Wednesday, December 25, 2024
spot_img
Homeप्रेस विज्ञप्तिराखी के धागों की अहमियत बरकरार, वाराणसी परिक्षेत्र के डाकघरों से 1.76...

राखी के धागों की अहमियत बरकरार, वाराणसी परिक्षेत्र के डाकघरों से 1.76 लाख राखी डाक का वितरण

वाराणसी। हाईटेक समाज में वर्चुअल होते रिश्तों के बीच राखी के रेशम धागों की अहमियत अभी भी बरकरार है। डाक विभाग ने भी इस त्यौहार को लेकर तमाम तैयारियाँ की। डाक विभाग ने जहाँ राखी भेजने हेतु वाटरप्रूफ डिजायनर लिफाफे की व्यवस्था की, वहीं देर शाम तक डाकिया लोगों की राखी-डाक वितरित करते रहे, ताकि किसी भाई की कलाई सूनी न रह जाये।

लोगों ने अपनी ख़ुशी का इजहार डाक विभाग को शुक्रिया कहकर किया। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि वाराणसी परिक्षेत्र के डाकघरों से 1.15 लाख से ज्यादा राखियाँ देश-विदेश में भेजी गईं, वहीं देश-विदेश से प्राप्त 1.76 लाख राखी डाक का वितरण यहाँ डाकघरों द्वारा किया गया। रक्षाबंधन के लिए डाक वितरण के विशेष प्रबंध किए गए। अकेले 30 अगस्त को लगभग 23 हजार राखी डाक का वितरण वाराणसी परिक्षेत्र के डाकघरों द्वारा लोगों को किया गया।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि रक्षाबंधन की महत्ता सिर्फ भारत में ही नहीं अपितु विदेशों में भी खूब देखी गई। संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी, सऊदी अरब, फ़्रांस, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, ओमान इत्यादि तमाम देशों में 1,125 राखी डाक स्पीड पोस्ट और रजिस्टर्ड पत्र द्वारा वाराणसी परिक्षेत्र के डाकघरों से भेजी गईं। वहीं विदेशों में रह रही बहनों ने भी अपने भाइयों को डाक विभाग के माध्यम से राखी भेजा, जिन्हें डाकिया के माध्यम से तुरंत वितरित कराया गया।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग ने राखी डाक की बुकिंग के साथ-साथ स्पेशल सॉर्टिंग और इनके त्वरित वितरण हेतु डाकघरों से लेकर रेलवे मेल सर्विस और सॉर्टिंग हब तक में विशेष प्रबंध किये। आज भी डाक अपना संदेश भेजने का सबसे सरल और सुलभ माध्यम है, ऐसे में रक्षाबंधन पर ज्यादातर राखियां डाक से ही भेजी जाती हैं। चिट्ठियों के माध्यम से खुशियां बिखेरते रहने वाले डाक विभाग ने रिश्तों के इस त्यौहार को भी एक नया आयाम दिया है।

(ब्रजेश शर्मा)>
सहायक निदेशक>
कार्यालय – पोस्टमास्टर जनरल>
वाराणसी परिक्षेत्र, वाराणसी -221002

Postal Deptt. made Special arrangement for Rakhi Festival, 1.76 lakh Rakhi mails delivered from Post Offices in Varanasi Region

In the hi-tech society, the importance of silk threads of Rakhi is still intact amidst the virtual relationships. The Postal Department made all the preparations for this festival including launch of waterproof designer envelopes for sending Rakhi, special sorting and delivery of Rakhi mails till late evening so that no brother’s wrist was left desolate. Postmaster General of Varanasi Region Mr. Krishna Kumar Yadav said that more than 1.15 lakh Rakhi mails were sent to the various parts of country and even abroad, while 1.76 lakh Rakhi mails were delivered by the Post Offices in Varanasi Region. Special arrangements have been made for prompt processing of Rakhi mails from the booking to delivery point. On August 30, about 23 thousand Rakhi mails were delivered by the Post Offices in Varanasi Region.

Postmaster General Mr. Krishna Kumar Yadav said that the importance of Raksha Bandhan was seen not only in India but also in foreign countries. 1,125 rakhis were sent by Speed Post and Registered Letter from Post Offices of Varanasi Region to countries like USA, UK, Singapore, UAE, Germany, Saudi Arabia, France, New Zealand, Australia, South Africa, Canada, Oman etc. At the same time, sisters living abroad also sent Rakhis to their brothers through the Postal Department, which were delivered immediately through postmen.

Postmaster General Mr. Krishna Kumar Yadav said that along with booking of Rakhi mail, special arrangements were made by the Postal Department for special sorting and their quick delivery from Post Offices. Even today, post is the easiest and most accessible medium to send your message and most of the Rakhis on Rakshabandhan are sent by post. The Department of Posts, which has been spreading happiness through letters, has also given a new dimension to this festival of relationships, added Mr. Yadav.

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार