लोगों के डाटा को सुरक्षित एवं संरक्षित रखना सरकार का मौलिक दायित्व है। कोविन डेटाबेस के सार्वजनिक होने का आरोप लगाया जा रहा है, जो एक अति गंभीर व चिंता का विषय है ।इस तरह के डेटाबेस के सार्वजनिक होने के आरोप पहले भी लग चुका है, यह चिंता का प्रमुख कारण है। डिजिटलीकरण के तीर्वता को देखते हुए भारतीयों के डेटा की सुरक्षा को सरकार को सुरक्षित करना सरकार का पुनीत कर्तव्य व दायित्व है ।लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण सरकार का दायित्व है। इस दिशा में सकारात्मक पहल करते हुए सरकार ने डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटक्शन बिल, 2022 को संसद( लोकसभा + राज्य सभा+ राष्ट्रपति) में विधेयक लाई है ।
भारत डिजिटल भुगतान के मामले में नंबर एक पर आ गया है। साल 2022 में देश में 89.5 मिलियन ऑनलाइन ट्रांजैक्शन किए गए हैं। इस तरह की वृहद व्यवस्था में तेजी लाने के लिए एक मजबूत, पारदर्शी एवं सख्त नियामक कानून लाना आवश्यक है ।सरकार को इस मामले में अतिसंवेदनशील और त्वरित निर्णय लेना चाहिए।