रांची के अलग-अलग इलाकों के 36 लोगों ने गंगा उत्सव के दौरान पैदा हुईं अपनी बच्चियों के नाम गंगा और दूसरी नदियों के नाम पर रखे हैं। इनके जन्म पर उनके माता-पिता बेहद खुश हैं और उनका मानना है कि ये बच्चियां उनके जीवन मे भी खुशियों की गंगा बहा देंगी। सभी बच्चियां एक महीने की हो चुकी है और पूरी तरह से स्वस्थ हैं। रांची में दो से चार नवंबर तक गंगा उत्सव के दौरान जलाशयों और डैमों के किनारे जिला प्रशासन की ओर से कार्यक्रम किए गए थे। अधिकारियों ने श्रमदान भी किया था। साथ ही रंगोली, दीवाल लेखन, स्लोगन लेखन और निबंध प्रतियोगिता की गई थीं। प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित भी किया गया था। इस दौरान लोगों से नदियों और जलों के संरक्षण का संकल्प लेने की अपील की गई थी।
कैसे रखे गए 36 बच्चियों के नाम
दरअसल, एक से चार नवंबर तक नदियों को निर्मल बनाने के संकल्प के साथ रांची समेत पूरे राज्यभर में गंगा उत्सव मनाया गया। जगह-जगह विभिन्न नदियों के तट पर गंगा आरती की गई। एक सुखद बात जो हुई , उसकी तो किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। रांची और आसपास के 36 दंपतियों ने इस तीन दिन के महोत्सव के दौरान पैदा अपनी बेटियों का नामकरण गंगा और दूसरी अन्य नदियों के नाम पर कर दिया। गंगा के अलावा अलकनंदा, भागीरथी, जान्हवी, नर्मदा, कावेरी और सरस्वती जैसे नाम लोगों ने अपनी बच्चियों को दिए। ये इन नदियों के प्रति आस्था और इनकी निर्मलता बरकरार रखने के दृढ़ निश्चय को दर्शाता है। रांची के अरसंडे निवासी विनय ने भी अपनी बेटी का नाम गंगा रखा है। जिला प्रशासन की ओर से इन सभी परिवारों को सम्मानित भी किया जा चुका है।
रांची के जिला स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों से यह बात सामने आयी है। जिले से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार अभी 36 बच्चियों का नामकरण नदियों पर किया गया है। गंगा के साथ भागीरथी, अलकनंदा, जाह्नवी, सरस्वती, मंदाकिनी, कावेरी, शारदा और अन्य नाम रखे गए हैं।
गंगा उत्सव के रांची के नोडल पदाधिकारी संजय कुमार के अनुसार बेड़ो की श्रेया तिर्की, रातू की बल मदीना तिर्की, लापुंग की सुनीता उरांव ने अपनी बेटी का नाम गंगा रखा है। सोनाहातू की मंजू देवी ने अपनी बेटी का नाम मंदाकिनी तथा कांके की गीता कुमारी ने अपनी बेटी का नाम अलकनंदा रखा है।