समाज में निरन्तर बढ़ती असम्वेदनशीलता, वैचारिक दिशाहीनता, हिन्दी के पाठकवर्ग और भाषा-प्रश्नों के मध्य उत्पन्न हुई असंलग्नता किसी भी सामाजिक रूप से जागरूक व्यक्ति को चिन्तित करने के लिए पर्याप्त है। इन चिन्ताओं को ध्यान में रखते हुए भाषा, साहित्य व वैचारिकता के कार्यों को गति देने के प्रयासों, हिन्दी को वैश्विक परिदृश्य पर और अधिक लोकप्रिय बनाने, विश्व-भर में फैले हिन्दी रचनाकारों की रचनाशीलता को रेखांकित करने, सार्थक साहित्यिक चर्चा को बढ़ावा देने एवं परस्पर सम्वाद को गतिशील बनाने हेतु एक नई (मासिक) साहित्यिक पत्रिका “सार्थक” का ऑनलाईन प्रकाशन प्रारम्भ कर रहे हैं। कालान्तर में इसका मुद्रण भी साथ-साथ करने की योजना है।
पत्रिका का कार्यभार सम्हालेंगे –
सम्पादक – डॉ. सत्य प्रकाश तिवारी
सम्पादक मण्डल – डॉ. कविता वाचक्नवी, राज हीरामन, डॉ कृष्ण कुमार श्रीवास्तव
सम्पादन सहयोग – समीर कुमार
प्रबन्ध सम्पादक – सत्येन्द्र पण्डित
सभी सम्पादक क्रम से तीन-तीन माह के अंकों का सम्पादन करेंगे।
जनवरी, फरवरी, मार्च – (डॉ कविता वाचक्नवी, ह्यूस्टन, अमेरिका)
अप्रैल, मई, जून (राज हीरामन, मॉरिशस)
जुलाई, अगस्त, सितम्बर (डॉ कृष्ण कुमार श्रीवास्तव, भारत)
अक्तूबर, नवम्बर, दिसम्बर (डॉ. सत्य प्रकाश तिवारी, भारत)
पत्रिका में विविध स्तम्भों की योजना है; यथा – इतिहास से, आलोचना, विमर्श, कहानी, संस्मरण एवं यात्रा-वृत्तान्त, पुस्तक समीक्षा, काव्य, भाषा, मीडिया, समाचार, तकनीक, विश्व-साहित्य, भारतीय साहित्य, कला, अनुवाद व पाठकीय इत्यादि।
यदि आप गम्भीर साहित्य से सक्रिय जुड़े हैं, तो (जिस भी अंक में सम्मिलित होना चाहें, उसका उल्लेख करते हुए) अपनी रचनाएँ यूनिकोड (12 font size, word format) में शुद्ध टंकित कर पत्रिका के ईमेल पते saarthak.editor@gmail.com पर अथवा सीधे सम्बन्धित सम्पादक के ईमेल पते पर भिजवाएँ। रचनाओं की स्वीकृत / अस्वीकृति का अधिकार पूर्णतः सम्पादक व सम्पादक-मण्डल का होगा।
‘सार्थक’ का पहला अंक शीघ्र ही कुछ दिन में आपके हाथ में होगा। कृपया पत्रिका को सहयोग देकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। आपकी रचनाओं का स्वागत है।