गुजरात में कोरोना वायरस के 82 मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें से तीन की मौत हो चुकी है। पूरे राज्य में कोरोना संक्रमण का सामना करने के लिए गुजरात ने अस्पताल तैयार करने के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है। चीन ने जहां एक हजार बेड का अस्पताल 10 दिनों में बनाया था। वहीं गुजरात ने केवल छह दिनों में 2200 बेड का अस्पताल बनाकर चीन के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है।
21 मार्च हुई थी घोषणा
गुजरात सरकार ने राज्य के चार शहरों में 2200 बेड के विशेष कोविड-19 अस्पताल को बनाने की घोषणा करके उसपर तुरंत अमल करना शुरू कर दिया। इसके बाद केवल छह दिनों में 2200 बेड का अस्पताल बनकर तैयार हो गया। इसमें अहमदाबाद में सबसे बड़ा 1200 बेड, सूरत में 500 बेड और फिर वडोदरा-राजकोट में 250-250 बेड का अस्पताल शामिल है। इन अस्पतालों में काम होना शुरू हो गया है।
केवल कोरोना संक्रमित मरीज होंगे भर्ती
कोरोना पॉजिटिव मरीज से किसी और को संक्रमण न हो इसलिए इस अस्पताल में केवल कोरोना से संक्रमित मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। यह अस्पताल सभी तरह की सुविधाओं और दवाओं से लैस है और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार काम कर रहा है।
क्या थी पंकज कुमार की जिम्मेदारी
गुजरात में करोना वायरस ने जब अपने पांव फैलाने शुरू किए थे तभी सरकार ने राज्य के चार प्रमुख शहरों में अस्पताल बनाने के फैसला लिया था। ये अस्पताल जल्द बनें इसके लिए राजस्व के मुख्य सचिव पंकज कुमार को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उनकी मेहनत की वजह से चारों शहरों में न केवल अस्पताल बनकर तैयार हुए बल्कि सभी ने काम करना भी शुरू कर दिया है।
राजकोट के सिविल अस्पताल के चौथे माले में बना आइसोलेशन वार्ड
राजकोट के सिविल अस्पताल की नई बिल्डिंग के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के चौथे माले को आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। वहां पर 200 बेड की व्यवस्था की गई है। अभी इस अस्पताल की पहचान कोविड-19 के रूप में की गई है।