16 से 18 अगस्त तक कर्नाटक के बीजापुर में जनल-जन-जोड़ो अभियान ने भारत को दुष्काल-मुक्त बनाने के लिए देश के 101 नदी घाटी के पानी एवं पर्यावरण पर कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं को एक मंच पर एकत्रित किया था। इस राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान तीन दिनों तक लगातार पानी, पर्यावरण और नदी पुनर्जीवन के विषय में व्यापक चर्चा हुई थी। ।
बिगड़ते मौसम के मिजाज के कारण, किसान और मजदूर बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। कृषि में प्रतिकूल मौसम का प्रभाव लगातार गहराता जा रहा है। बढ़ते जल-संकट के कारण, गाँव से लोग शहरों की तरफ पलायन करने को मजबूर हैं। गाँव में रोजगार और आजीविका के साधन बचे नहीं हैं और अब जल भी ग्रामीणों के हांथ से जा रहा है जिसके कारण लोग इस संकट के समाधान के उपाए ढूंढ रहे हैं। संकट के स्थायी समाधान हेतु सरकार और समाज दोनों लापरवाह है।
आज भारत में आज़ादी के समय की तुलना में 10 गुना ज़्यादा सूखा और 8 गुना ज़्यादा बाढ़ बढ़ गयी है। देश की अधिकांश नदियां अपनी न्यूनतम जल स्तर पे बह रही हैं। कई इलाकों में सूखे और बाढ़ की समस्या इतनी गंभीर है की लोगों का जीवन बेहद कठिन हो गया है। ऐसे इलाकों में सरकार, समाज, स्वैच्छिक संगठनों को एक साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है ताकि इस संकट से होने वाली बरबादी को कम किया जा सके। इसी परिपेक्ष्य में, बुंदेलखंड के खजुराहो में 2-3 दिसम्बर, 2017 को ‘सूखा, अकाल एवं नदी पुनर्जीवन’ विषय पर राष्ट्रीय जल सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन में राजनेता, विषय विशेषज्ञ, शासकीय अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता एक साथ एकत्रित होंगे तथा इन समस्याओं से निपटने के लिए विचार-मंथन कर कार्ययोजना तैयार करेंगे।
इस कार्यक्रम का आयोजन देश के सर्वाधिक अभावग्रस्त इलाके बुंदेलखंड में आयोजित किया जा रहा है। यह इलाका पिछले दो दशकों से गंभीर जलवायु संकट के दौर से गुज़र रहा है। इस इलाके में जलवायु संकट तथा सूखे से उबारने के लिए एवं भारत को दुष्काल-मुक्त बनाने की श्रृंखला में राष्ट्रीय जल सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
इसमें जो कार्यकर्ता भाग लेना चाहें वे इस लिंक पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
पंजीकरण लिंक: http://psss.jaljanjodoabhiyan.org/forms/registration/
संपर्क
संजय सिंह
राष्ट्रीय संयोजक
जल जन जोड़ो अभियान
मोबाइल: 9415114151