मौजूदा वित्तीय वर्ष बीतने ही वाला है और योगगुरु रामदेव की कंपनी पतंजलि ने 5000 करोड़ रुपये का टर्नओवर हासिल करने के अपने लक्ष्य को पाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। करीब 10 साल पहले मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी के तौर पर अस्तित्व में आई पतंजलि के लिए यह लक्ष्य इतना आसान नहीं है लेकिन इसके आयुर्वेदिक प्रॉडक्ट्स ने मौजूदा बाजार के नियमों को तोड़ते हुए महीने दर महीने बिक्री में जबर्दस्त बढ़ोतरी दर्ज कर रही है।
सूत्रों की मानें तो जनवरी और फरवरी में पतंजलि प्रॉडक्ट्स की मासिक बिक्री 600 से 700 करोड़ रुपये तक रह सकती है और अगर यही रफ्तार जारी रहती है तो कंपनी फाइनैंशल इयर 2017 से पहले ही 7000 करोड़ रुपये के टर्नओवर को भी पार कर जाएगी, जिसका मतलब है कि पतंजलि, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, नेस्ले इंडिया और ब्रिटैनिया के बाद देश की पांचवी सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी बन जाएगी। ऐसे में कंपनी डाबर, गोदरेज और मैरिको जैसी इस सेक्टर की कई दिग्गज कंपनियों को काफी पीछे छोड़ देगी।
टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत के दौरान पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में कंपनी का टर्नओवर 4500 करोड़ रुपये को पार कर चुका है और करीब 500-550 करोड़ रुपये प्रतिमाह की रफ्तार से बिक्री जारी है। उन्होंने बताया, ‘हमारा टारगेट 500 करोड़ रुपये प्रतिमाह से ज्यादा हासिल करने का था। हम 600 करोड़ रुपये प्रतिमाह तक भी पहुंच रहे हैं, जिसका मतलब है कि हमारा सालाना टर्नओवर करीब 7000 करोड़ तक पहुंच सकता है।’
वहीं कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि पतंजलि ने विज्ञापनों का सहारा लेना जल्दी ही शुरू किया है, ऐसे में वह 10 हजार करोड़ का टर्नओवर भी हासिल कर सकती है। इसके अलावा अपने प्रतियोगी ब्रैंड्स की तुलना में प्रॉडक्ट्स की कीमतों में कमी के चलते ग्रामीण इलाकों में इसकी पैठ बढ़ती जा रही है जिसका निश्चित तौर पर उसे बड़ा लाभ मिलेगा।
साभार-टाईम्स ऑफ इंडिया से