Friday, November 22, 2024
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राम और दशरथजी को मुआवजा देने के लिए 6 महीने तक भटकते रहे अधिकारी

ब्यावरा। अब तक आपने सुना होगा कि प्रभावित लोग मुआवजा पाने के लिए प्रशासनिक अफसरों के चक्कर काटते फिरते हैं लेकिन यहां मामला कुछ अलग है। मध्य प्रदेश के ब्यावरा और राजगढ़ के बीच बन रहे मोहनपुरा डेम के डूब क्षेत्र में आ रही मांडाखेड़ा गांव में बने मंदिर की जमीन को अधिग्रहित करने के लिए प्रशासन आठ महीने से भगवान श्रीराम पिता दशरथ जी महाराज को छह लाख का मुआवजा देने भटक रहा है।

मंदिर की जमीन के मालिक का अता-पता नही होने पर अब प्रशासन ने इस मुआवजा राशि को धर्मस्व विभाग के खाते में जमा कराने का निर्णय लिया है। मंदिर को हटाने के लिए राजगढ़ एसडीएम ने भगवान श्रीरामचंद्र पिता दशरथ जी महाराज के नाम से सात अप्रैल 2015 को नोटिस जारी किया था। नोटिस में स्पष्ट तौर पर लिखा गया था कि श्री रामचंद्र पिता दशरथ जी महाराज मोहनपुरा डैम के लिए आपकी भूमि अधिग्रहित की गई है।

जमीन के बदले में आपको शासन की ओर से छह लाख रूपए का मुआवजा दिया जाएगा। यदि क्षतिपूर्ति के संबंध में आपकी कोई आपत्ति है तो राजगढ़ के एसडीएम कार्यालय में आकर शिकायत दर्ज कराएं। यदि आप निर्धारित तारीख को उपस्थित नहीं हुए तो बाद में आपको कोई भुगतान नहीं किया जाएगा। राजस्व विभाग के अफसर यह नोटिस लेकर आठ महीने में कई बार मंदिर में पहुंचे लेकिन वहां इस नोटिस को लेेने वाला भू-स्वामी नहीं मिला।

मालूम हो कि करीब 42 गांव की जमीन, मकान व अन्य धार्मिक स्थान डूब में आ रहे हैं। डूब क्षेत्र में राजगढ़ तहसील का एक गांव मांडाखेड़ा भी शामिल है। यहांं स्थित 32 वर्ष पुराना भगवान श्रीराम का मंदिर व उसकी लगभग आठ बीघा जमीन भी डूब में आ रही है।

सात अप्रैल को जारी हुआ नोटिस, तामील अब तक नहीं:

यह नोटिस राजस्व विभाग ने सात अप्रैल को जारी किया। लेकिन नोटिस लेने वाला कोई नहीं था। चूंकि प्रशासन को मुआवजा प्रक्रिया पूर्ण करनी थी, इसलिए अब यह तय किया गया है कि छह लाख की मुआवजा राशि धर्मस्व विभाग के खाते में जमा करा दी जाए। वहीं इस मंदिर की देखरेख कर रहे पुजारी मुरलीधर पिता भंवरलाल शर्मा ने बताया कि मंदिर की स्थापना किसी अन्य स्थान पर कराई जानी चाहिए।

मुआवजा धर्मस्व विभाग के खाते में जमा कराएंगे:

मंदिर की जमीन का मुआवजा अब धर्मस्व विभाग के खाते में जमा करने का निर्णय लिया गया है। जहां तक पुजारी को भूमि आवंटन का सवाल है, इसमें नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। कमलेश भार्गव, एसडीएम राजगढ़

साभार- http://naidunia.jagran.com/ से

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