अगर आपका बच्चा खो गया है तो अब केंद्र सरकार उसे ढूंढने में आपकी मदद करेगी। इसके लिए केंद्र की ओर से खोया-पाया नाम से वेब पोर्टल की शुरूआत की है। ये पूरी तरह अंग्रेजी में बनाया है और मेनका गाँधी के मंत्रालय का दावा है कि इसके जरिए ना सिर्फ देश का कोई भी अभिभावक लापता बच्चों की जानकारी अपलोड कर सकेगा, रास्ते में मिले गुमशुदा बच्चों की जानकारी दी जा सकेगी। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और इलेक्ट्रोनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की साझेदारी में इसकी शुरूआत की जा रही है। अब तक पूरे देश में ऎसा कोई केन्द्रीयकृत सिस्टम नहीं था।
ऎसे करेगा काम
खोया-पाया.जीओवी.इन (http://khoyapaya.gov.in) के नाम से तैयार इस वेबपोर्टल पर सबसे पहले लोग-इन में स्वयं का रजिस्टे्रशन करना होगा। इसके बाद वह इसका उपयोग कर सकेगा। इसमें लोग-इन के अलावा तीन ही प्रमुख विकल्प होंगे। इसमें पहला मेरा बच्चो खो गया है। दूसरा मुझे कोई गुमशुदा बच्चा मिला है या देखा है और तीसरा विकल्प सर्च का होगा। इसमें लापता बच्चों की राज्य व जिला स्तरीय जानकारी पर उपलब्ध होगी। इसके अलावा बच्चे के लापता होने पर तुरंत इसकी सूचना नजदीकी या संबंधित थाने पर देने की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
सोशल साइट्स व एप से मिली प्रेरणा
पिछले कुछ समय में देशभर में टि्वटर, फेसबुक और व्हाट्सएप के अलावा अन्य सोशल मीडिया की मदद से गुमशुदा हुए कई बच्चों को मिलना संभव हुआ है। इस तरह की सफलता को देखते हुए केंद्र ने इस तरह का डिजिटल तरीका अपनाया है। इस पोर्टल को अन्य सोशल मीडिया से भी जोड़ा जाएगा। जिससे इस तरह की जानकारी आसानी से साझा की जा सकें।
पोर्टल निम्न फीचर के आधार पर काम करेगा।
– लोग-इन-रजिस्टर
– माइ चाइल्ड इज मिसिंग
– आइ हैव फाउंड ए चाइल्ड
– सर्च ए मिसिंग चाइल्ड
इसकी खासियत ये है कि ये पूरी तरह से अंग्रेजी में बनाया गया है ताकि हिन्दी जानने वाली देश की सबसे ज्यादा आबादी इसका उपयोग न कर सके।