डॉ मधुबाला शुक्ल की पहली किताब ‘कसौटी पर कृतियां’ पर आयोजित परिचर्चा सार्थक और संतुलित रही। रविवार 3 मार्च 2024 को केशव गोरे ट्रस्ट गोरेगांव के मृणालताई हाल में आयोजित चित्रनगरी संवाद मंच मुंबई के सप्ताहिक आयोजन में लेखिका कुसुम त्रिपाठी ने जहां ऐतिहासिक परिपेक्ष्य में अपनी बात रखी वहीं कवि पत्रकार हरि मृदुल ने साहित्यिक परंपरा के आलोक में इस कृति का आकलन किया। जेएनयू के पूर्व प्रोफ़ेसर राम बक्ष जाट ने इस कृति के माध्यम से समय और समाज से जुड़े सवालों को रेखांकित किया। शिमला से पधारे प्रतिष्ठित कथाकार एस आर हरनोट ने इस कृति के बहाने किन्नर समाज के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां दीं।
वरिष्ठ साहित्यकार प्रो सत्यदेव त्रिपाठी ने डॉ मधुबाला को शुभकामनाएं देते हुए उन्हें लेखकीय ज़िम्मेदारियों के प्रति आगाह किया तथा भविष्य में उनसे और अधिक परिष्कृत लेखन की उम्मीद जताई। आरम्भ में डॉ रोशनी किरण ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। डॉ मधुबाला शुक्ल ने आत्मकथ्य में अपनी रचना प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन आपके दोस्त देवमणि पांडेय ने किया।
काव्य पाठ के दूसरे सत्र में युवा और वरिष्ठ कवियों ने विविधरंगी कविताएं सुनाईं। इनमें शामिल थे जाने माने हास्य कवि आश करण अटल, हरि मृदुल, गुलशन मदान, नवीन जोशी नवा, सीमा अग्रवाल, प्रतिमा सिन्हा, अजय शुक्ल, शिवम सोनी, मुश्ताक़ शेख़, सौरभ बंसल, क़मर हाजीपुरी और गीतकार विशू। आकाश ठाकुर के गायन से कार्यक्रम का समापन हुआ। जाने-माने पर्यावरणविद अफ़ज़ल खत्री, नुसरत खत्री, लेखिका शशि शर्मा, कवि नवीन चतुर्वेदी, कवि प्रदीप गुप्ता और रंगकर्मी शाइस्ता ख़ान ने अपनी मौजूदगी से आयोजन को गरिमा प्रदान की।