मोदी जी की सरकार ने ‘ सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण’ के 9 साल पूरे कर लिए हैं यह नौ वर्ष गरीबों का कल्याण करने, मध्यमवर्ग की सुविधा अनुकूल अवसर देने, महिलाओं को सशक्त बनाने, किसान समर्थक नीतियों को क्रियान्वित करने,देश के युवाओं के लिए शैक्षिक और रोजगार अनुकूल बनाने, पड़ोसी देशों के साथ शांति, स्थिरता और सौहार्द की नीति को लागू करने, वैश्विक पटल पर राष्ट्र को सम्मान दिलाने और देश के भीतर सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने के लिए मोदी सरकार ने 9 साल पूर्ण किया है। 9 साल का मुल्यात्मक परीक्षण करने से स्पष्ट होता है कि वैश्विक पटल पर भारत का सम्मान बढ़ा है ,उसी प्रकार प्रत्येक भारतीय का जीवन बेहतर और सुखदायक हुआ है। देश की आर्थिक प्रगति हो, देश का प्रतिरक्षा हो, रोजगार हो या भविष्य के प्रति बढ़ता आत्मविश्वास हो। कोरोना महामारी से भारत मुश्किल से बाहर निकला है ,बल्कि अपनी प्रगति की रफ्तार बढ़ाता जा रहा है ।सभी मानदंडों के स्तर पर भारत की स्थिति बहुत योग्य मजबूत एवं सफलतम रही हैं।
जल जीवन मिशन की शुरुआत अगस्त, 2019 में हुई थी। इसका उद्देश्य प्रत्येक घर में नल का पानी पहुंचाना है। अगस्त, 2019 में देश के ग्रामीण इलाकों में केवल 3.23 करोड़ यानी 16.55% घरों में ही नल से जलापूर्ति होती थी। योजना के तहत ,2019 से 2023 तक 4 वर्षों में देश के ग्रामीण क्षेत्र के 8.60 करोड़ घरों में पेयजल आपूर्ति के लिए नल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। अब तक भारत के गांव में 11.84 करोड़ यानी 60.92% से अधिक घरों में नल कनेक्शन लगे हुए हैं। जल जीवन मिशन योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में बहुत सफल व प्रासंगिक सिद्ध हो रही है, क्योंकि ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाओं को पेयजल के लिए घरों से कोसों दूर नहीं जाना पड़ता है। इस योजना में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन को सरल ,स्वस्थ व गुणवत्तापूर्ण बना दिया है। जल जीवन मंत्रालय के आंकड़ों से यह तथ्य प्राप्त हुआ है कि 8.60 करोड़ से अधिक घरों में नल कनेक्शन प्राप्त हुआ है, एवं 11.84 करोड़ से अधिक घरों तक पहुंचा नल का कनेक्शन। इन आंकड़ों के आधार पर कह सकते है कि जल क्षेत्र में मोदी सरकार के कार्य सराहनीय व सफल हैं।
चिकित्सा क्षेत्र में विगत 9 सालों में भारत को अभूतपूर्व उपलब्धि प्राप्त हुआ है। देशवासियों को किफायती, बेहतर एवं सर्व सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए संसार की सर्वश्रेष्ठ महत्वकांक्षी व दूरदर्शी योजना ” आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ” की शुरुआत 23 सितंबर ,2018 को किया गया था। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार ,30 अप्रैल 2023 तक 23.30 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत आरोग्य कार्ड बन चुका है ।4.81 करोड़ ब लोगों ने विभिन्न चिकित्सालयों में इस कार्ड से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया है। स्वास्थ्य क्षेत्र में दूसरे महत्वपूर्ण उपलब्धि” जन औषधि योजना” है जिसके अंतर्गत सभी व्यक्तियों को सस्ती कीमतों पर गुणवत वाले जेनेरिक औषधि उपलब्ध कराई जाती है। विगत 9 वर्षों में जन औषधियों की संख्या 9413 हो गई है, इससे व्यक्तियों के ऊपर दवाओं की लागत में होने वाले खर्च में 2000 करोड़ से अधिक का बचत हुई है।या चिकित्सा क्षेत्र में चिकित्सा आंदोलनों हैं।देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में अभूतपूर्व बदलाव हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, वर्तमान में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 700 और चिकित्सा स्नातक व परास्नातक की सीटें 1.7 लाख हो गई हैं।
जुलाई, 2015 में प्रारंभ किया गया डिजिटल इंडिया अभियान का सर्वाधिक प्रभाव डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में मिला है। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार ,अप्रैल तक यूपीआई से लेनदेन 15 लाख करोड रुपए के आंकड़े के पार पहुंच गया है। वर्तमान में रियल टाइम डिजिटल पेमेंट के मामले में भारत वैश्विक स्तर पर पहले स्थान पर है।डिजिटल भुगतान प्रणाली की उपादेयता से सरकारें लाभार्थी को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिए योजनाओं का लाभ दे रही है। वित्तीय वर्ष 2021- 22 तक 24.8 लाखों रुपए से अधिक का प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण हो चुका है। भारत में इंटरनेट की पहुंच 2022 में 48.7% लोगों तक पहुंच चुकी है। वर्तमान में देश में स्टार्टअप की संख्या 93000 से अधिक हो चुका है। इनमें 105 यूनिकॉर्न हो चुके हैं।
