· प्रधानमंत्री से 18 साल के सभी लोगों के लिए वैक्सीन की अपील
· कोरोना की दूसरी लहर का बहुत तेज विस्तार डर का बड़ा कारण
· लोग नहीं मानें तो सख्ती करने के आदेश दिए अधिकारियों को
जयपुर, (प्राइम टाइम)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना की दूसरी लहर के बहुत तेजी से फैलते संक्रमण को लेकर बेहद चिंतित हैं। मुख्यमंत्री गहलोत ने अपनी यह चिंता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी जाहिर की है। गहलोत ने प्रधानमंत्री से कोरोना के मामले में राज्यों के बीच नीतियों के समन्वय व 18 साल से उपर के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने का आग्रह किया है। गहलोत की चिंता इस बात को लेकर है कि प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर बहुत तेजी से पसरती जा रही है। इस दूसरी लहर के तेजी से फैलने का सबसे बडा कारण यही माना जा रहा है कि इसमें संक्रमण की तीव्रता ज्यादा है। हालांकि मुख्यमंत्री की कोशिशों से संक्रमण रोकने के लिए वैक्सीन लगाने में तेजी लाई जा रही है और इसी वजह से एक दिन में साढ़े पांच लाख लोगों को वैक्सीन लगानेवाला राजस्थान देश में पहला राज्या बन गया है। लेकिन फिर भी संक्रमण रोकने के लिए सरकार आनेवाले दिनों में कुछ सख्ती कर कर सकती हैं। मुख्यमंत्री गहलोत ने संक्रमण रोकने के लिए लोगों से सहयोग की अपील करते हुए सभी से मास्क पहनने के साथ ही स्वास्थ्य का सबसे पहले खयाल रखने की गुजारिश की है। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि लोग कोराना संक्रमित न हो, इसके लिए राज्य सरकार कुछ कड़े कदम उठा सकती है, जिसमें सभी लोगों को इसमें सहयोग करना पडे़गा।
मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे अपने पत्र में कोरोना के हालात पर चिंता जाहिर करते हुए आग्रह किया है कि केन्द्र सरकार देश में कोराना पर नियंत्रण के लिए एकीकृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) निर्धारित करे। इसके साथ ही 18 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के सभी लोगों के लिए टीकाकरण प्रारंभ करवाए। कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए देश में सामुहिक सार्थक प्रयासों की जरूरत बताई है। गहलोत ने केंद्र सरकार से कहा है कि कोरोना नियंत्रण को लेकर राज्यों की अलग-अलग रणनीति, अन्तरराज्यीय यात्रा के लिए कोविड टेस्ट की अनिवार्यता, लॉकडाउन, रात्रि कर्फ्यू, शिक्षण संस्थाओं के संचालन आदि कई महत्वपूर्ण विषयों को लेकर राज्यों में आपसी समन्वय की कमी है। जिसके चलते आमजन में भ्रम एवं भय की स्थिति बनी हुई है। गहलोत ने प्रधानमंत्री से कोरोना संक्रमण रोकने के लिए राज्यों के बीच समन्वय का हल निकालने की माग की है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा है कि राजस्थान मे एक दिन में कोरोना पॉजिटिव केस की संख्या में अचानक बड़ा इजाफा बहुत चिंता का विषय है साथ ही पूरे देश में कोरान संक्रमण के आंकड़े का सवा लाख के आसपास पहुंच जाना अत्यंत चिंताजनक है। राजस्थान में में एक ही दिन में कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या में लगभग दुगनी बढ़ोतरी होना भी अपने आप में डरावनी बात हैं। माना जा रहा है कि जिस तरह से संक्रमण बहुत तेज रफ्तार से बढ़ता जा रहा है, उसे देखकर संक्मित लोगों की संख्या में और भी बढ़ोतरी हो सकती है। मुख्मंत्री ने चेताया कि कोरोना की दूसरी लहर को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार जल्द ही कुछ और अधिक कड़े कदम उठा सकती है, जिसमें सहयोग के लिए सभी लोग तैयार रहें। मुख्यमंत्री की कोरोना संक्रमण पर ब्रेक लगाने की कोशिशों के तहत प्रदेश में कोरोना वैक्सीन लगाने की रफ्तार भी तेज कर दी गई हैं। प्रदेश में बीते सोमवार को एक ही दिन में 5.44 लाख लोगों को टीका लगाए जाने पर खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने इस अभियान में जुटे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं चिकित्सा कर्मियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि राजस्थान की यह बहुत बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि एक दिन में वैक्सीनेशन की यह देश के सभी राज्यों में सबसे बड़ी संख्या है। गहलोत ने कहा कि टीकाकरण अभियान की गति में और तेजी लाना जरूरी होता जा रहा है। इसके बिना कोरोना के प्रसार को नियंत्रित करना संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगने के बाद भी लोगों को मास्क पहनने सहित हैल्थ प्रोटोकोल के अन्य नियमों की पालना करना भी जरूरी है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में कोरोना की तेज होती रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए इंटर स्टेट और इंटर डिस्ट्रिक्ट यात्राओं पर सख्ती की जा रही है। दूसरे राज्य से आनेवालों व दूसरे जिलों से आनेवालों दोनों के लिए आरटी पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट की सख्ती से किसी को भी एंट्री में कई तरह की परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। इसके अलावा राजस्थान में अब 60 या उससे अधिक बेड वाले प्राइवेट अस्पतालों में 25 फीसदी बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किए जा सकते हैं। इस आशय का आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो सकता है। मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रशासन एवं पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे कोरोना गाइड लाइन की पालना करवाने के लिए पूरी सख्ती बरतें। उन्होंने यह बी कहा है कि सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनने तथा उचित सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की अवहेलना करने पर जुर्माने के साथ-साथ प्रतिष्ठानों को 72 घण्टे तक सीज करने जैसे कदम उठाने में कोई कोताही नहीं बरती जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमण के मुकाबले की भावना से काम करते हुए हमें सख्ती के साथ-साथ प्यार और समझाइश से जन अभियान की तर्ज पर हैल्थ प्रोटोकोल की पालना करवानी है।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवँ राजनीतिक विश्लेषक हैं)