Sunday, November 24, 2024
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रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के न्योते का हर किसी को है इंतजार

अयोध्या में निर्माणाधीन श्री राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के न्योते के इंतजार में हर कोई पलके-पावड़े बिछाए हुए ही है। नेता से लेकर आम आदमी तक हर कोई इस शुभ घड़ी का साक्षी बनने का हसरत पाले हुए है। इसके चलते उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है। वैसे-वैसे निमंत्रण को लेकर भी लोगों के भीतर बेचैनी बढ़ने लगी है। यही वजह ही कि मीडिया में ख़बरें आने लगी हैं कि अमुक व्यक्ति को राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं किया गया है।

देश मे ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में 22 जनवरी 2024 को श्री राम मंदिर के उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा की चर्चा है। दरअसल, जिस राम मंदिर के लिए कई दशक तक लड़ाइयां लड़ी गई। अनगिनत कारसेवकों ने अपने जान की कुर्बानी दे दी। बड़ी संख्या में लोगों ने अपना संपूर्ण जीनव ही राम मंदिर निर्माण के लिए समर्पित कर दिया। उस राम मंदिर में श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा को अब केवल दो हफ़्ते ही शेष रह गए हैं। इसलिए इस शुभ घड़ी का साक्षी हर कोई बनना चाहता है और अयोध्या जाना चाहता है।

दरअसल, राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट ने इस ऐतिहासिक समारोह का साक्षी बनने के लिए कुछ खास मापडंदों को ध्यान में रखकर न्योता भेजा है। इसके लिए गहन विचार मंथन किया गया, उसके बाद ही आमंत्रित लोगों की सूची तैयार की गई। राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट देश और विदेश के कुल आठ हजार लोगों को निमंत्रण भेज रहा है और उन्हें मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का न्योता दे रहा है। जिसमें चार हजार साधु-संत जो अलग-अलग संप्रदाय से जुड़े हैं। इसके अलावा 2200 गृहस्थ शामिल होंगे और बाकी के बचे न्योते में अलग अलग क्षेत्रों से जुडे प्रतिनिधि शामिल होंगे।

इस मंदिर के निर्माण के सबसे बड़े सूत्रधार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे पहले निमंत्रण पत्र भेजा जा गया है।
इसके अलावा सभी पूर्व प्रधानमंत्री और संसद के दोनों सदनों लोकसभा, राज्यसभा में विपक्ष के नेताओं और कई पूर्व मुख्य न्यायाधीशों को इस कार्यक्रम के लिए प्राथमिकता के तौर पर न्योता भेजा गया है। सभी राष्ट्रीय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी इस कार्यक्रम के लिए खास आमंत्रित किया गया है। इस मंदिर निर्माण के संघर्ष में बलिदान देने वाले लोगों के परिवार के सदस्य को भी आमंत्रित किया गया है।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और प्रदेश के मुख्यमंत्री और मंदिर निर्माण के प्रमुख सूत्रधार महंत योगी आदित्यनाथ को विशेष रूप से उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। दूसरे राज्यों के राज्यपालों या मुख्यमंत्रियों को इस समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया है। क्षेत्रीय पार्टियों के प्रमुखों या पदाधिकारी को भी आमंत्रित नहीं किया जाएगा।

सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, रामायण में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल, फिल्मकार मधुर भंडारकर और सेंसर बोर्ड के प्रमुख गीतकार प्रसून जोशी समेत सिनेमा जगत के कई प्रमुख लोगों को भी निमंत्रण भेजकर उनसे इस समारोह में शामिल होने का आग्रह किया गया है। इसके अलावा आईआईटी-आईआईएम के प्रमुख लोगों को निमंत्रण भेजा जा गया है।

कुछ प्रमुख पद्म पुरस्कार पाने वाले गणमान्य लोगों, कुछ प्रमुख पूर्व सैन्य-अधिकारियों और देश के लिए अदम्य साहस के साथ लड़ने वाले वीरचक्र विजेताओ को भी आमंत्रण भेजा गया है। उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग, सीआरपीएफ और दूसरे अर्धसैनिक बलों के प्रमुख पदाधिकारियों को भी दावत भेजा गया है। इसरो के वैज्ञानिक नीलेश देशाई सूर्य तिलक औऱ धनुष विद्या के प्रमुख, बैटमिंटन खिलाड़ी गोपीचंद समेत कई प्रमुख खिलाड़ियों और कुछ प्रमुख साहित्य और लेखकों और प्रमुख मीडिया संस्थान के मालिक को भी को भी रामंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का निमंत्रण पत्र प्रेषित किया गया है।

राम मंदिर संघर्ष को खड़ा करने और उसे मूर्त रूप में साकार करने के लिए प्रयत्नशील रहने वाली विश्व हिंदू परिषद के 100 लोगों को ही राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए निमंत्रित किया गया है। इसी तरह आरएसएस के 25 लोगों और आरएसएस से जुड़े 40 अलग-अलग संगठनों से एक-एक ही प्रतिनिधि को आमंत्रित किया गया है। सभी धर्मों और पंथों के धार्मिक गुरुओं, भारत के प्राचीन और बड़े मंदिरों के सीईओ या प्रमुख पदाधिकारी, धार्मिक या सामाजिक क्षेत्रों में काम करने वाली संस्थाओं के प्रमुखों को आमंत्रित किया गया है।

व्यापार और उद्योग जगत के प्रमुख हस्तियों, मंदिर निर्माण में दिन रात मेहनत करने वालों में से 10-15 फीसदी कारीगरों और 200 वेंडर जो इस मंदिर के लिए सप्लाई कर रहे हैं उनके प्रमुखों को आमंत्रित किया गया है। कुछ प्रमुख अप्रवासी भारतीयों और कई देशों के राजदूतों को भी प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रित किया गया है।

अयोध्या में 16 जनवरी 2024 को पूजा शुरू हो जाएगी, प्राण प्रतिष्ठा की पूजा काशी के प्रसिद्ध कर्मकांड के विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ और लक्ष्मीकांत दीक्षित कराएंगे। जबकि प्राण प्रतिष्ठा के बाद से 46 दिन तक लगातार मंडल पूजा शुरू रहेगी। जिसको दक्षिण भारत के विश्व प्रसन्न तीर्थ जी के नेतृत्व में संपन्न किया जाएगा।

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