्र में पानी भराव तथा गिरदरपुरा, गोवर्धनपुरा जैसे दर्जनों गांवों में नगर निगम में आने के बाद भी पानी निकासी नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कोलाना पंचायत में पुलिया क्षतिग्रस्त होने से रास्ता रूकने से ग्रामीणों के सामने आ रही परेशानी बताते हुए कहा कि कोई भी अधिकारी अभी तक मौके पर नहीं गया है।
बूंदी विधायक अशोक डोगरा ने नैनवा रोड़ के तालाब पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने व राहत कार्यों के संबंध में भी सुझाव दिये। पूर्व विधायक हीरालाल नागर ने किसानों के मिडटर्म बीमा प्रस्ताव तथा क्रॉप कंटिंग के आधार पर पूर्ण राहत के प्रस्ताव तैयार करने का सुझाव दिया।
संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी के दो दिवसीय प्रवास के दौरान सांगोद, केशवरायपाटन, लाडपुरा इटावा, सुल्तानपुर तथा कोटा के शहरी क्षेत्रों में अतिवृष्टि के कारण बिगड़े हालात का जायजा लेने के बाद लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि सभी जगह भारी नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि भारी बारिश ने फसलों को तबाह कर दिया है। जगह-जगह कच्चे-पक्के घर ढह गए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सर्वे की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी कर प्रभावितों को मुआवजा दिलवाया जाए।
उन्होंने अधिकारियों को किसानों को फसल बीमा योजना से भी लाभान्वित करने के निर्देश दिए। बिरला ने कहा कि लोगों को राहत पहुंचाने के लिए अधिकारियों को संवेदनशीलता और तत्परता दिखानी होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि घर चाहे कच्चो हो या पक्का हो, यदि अतिवृष्टि से नुकसान हुआ है तो उसका भी मुआवजा दिलवाया जाएगा। हमारी कोशिश होगी कि हर व्यक्ति को उसका छप्पर बनाने में मददगार बन सकें।
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सांगोद और इटावा सहित कोटा-बूंदी के ग्रामीण क्षेत्रों में हुआ जलभराव हम सब के लिए एक सबक होना चाहिए। प्रशासन इस स्थिति को वीडियोग्राफी करवाकर इसको एक केस स्टडी में ले तथा भविष्य में ऐसी किसी आपदा को आने से पूर्व ही रोकने की तैयारी करे। वे रविवार सुबह कोटा व बूंदी के जिला कलक्टर तथा अन्य अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा कर रहे थे।
बिरला ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव का मुख्य कारण ड्रेनेज की समुचित व्यवस्था नहीं होना है। अधिकारी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पानी भरने के कारणों की जांच कर उसकी निकासी की समय रहते व्यवस्था करें। आपदा आने के बाद प्रयास प्रारंभ करना चुनौती से पार पाने का सही तरीका नहीं है। इसमें नुकसान सिर्फ आमजन का होता है।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने साफ शब्दों में कहा कि वे खुद प्रभावित क्षे त्रों में गए हैं। काफी नुकसान हुआ है, फसलों में पूर्ण खराबा है। मकान धराशयी हो गए हैं, जो क्षतिग्रस्त हैं, उन्हें भी गिराकर नया ही बनाना पड़ेगा। ऐसे में 100 प्रतिशत नुकसान हुआ है। अधिकारी नुकसान का सर्वे शीध्र करवाएं, जिससे लोगो को अधिकतम लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के मकान टूटे हैं उनका सर्वे करवाए साथ ही, सर्वे में चिन्हित लोग यदि आवास प्लस एप्प में सूचीबद्ध है एसे लोगों को प्राथमिकता से आवास उपलब्ध करवाएँ। बिरला ने कहा कि सड़कें टूट गई हैं, कई जगह बडे-बडे गड्ढ़े हो गए हैं। इनकी भी जल्द मरम्मत करवाने की आवश्यकता हे। उन्होंने कहा कि सड़कों को जो नुकसान हुआ है, उसके प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार यदि केन्द्र सरकार को भेजती है तो सभी प्रस्तावों को मंजूर करवाकर अधिकतम राशि दिलवाएंगे।
बिरला ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सीएडी इतना बड़ा विभाग है लेकिन उसके अधिकारियों को यह भी नहीं पता कि गांवों में पानी कहां से आता है और उसकी निकासी का क्या रास्त है। विद्युत विभाग अभी तक कई गांवों में विद्युत तंत्र करे दुरूस्त नहीं कर पाया है, जबकि कई राज्यों में तूफान आने के बाद भी 7 दिनो में व्यवस्थाएं पटरी पर आ जाती हैं।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन लोगों को आश्रय स्थल पहुंचाया गया है, वहां उन्हें सभी सुविधाएं मिलें। जो लोग अब भी अपने घरों में या अन्य स्थानों में शरण लिए हुए हैं उनके लिए भी भोजन और अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की समुचित व्यवस्था की जाए।