भारत में गरीबों के कल्याण व उनको गुणवत्तापूर्ण जीवन प्रदान करने के लिए 2014 में प्रधानमंत्री जनधन योजना प्रारंभ किया गया था। अगस्त, 2022 तक 46 करोड से ज्यादा जनधन खाते खुले हैं और इनमें 1.74 लाख करोड़ जमा हुए हैं। पीएम गरीब कल्याण योजना का उद्देश्य देश के प्रत्येक नागरिक को भूख से मुक्ति दिलाना है। 26 मार्च, 2020 को शुरू इस योजना के तहत देश के 80 करोड़ व्यक्तियों को मुफ्त राशन मिल रहा है। इस योजना के तहत सरकार 5.91 लाख करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। मोदी जी ने महात्मा गांधी के 145 वी वीजयंती पर स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत किया था। इस अभियान के अंतर्गत केंद्र सरकार ने 11.5 करोड़ से ज्यादा घरों में शौचालय बनवाया है। असंगठित क्षेत्र से जुड़े 42 करोड़ से अधिक लोगों के पास अब प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना के तहत पेंशन कवरेज मिली है।प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 46 करोड़ से अधिक लोगों के जन धन खाते खोले गए, 80 करोड़ लोगों को राशन गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत दिया गया है,42 करोड़ लोगों को श्रम योगी मान धन योजना के तहत पेंशन प्रदान किया है।
उज्जवला योजना का उद्देश्य ग्रामीण व वंचित परिवारों के व्यस्क महिलाओं को स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराना है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी विकार ,वायु प्रदूषण और वनों की कटाई रोकी जा सके। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष 12 सिलेंडर और ₹200 सब्सिडी दी जाती है।पेट्रोलियम मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 9.59 करोड़ लाभार्थियों को उज्जवला योजना के अंतर्गत लाभान्वित हुए हैं।31.36 करोड़ एलपीजी उपभोक्ताओं की संख्या हुई है।स्वास्थ्य विकार व वायु प्रदूषण को रोकने के लिए शहरी क्षेत्रों में सीजीडी (सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन) की पहुच 630जनपद तक हो चुकी हैं। पीएनजी कनेक्शन की संख्या अप्रैल,2023तक 103.93लाख हो चुका हैं।
ऊर्जा क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव हुआ है। देश में बिजली उत्पादन 2014-15 में 1110.458 मिलियन यूनिट था, जो 2022- 23 में बढ़कर 16 24.158 मिलियन यूनिट हो चुका है। मई, 2023 तक देश में कुल स्थापित उत्पादन क्षमता 416591 मेगा वाट है।कुल संस्थापित उत्पादन क्षमता में जीवाश्म ईंधन का हिस्सा 57% है ,इसमें 49.3% बिजली उत्पादन कोयले से होता है ।जल, पवन और सौर व अन्य नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी41.40% ताथव परमाणु ऊर्जा की1.6% हैं।प्राप्त आकंड़ों के अनुसार,देश में कुल संस्थापित ऊर्जा क्षमता 416591मेगावॉट है,अर्थात 514बिलियन यूनिट बिजली उत्पादन में वृद्धि हुई है।
भारत सरकार ने पिछले 9 वर्षों में रक्षा उत्पादन एवं निर्यात के क्षेत्र में अप्रत्याशित उपलब्धि हासिल किया है। पिछले दशक तक रक्षा उत्पादक भारत और वैश्विक स्तर पर रखा निर्यातक देश हुआ है। भारत वर्तमान में 85 देशों को रक्षा सामग्री का निर्यात कर रहा है। देश की 100 कंपनियां रक्षा निर्यात कर रही हैं ।वर्ष 2013-14 में रक्षा निर्यात के 1153 करोड़ रुपए था ,जो 2022 – 2023में बढ़कर 15920 करोड़ रुपए हो चुका है। भारत सरकार द्वारा निजी क्षेत्र को जारी रक्षा लाइसेंसों की संख्या 200% की वृद्धि हुई है। सैन्य उपकरण बनाने वाली वैश्विक स्तर के शीर्ष 100 कंपनियों में तीन भारतीय कंपनी है, जो हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड एवं इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्री है।
मोदी सरकार ने 9 वर्षों में पंद्रह सौ कानूनों को समाप्त किया है। इनमें से बहुत कानून अंग्रेजों के जमाने से अप्रासंगिक थे। मोदी सरकार ने जनता के भलाई के लिए 25 हजार से ज्यादा कानूनी शर्तों को हटा दिया है। मोदी सरकार ने 1824 कानूनों को चिन्हित किया है, जो जनोपयोगी नहीं है। विधि मंत्रालय के अनुसार 9 वर्ष में 1500 कानून समाप्त किए गए, जबकि 25000 कानूनी शर्तें जनता की सहूलियत के लिए समाप्त किए गए हैं।
वर्ष 2014 से अब तक लगभग 50000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग( एनएच) का निर्माण हुआ है। 2014 – 15 तक राष्ट्रीय राजमार्ग की गति प्रतिदिन 12 किलोमीटर थी, जो 2021- 2022 में बढ़कर 29 किलोमीटर प्रतिदिन हो गई है।देश का सबसे लंबा 1386 किलोमीटर दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेसवे, जो भारतमाला परियोजना का भाग है विकसित किया जा रहा है।
2014 में देश में 74 हवाई अड्डे थे, जो अब 148 हो गए हैं। 2016 में क्षेत्रीय संपर्क योजना “उड़ान” के तहत 74 हवाई अड्डों को जोड़ने वाले 469 मार्गों को चालू किया गया है।
भारतीय रेलवे ने 2030 तक कार्बन उत्सर्जन शून्य (0) कर दुनिया का सबसे बड़ा हरित रेलवे बनने का लक्ष्य रखा है। रेलवे के 90 यानी 58424 किलोमीटर रेल मार्ग का विद्युतीकरण हो चुका है। मोदी सरकार ने 9 वर्ष में 37011 किलोमीटर रेल मार्ग का विद्युतीकरण किया हैं।
(लेखक लोक नीति विशेषज्ञ हैं)