रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'मेक इन इंडिया॑ की पहल को आगे बढ़ाते हुए भारतीय रेलवे में दो बड़े एफडीआई प्रस्तावों को हरी झंडी दे दी है। सुरेश प्रभु ने बिहार में 2,400 करोड़ रुपए की लागत से डीजल और इलेक्ट्रिक इंजन कारखाना लगाने के बारे में दो बड़े प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रस्तावों को हरी झंडी दे दी है। रेलवे ने अच्छे खासे विलंब के बाद मधेपुरा के इलेक्ट्रिक इंजन कारखाने व मरहोड़ा के डीजल इंजन कारखाने को लेकर चला आ रहा असमंजस समाप्त करते हुए ऊंचे मूल्य की संयुक्त उद्यम परियोजनाओं की वित्तीय बोली को अंतिम रूप दे दिया है। इसके लिए रेलवे ने बोली दस्तावेज की कई बार समीक्षा की।
दोनों संयंत्रों के लिए वित्तीय बोली दस्तावेजों वाले प्रस्ताव के लिए आग्रह (आरएफपी) तैयार हैं और छांटी गई बोली लगाने वाली कंपनियों को इसकी सूचना दे दी गई है। मधेपुरा के प्रस्तावित इलेक्ट्रिक इंजन कारखाने के लिए चार वैश्विक कंपनियां अल्सटाम, सीमंस, जीई व बाम्बार्डियर का नाम छांटा गया है। वहीं मरहोड़ा के डीजल इंजन कारखाने के लिए दो बहुराष्ट्रीय कंपनियों जीई व ईएमडी का नाम छांटा गया है। इन दोनों कारखानों की अनुमानित लागत 1,200-1,200 करोड़ रुपये है। अधिकारी ने बताया कि वित्तीय बोली 31 अगस्त को खोली जाएगी।