पश्चिम रेलवे द्वारा विभिन्न गंतव्यों के लिए 139 त्यौहार विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं
पिछले वर्ष चलाये गए ट्रेनों की संख्या की तुलना में 100% से अधिक की वृद्धि।
नियमित ट्रेनों के अलावा इन फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों से लगभग 8 लाख अतिरिक्त यात्री यात्रा कर रहे हैं।
भीड़ प्रबंधन और यात्रियों की आवाजाही को सुव्यवस्थित करने हेतु आरपीएफ और जीआरपी कर्मियों की तैनाती बढ़ाई गई
स्थिति पर नजर बनाये रखने और संकट प्रबंधन हेतु रेल अधिकारी चौबीसों घंटे तैनात हैं
मुंबई। सूरत, उधना, वडोदरा, अहमदाबाद आदि प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर त्योहारी सीजन की भीड़ के मद्देनजर तथा प्लेटफार्मों एवं एफओबी सहित रेल परिसरों में यात्रियों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए पश्चिम रेलवे द्वारा कई एहतियाती कदम उठाए गए हैं और इन स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन के उचित कार्यान्वयन के लिए कई व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार यात्रियों की सुविधा और यात्रा मांग को पूरा करने के उद्देश्य से इस वर्ष पश्चिम रेलवे विभिन्न गंतव्यों के लिए 139 फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनें चला रही है, जो पिछले वर्ष चलाई गई ट्रेनों की तुलना में 100% अधिक है। पश्चिम रेलवे के नियमित ट्रेनों के अलावा इन ट्रेनों से लगभग 8 लाख अतिरिक्त यात्रियों का वहन किया जा रहा है। इनमें से 59 ट्रेनें गुजरात से निकलती हैं, जिनमें सूरत/उधना से चलने वाली 23 ट्रेनें शामिल हैं। इसी तरह, मार्ग में आने वाली 31 ट्रेनों का सूरत/उधना में ठहराव है। अतिरिक्त विशेष ट्रेनों के परिचालन की निगरानी मंडल और मुख्यालय स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जा रही है, जिसके अनुसार योजना भी बनाई गई है। इसी तरह, ट्रेनों की प्रतीक्षा सूची की वास्तविक समय के आधार पर दैनिक निगरानी की जाती है और अतिरिक्त भीड़ को कम करने के लिए समय–समय पर मौजूदा ट्रेनों में अतिरिक्त कोच जोड़े जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि भीड़ की निगरानी और नियंत्रण के लिए सूरत, उधना, वडोदरा, अहमदाबाद आदि जैसे भारी भीड़ वाले स्टेशनों पर स्टाफ की अधिकतम तैनाती सुनिश्चित की गई है। प्रवेश/निकास बिंदुओं और प्लेटफार्मों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आरपीएफ और जीआरपी कर्मियों को चौबीसों घंटे तैनात किया गया है। इसके अतिरिक्त, सभी ट्रेनों के प्रत्येक कोच (आरक्षित और अनारक्षित दोनों) के गेट पर आरपीएफ/जीआरपी कर्मी तैनात किए गए हैं। बेहतर प्रबंधन के लिए सूरत और उधना स्टेशन परिसर में एक होल्डिंग एरिया स्थापित किया गया है ताकि यात्रियों के समय से बहुत पहले आने की स्थिति में वे आराम से प्रतीक्षा कर सकें। ये क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं जैसे पीने के पानी, स्वच्छता सुविधाओं आदि से सुसज्जित हैं।
साथ ही, स्टेशन परिसर के पास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त बल भी तैनात किया गया है। स्टेशन तक पहुंच क्षेत्र को विनियमित किया गया है ताकि प्लेटफॉर्म पर समय से बहुत पहले प्रवेश को प्रतिबंधित किया जा सके। स्टेशन पर भारी भीड़ को रोकने के लिए प्लेटफार्म टिकटों की बिक्री रोक दी गई है। आपात स्थिति के लिए स्टेशनों पर मेडिकल टीमें भी तैनात की गई हैं। यात्रियों को कतार में व्यवस्थित करने के लिए उद्घोषणाएं की जाती है। यात्रियों की आवाजाही में सुगमता सुनिश्चित करने, ट्रेन से उतरने वाले यात्रियों को सुव्यवस्थित करने के लिए यात्रियों को अलग–अलग किया जाता है। भीड़ से बचने के लिए यात्रियों को व्यवस्थित रूप से पंक्तिबद्ध किया गया और फिर कोचों में प्रवेश करने के लिए निर्देशित किया गया। ट्रेन के डिब्बे के अंदर यात्रियों को समायोजित करने और जगह बनाने के लिए सूचित किया गया ताकि बाहर इंतजार कर रहे यात्रियों को भी समायोजित किया जा सके। जो यात्री अपनी ट्रेन में नहीं चढ़ सके उन्हें आगे की स्पेशल ट्रेनों की जानकारी दी जाती है.
श्री ठाकुर ने बताया कि विशेष ट्रेनों का व्यापक प्रचार–प्रसार करने और जनता तक सूचना का उचित प्रसार सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए गए हैं। यात्रियों को नई ट्रेनों के बारे में जानकारी देने के लिए नियमित ट्वीट, सोशल मीडिया पोस्ट, समाचार पत्र आदि द्वारा प्रचार किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, सूचनाओं को स्टेशनों पर स्टैंडीज़, पैम्फलेट, बैनर आदि के माध्यम से भी प्रसारित किया गया। इसके अलावा टिकट चेकिंग, आरपीएफ और जीआरपी कर्मी द्वारा जनउद्घोषणा प्रणाली के माध्यम से यात्रियों का मार्गदर्शन किया गया। इसके अलावा, लक्षित दर्शकों तक पहुंचने और चलाई जा रही विशेष ट्रेनों के संबंध में व्यापक और त्वरित जानकारी प्रदान करने के लिए संदेश विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों और स्थानीय गैर सरकारी संगठनों, ट्रेड एसोसिएशन एवं यूनियनों, सामुदायिक नेताओं आदि के समूहों को भेजे जा रहे हैं।